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Sonam kuril
White हम्म.... कभी-कभी आसमान में तारों की तरफ देखकर ऐसा लगता है, जैसे हम अभी भी बच्चे है, हाँ...उम्र बढ़ रही है, पर.... मेरा दिल और दिमाग़ अब भी वही है | जब भी तारों को देखती हुँ, तो सबसे ज्यादा टिमटिमाने वाले तारे को देखकर, उसमे कही गुम सी हो जाती हुँ, मुझे नहीं पता....की..... उसे देखकर, मन को क्यों इतना सुकून मिलता है, बचपन से ही मुझे आसमान,तारे और चाँद को देखना पसंद था उनको देखकर देर रात उनसे बातें करती, मेरे पूरे दिन की सारी बातें कहकर उनसे शिकायतें करती, मैं बचपन से ही बहुत चुप-चुप सी रहने वाली थी, कम बातें करती, अपनी बातें अपने तक ही रखती थी, एक बार मेरे पापा ने मुझसे कहा था, जो मन में हो उसे कह दिया करो या लिख दिया करो, वो बात कहीं मेरे ज़हन में बस गयी थी, मैंने इस आसमान, इन टिमटिमातें तारों और चाँद को अपना सीक्रेट दोस्त बना लिया, और फिर एक रोज मेरी प्यारी डायरी भी मेरी दोस्त बन गयी, ना जाने कितने दिन हो गयी मुझे मेरे दोस्तों से मिले, सोचती हुँ एक रोज फिर उनसे मिला जाये, और फिर से कुछ यादें ताज़ा की जाये, मेरी चाहतों और सुकून की तलाश में | ©Sonam kuril #good_night #hmm हम्म.... कभी-कभी आसमान में तारों की तरफ देखकर ऐसा लगता है, जैसे हम अभी भी बच्चे है, हाँ...उम्र बढ़ रही है, पर.... मेरा दि
#good_night #hmm हम्म.... कभी-कभी आसमान में तारों की तरफ देखकर ऐसा लगता है, जैसे हम अभी भी बच्चे है, हाँ...उम्र बढ़ रही है, पर.... मेरा दि #विचार
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White सुकून दिल को मेरे-तेरे नाम से आया,ऐ दिलरुबा तु मेरे दिल को,इस कदर भा आया//१ न पूछ हाल मेरे दिल का ऐ दिल ए महबूब, तु आज फिर से,मेरी*जीस्त मे समा आया//२ मेरा सलीका ए उल्फत,भला तु क्या जाने, के इस चमन मे तु बन बागबा,मेरा आया//३ मेरी*सदाकत का अब भी, बोलबाला है,वो *फरेबी मेरी शोहरत को फिर दबा आया//४ मै*हालेजार ही जा बैठी तेरे पहलु मे,तु दिलरुबा बुझी"शमा"को फिर जला आया//५ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #love_shayari सुकून दिल को मेरे-तेरे नाम से आया,ऐ दिलरुबा तु मेरे दिल को,इस कदर भा आया//१ न पूछ हाल मेरे दिल का ऐ दिल ए महबूब,तु आज फिर से,
#love_shayari सुकून दिल को मेरे-तेरे नाम से आया,ऐ दिलरुबा तु मेरे दिल को,इस कदर भा आया//१ न पूछ हाल मेरे दिल का ऐ दिल ए महबूब,तु आज फिर से, #Live #Trending #Like #writersofindia #viral #shamawritesBebaak
read moreMoHiTRoCk F44
प्रेमिका की तड़प दिल को कह दो तुम्हारे ख़यालों से ज़रा फ़ुरसत निकाले यहाँ करने के लिए गिले सिकबे बहुत हैं कब तक रोऊँ मैं तेरे इश्क़ में मोहित कोशिशों के बाबजूद भी फ़ासले बहुत हैं तुम ना आए, तुम ना आओगे पर अब भी मेरे दिल को हौसले बहुत हैं हम ख़ुद तुम्हारी राह में बिछ जाते पर क्या करें कमबख़्त मेरी ज़िंदगी के भी वा मसले बहुत है ©MoHiTRoCk F44 #lovefeelings #love2lover #MohitRockF44 #hindi_shayari #hindi_poetry #nojohindi_trending प्रेमिका की तड़प दिल को कह दो तुम्हारे
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read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} इन्सान को यह नही देखना चाहिए, क्या है, क्या मिला है, क्या नही मिला, या उसके अनुसार क्या होना चाहिए, कियोकि सबके अनुसार सब नही होता, पर जीवन को जीना होता है, इस जिंदगी की उलझनों मैं उलझे रहोगे, तो रोते हुए आये रोते रोते मर गए, अब भी वक्त है, भजले हरि का नाम मनवा, भजले हरि का नाम।। जय श्री कृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #isro_day {Bolo Ji Radhey Radhey} इन्सान को यह नही देखना चाहिए, क्या है, क्या मिला है, क्या नही मिला, या उसके अनुसार क्या होना चाहिए, क
#isro_day {Bolo Ji Radhey Radhey} इन्सान को यह नही देखना चाहिए, क्या है, क्या मिला है, क्या नही मिला, या उसके अनुसार क्या होना चाहिए, क #मोटिवेशनल
