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Atul Sharma

📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“शुक्रवार”*📙 #“हास्य” (मुस्कान) #“औषधि”

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📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“15/4/2022”*🖋️
✍🏻 *“शुक्रवार”*📙

“जीवन” में “हास्य” (मुस्कान) 
अत्यंत आवश्यक होती है कहते है 
जीवन में “हास्य”(हंसी) और “मुस्कान”
 “औषधि” का कार्य करती है,
हमें “स्वस्थ” रखती है
किंतु हर एक “औषधि” की भांति इसके साथ भी ऐसा ही है,हर “औषधि” उचित मात्रा में उचित प्रकार से ली जाती है, यदि ऐसा नहीं होता है तो यही “औषधि” 
हमें “नुकसान” पहुंचा सकती है, अब आप सोचेंगे 
कि “हास्य” से क्या “हानि” पहुंच सकती है ?
यदि आप किसी और पर “हंसते” है या उसके दुःख में हंसते है तो उससे उसके “हृदय को ठेस” पहुंचती है,
और यदि हम इसी “हास्य”(मुस्कान) में 
सबको साथ लाकर “हंसते” है 
तो “आनंद” और “प्रसन्नता” बढ़ती है,
तो कैसे “हंसना” चाहेंगे आप ? 
“किसी और के ऊपर” या “सभी के साथ मिलकर” 
चयन आपका है
*“अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“15/4/2022”*🖋️
✍🏻 *“शुक्रवार”*📙

#“हास्य” (मुस्कान) 

#“औषधि”

Atul Sharma

*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“30/03/2022”📝* *📙“बुधवार”🌟* #“माता-पिता” #“गुरू”

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*🖋️“सुविचार"🖋️* 
*📚“30/03/2022”📝*
*📙“बुधवार”🌟*

“जीवन” में हमारे “माता-पिता” एक गुरू जैसे ही होते हैं “माता-पिता” को अपनी “संतान” को समय के अनुसार “श्रेष्ठ संस्कार” देने चाहिए, “माता-पिता” को कभी उनका “विधाता” नहीं बनना चाहिए, किंतु हर समय सदैव “प्रयास” करना चाहिए कि वह अपने “बच्चों” को “उचित दिशा” दिखा पाए, कभी “कोमलता” से तो कभी “प्रेम” से,तो कभी “कठोरता” से उनकी “जीवन” को और “व्यक्तित्व” को आकार देना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार “मिट्टी का मटका” एक बार पकने के बाद उसका “आकार” नहीं बदला जा सकता ठीक उसी तरह “आयु बढ़ने” के पश्चात “संतान” के “संस्कारों” को नहीं बदला जा सकता,
इसलिए अपनी संतान को 
समय के अनुरूप “ढालना” सिखाइए और 
उन्हें “जीवन की कठिनाइयों” 
और “चुनौतियों” सामना करना सिखाइए...
*“अतुल शर्मा 🖋️📝*

©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* 
*📚“30/03/2022”📝*
*📙“बुधवार”🌟*

#“माता-पिता”  

#“गुरू”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“23/3/2022”*📚 📘 *“बुधवार”*🌟 #“आसन” #“आश्वासन”...

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️*“23/3/2022”*📚 
📘*“बुधवार”*🌟 

सबसे महत्वपूर्ण “आसन” “आश्वासन”...
“स्वयं” को “आश्वस्ति” करते रहिए 
कि मैं हूँ सब “ठीक” होगा, ये “आश्वासन”
जो “जीवन” में आपको ऐसी “सकारात्मकता” देगा 
जो बड़ी से बड़ी “दुविधा” का “अंत” कर सकते है,
यदि बात कि जाए सबसे “कठीन योग” की
 तो वो है “वियोग( दुःख)”...
जो “माता सीता” को भी सहना पड़ा “श्रीराम” के लिए,“राधा कृष्ण” को भी सहना पड़ा,
जो “व्यक्ति” “वियोग” से चलकर “उचित मार्ग” पर आ जाए वो “जीवन” में एक अत्यंत 
“श्रेष्ठ स्थान” पर अवश्य पहुंचेगा...
और यदि बात की जाए सबसे “महत्वपूर्ण”
 और सबसे “आवश्यक योग” की तो वो है “सहयोग”...
सबका “सहयोग” करते जाइए आप जितनो का भी “सहयोग” करके उन्हें “आनंद” दे सकते है
 उतना ही “आनंदित” आपका जीवन भी रहेगा...
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️ *“23/3/2022”*📚 
📘 *“बुधवार”*🌟 

#“आसन” 

#“आश्वासन”...

