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एस पी "हुड्डन"

नहीं आता मुझे झूठ बोलना शायद तभी अकेला हूं,
तमाशबीनों मुझे जी भर देखो मैं लुटा हुआ मेला हूं।
आँसू छुपाए दर्द सहे अपने  सारे  गम छोड़े अनकहे,
ऐसे ही तो कितनी दफा मैं  अपने आप से खेला हूं।

©एस पी "हुड्डन" #तभी_अकेला_हूं

#CalmingNature

Pakhi Mitra

You :तुम,आप 
His :उसका, उनका 
Come :आओ,आइये 
Sit :बैठो,बैठिये 
सिर्फ़ "संवाद" ही नहीं "सम्मान" करना भी सिखाती है "हिंदी"।
*हिन्दी दिवस*
पाखी...✍🏻✍🏻 #करो_हिन्दी_का_मान,
#तभी_बढ़ेगी_देश_की_शान ꫰
#आप_सभी_को_विश्व_हिन्दी_दिवस_की_हार्दिक_शुभकामनाएं_ 🙏🏻🙏🏻

Ghumnam Gautam

अश्रुओं से हो गया अभिषिक्त हूँ
तुम गए जबसे तभी से रिक्त हूँ

©Ghumnam Gautam #astrology #अश्रु #अभिषिक्त #तभी_से #रिक्त 
#ghumnamgautam

Nishant Khurpal 'Kabil'

तभी_तो_चेहरे_से_मुरझाया_हुआ_लगता_है। #निशांत_खुरपाल 'काबिल' #Bhola_Fan_Club #Share_Like_and_Comment #nojotophoto #Khurpal_Kabil_Shayari

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 #तभी_तो_चेहरे_से_मुरझाया_हुआ_लगता_है।

#निशांत_खुरपाल 'काबिल'

#Bhola_Fan_Club 

#Share_Like_and_Comment

अनामिका वैश्य आईना

Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

माना मेरी बाते बोरिंग होतीहैं । परबातपतेकीहोतीहैं तभीतोकोई इसकापताहोतेहुएभीइग्नोरकरताहै।#dodil

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vishal patil

सच्ची मूहब्बत तभीसे होणे लगी थी...🦋🦋🦋 Video #Nojotovoice #nojotovideo

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गजेन्द्र द्विवेदी गिरीश

केवल तभी #poem

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केवल तभी

हर पल मुस्कान तेरी बनी रहे, तभी जग मुस्कुराए,
माया विवेक की तू धनी बने, तभी जग जगमगाये।
है दुआ की खुशियों की बारिश हो तुझपे सतत-
दिन सुहानी रूहानी रजनी हो, तभी जग चैन पाये।। केवल तभी

shaanvi

Vandana Gupta

"बस तभी"

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"बस तभी"

एक बेटी जो परी होती है अपने पिता की,
उस घर की चहचहाती चिड़िया होती है,
पिता की पलकों पर बैठी माँ की दुलारी होती है,
बस तभी वो दुत्कारी जाती है,
तानों पर कसी जाती है,
हर वक़्त अपमानित की जाती है,
हाँ बस तभी वो रोती रहती है अन्दर ही अन्दर,
एहसानों से तौला जाता है उसे,
पैसे का रौब दिखाया जाता है,
बस तभी उसका चहचहाना बन्द हो जाता है,
जब ना जाने कितनी ही बार उसे,
सूली पर टाँग दिया जाता है,
सिमटी रहती है किसी कोने में,
उस कोने में ही,
खुद को ढूँढती रहती है,
जो कभी वो हुआ करती थी,
बस तभी वो तलाशती रहती है,
अपने वजूद को,
जो ज़िन्दा रहती थी सबके अन्दर,
बस तभी वो मर चुकी होती है,
लोगों के अन्दर,
हाँ बस तभी जब,
उसका पिता मर जाता है लोगों के लिए!!!!
©वन्दना "बस तभी"
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