Find the Latest Status about करुनी उचित from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, करुनी उचित.
Pyare ji
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान । भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।। धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान । देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान । जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।। इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान । नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम । रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।। अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान । ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।। धरती माँ के सीने पर अब..... नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव । गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।। झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव । धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य , में दिखता क्यों हमें अभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन् #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२ राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब । पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३ अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ । वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४ सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब । क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५ सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान । इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६ बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग । होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७ ज्ञान नहीं है धर्म का , भटक रहे सब लोग । तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८ हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम । याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस ,
दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस , #कविता
read morekumar shivam hindustani
"पग बढ़ाओ मेरे लाल मार्ग खुद खुल जाएंगे" read in caption- ©kumar shivam hindustani क्यूँ होता भयभीत तू किस उलझन का मनमीत तू क्या बीते कल के बर्बादी में या आते कल के आबादी में सब मिट्टी के जाल है समय के जल में घुल जाएंगे पग
क्यूँ होता भयभीत तू किस उलझन का मनमीत तू क्या बीते कल के बर्बादी में या आते कल के आबादी में सब मिट्टी के जाल है समय के जल में घुल जाएंगे पग
read morekumar shivam hindustani
अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है , तो उसको अक्सर बोला जाता भाई 1st स्टेप तो ले.... तो पढियेगा शीर्षक- "पग बढ़ाओ मेरे लाल मार्ग खुद खुल जाएंगे" ©kumar shivam hindustani अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है , तो उसको अक्सर बोला
अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है , तो उसको अक्सर बोला #Poetry #Trending #hindi_poetry #motivatation
read more