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/3/2022”*📚 📘 *“मंगलवार”*💫 #“जीवन” #“समस्या”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️ *“15/3/2022”*📚 
📘 *“मंगलवार”*💫 

देखिए ये “जीवन” इतना “बड़ा” भी नहीं है 
कि आप हर “समस्या” से या 
“व्यक्ति” के साथ “उलझते” रहो,
बस जिसके साथ ये “मन” मिल जाए उसे “नमन” किजिए,“स्मरण” किजिए और जिसके साथ ये “मन” न मिले उसे “दूर” से “प्रणाम” किजिए,
यही उचित है आपके लिए, 
लेकिन इस “मन” से “प्रेम के भाव” को
 कही भी मत जाने दिजिए,
क्योंकि ये “प्रेम” ही अन्त में 
आपका “उचित मार्गदर्शन” करेगा,
इसलिए इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” रखिए और “संबंधों में मधुरता” भी लाइए,
और एक बात ये कि “कोशिश” ये भी की जाए जिससे “रिश्तों” दिलो की नजदीकियों वाला हो तो उनकी कुछ “गलतियों” को माफ भी किया जाए...
*“अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️ *“15/3/2022”*📚 
📘 *“मंगलवार”*💫 

#“जीवन” 

#“समस्या”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार”*📚 🎊 *“5/1/2022”*🎉 🎁 *“बुधवार”* 🌟 *#“अंधकार”* *#“दीया”*

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*✍🏻“सुविचार”*📚 
🎊*“5/1/2022”*🎉 
🎁*“बुधवार”* 🌟

कहते है कि “अंधकार” में यदि “दीया” जलाओ
 तो “प्रकाश” आता है,किंतु यदि “दीया” 
“सूर्य के प्रकाश” के समक्ष
 “प्रातःकाल” में जलाकर रख दे तो क्या अंतर होगा ?
इससे तो कोई “लाभ” नहीं होगा,
सूर्य के “प्रकाश” के समक्ष ये दीया है ही क्या ?
सोचिए कि आप किसी “महापुरुष” के समक्ष बैठे है 
जो “महाज्ञानी” है,
तो उस “व्यक्ति के समक्ष” अपने
 “ज्ञान का दीया” न जलाए,
“मौन रहिए” और उस “व्यक्ति” के “सूर्यप्रकाश” 
जैसे “ज्ञान” को प्राप्त किजिए,
जितना हो सके “ज्ञान” प्राप्त किजिए, 
यदि ऐसा कोई “समय” है 
जैसे आप कोई “अंधकार” में है, 
सभी “अंधकार” में है किसी के ज्ञान नहीं है 
वहाँ आप अपने “ज्ञान” का “दीया” जलाए, 
ऐसा करोगे तो दोनों ओर से आपका “लाभ” होगा, 
“ज्ञान प्राप्ति” होगी और 
“ज्ञान” का “उचित उपयोग” भी होगा,
और ये मन “प्रसन्न” और “आनंदित” रहेगा...
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार”*📚 
🎊 *“5/1/2022”*🎉 
🎁 *“बुधवार”* 🌟

*#“अंधकार”*

*#“दीया”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/12/2021”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 *#“कोई व्यक्ति”* *#“देवता”*

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“18/12/2021”*📚
🖋️*“शनिवार”* 🌟