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान । भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।। धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान । देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान । जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।। इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान । नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम । रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।। अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान । ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।। धरती माँ के सीने पर अब..... नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव । गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।। झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव । धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य , में दिखता क्यों हमें अभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन् #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौल , देश का सैनिक दैनिक ।। ये भी हैं इंसान , हृदय इनके भी होते । यह मत सोचों आप , चैन से सैनिक सोते । कुछ मत पूछो याद ,उन्हें जब घर की आती- किसी किनारे बैठ , सिसक कर वह भी रोते ।। लिए तिरंगा हाथ , बढ़े सैनिक जब आगे । बढ़े देश की शान , खौफ़ से दुश्मन भागे । ऐसे वीर जवान , देश में मेरे अपने- सुनकर दुश्मन आज, रात भर अपना जागे ।। मुझ सैनिक के पास , बहन की राखी आयी । देख उसे अब आज , याद वैशाखी आयी । बहनों का ही प्रेम , जगत में सबसे ऊपर - यही दिलाने याद , घरों की पाती आयी ।। अब भी है उम्मीद , बहन राखी का तेरी । आ जाये जब याद , भेज दे राखी मेरी । तेरा भैय्या आज , दूर सरहद पर बैठा- क्या है तू मजबूर , हुई जो इतनी देरी ।। जिनको दिया उधार , कहीं न नजर वो आते । जग में ऐसे लोग , तोड़ देते हैं नाते । मानो मेरी बात , दूर अब रहना इनसे- ये है काले नाग , समय पाकर डस जाते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ
मुक्तक :- करके सुख का त्याग , बना देखो वह सैनिक । थाम तिरंगा हाथ , नहीं वह होता पैनिक । इस जीवन में प्यार , नही होगा दोबारा । लेता है यह कौ #कविता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White कुछ टूटे हैं ख़्वाब मेरे कुछ को अब भी बुन रहा, जो उठ रहीं आवाजें मुझ पर उनको भी सुन रहा... ! बड़ा मुश्किल होता हैं जवाब देना जब कोई चुप रह के सवाल करता हैं ।। ─❀⊰─❀⊰─❀⊰─❀⊰─❀⊰─ ©बेजुबान शायर shivkumar #sad_shayari #SAD #sad_feeling #sad_emotional_shayries #दिलकीबातशायरी143 #Nojoto कुछ टूटे हैं #ख़्वाब मेरे कुछ को अब भी बुन रहा, जो उ
#sad_shayari #SAD #sad_feeling #sad_emotional_shayries #दिलकीबातशायरी143 कुछ टूटे हैं #ख़्वाब मेरे कुछ को अब भी बुन रहा, जो उ #मुश्किल #सवाल #आवाजें
read moreN S Yadav GoldMine
White गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey} 'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी योगमायासे प्रकट होता हूँ।' प्रभु का शरीर अनामय है, अर्थात् सारे रोग और विकारों से रहित दिव्य है। हमारा जन्म सुख-दु:ख भोगने के लिये हुआ करता है; परन्तु प्रभु साधुओं की रक्षा, दुष्टों का नाश और धर्म की स्थापना करने के लिये युगो-युगो, में प्रकट होते हैं। वे अपनी दिव्य विभूतियों के सहित योग माया से अवतरित होते हैं। भक्ति के द्वारा देखे और जाने जाते हैं। अब भी भक्ति द्वारा भगवान् प्रकट हो सकते हैं। भगवान् ने कहा भी है- भक्त्या त्वनन्यया शक्य अहमेवंविधोऽर्जुन। ज्ञातुं द्रष्टुं च तत्त्वेन प्रवेष्टुं च परंतप॥ ©N S Yadav GoldMine #kargil_vijay_diwas गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey} 'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी योगमायासे प्रकट होता हूँ।' प्रभु का शरीर अनामय है, अर्
#kargil_vijay_diwas गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey} 'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी योगमायासे प्रकट होता हूँ।' प्रभु का शरीर अनामय है, अर् #मोटिवेशनल
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White भगवान भी हमारी अच्छी परीक्षा ले रहा है पता नही क्या होने वाला है जीवन में किस डगर किस राह पर जायेगी ये हमारी जिंदगी आखिर कब बदलेगा समय मेरा या यूं ही जिंदगी भर तक ये खेल चलता रहेगा आखिर कब तक आखिर कब तक मगर हौसला अब भी मजबूत है मेरा ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #said shayari भगवान भी हमारी अच्छी परीक्षा ले रहा है पता नही क्या होने वाला है जीवन में किस डगर किस राह पर जायेगी ये हमारी जिंदगी आखिर