देखिए कभी कभी कुछ लोग ये सोचते है 
कि कोई “देख” नहीं रहा 
मैं “अनुचित कर्म” कर सकता हूं... 
नहीं जी... 
आप “कुछ” भी किजिए कोई न कोई “देखता” ही है, 
कोई “व्यक्ति” नहीं तो कोई “प्राणी”,
नहीं तो कोई “यक्ष”,“देव” इत्यादि ये “सब” भी 
नहीं तो ये “धरती माता” देखती है, 
जिसपर आप कोई भी  “कर्म” करते है, 
इसलिए एक बात स्मरण रखिए 
कि कौन “देख” रहा है और “कौन” नहीं ? 
इसके “विषय” में “सोचना” छोड़ दिजिए,
सरल सी बात...आप “उचित कर्म” करेंगे 
आपको “उचित फल” मिलेगा, 
आप “अनुचित कर्म” करेंगे 
आपको “अनुचित फल” ही मिलेगा, 
इसलिए “उचित मार्ग” पर चलते रहिए 
और “उचित कर्म” करते रहिए,
और इस “जीवन” “सुखी” 
और “आनंदित” भी अवश्य रहिए...
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“18/12/2021”*📚
🖋️ *“शनिवार”* 🌟

*#“कोई व्यक्ति”* 

*#“देवता”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“11/12/2021”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 *#“संसार”* *#“सदाचार के मार्ग”*

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“11/12/2021”*📚
🖋️*“शनिवार”* 🌟

“संसार” में यदि आप “सदाचार के मार्ग” 
पर चलना चाहते है,“उचित कर्म” करना चाहते है,
“संसार में सेवाभाव” करना चाहते है, 
तो “जंगली घास” जैसे व्यक्तियों 
से दूर रहना ही बेहतर है, 
वो व्यक्ति जो “दुराचारी” है, “झूठ” से भरे है,
जिनका “दुष्ट व्यवहार” है,
जिनमें अनेको “दुर्गुण” है ये उचित नहीं है, 
ये व्यक्ति जिनका “चरित्र” अत्यंत दुष्ट होता है 
ये “अच्छे चरित्र” के लोगों को
 या तो “नष्ट” कर देते है या अपने जैसा बना लेते है, 
इसलिए यदि आप
 सदाचार के मार्ग पर चलना चाहते है,
संसार के लिए कुछ “शुभ” करना चाहते है 
तो उसी “संगत” में रहिए,
वो “संगत” जो “ज्ञानी” हो,जिनमें अनेक “सद्गुण” हो,प्रतिदिन जिनसे आप कुछ न कुछ “नया सीख” सको,ऐसे व्यक्तियों के साथ “जीवन व्यतीत” किजिए,
“दुराचारी व्यक्तियों” से “दूर” रहिए 
तभी ये मन “प्रसन्न” एवं “आनंदित” रहेगा... 
*✍🏻“अतुल शर्मा*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“11/12/2021”*📚
🖋️ *“शनिवार”* 🌟

*#“संसार”*  

*#“सदाचार के मार्ग”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“2/12/2021”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“मन की शक्ति”*

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“2/12/2021”*📚
🖋️*“गुरुवार”* 🌟 

“जीवन” में “मन की शक्ति” आवश्यक है,
अब मन की शक्ति हम कहाँ से प्राप्त करते है ?
“निश्चय की शक्ति” से,
अब “निश्चय की शक्ति” कैसे बढ़ाई जाए ?
हम दिन-प्रतिदिन निश्चय करते है कुछ छोटे तो कुछ बड़े,
किंतु जैसे ही “निश्चय पूर्ण” करते है
 “मन की शक्ति” बढ़ जाती है,
कोई निश्चय हम पूर्ण न कर पाए
 तो “मन की शक्ति” घट जाती है,
एक “दीवार की भांति” जैसे हम छोटी-छोटी “शिलाएं” 
एक दूसरे के ऊपर लगाते जाते है 
एक “दीवार” खड़ी हो जाती है,
इतने सारे “पत्थर” एक साथ आ जाते है 
तो एक ऐसी “दीवार” बन जाती है
 जिसे “तोड़ना” लगभग “असंभव” हो जाता है,
वैसे ही “मन” है और वैसे ही “निश्चय”,
“छोटे-छोटे कर्म” करके अपने “निश्चय” पूर्ण किजिए,
“निश्चय पूर्ण” होंगे तो “मन की शक्ति” बढ़ेगी,
तो “मन की शक्ति” बढ़ाकर रखिए ताकि
 आप “उचित मार्ग” पर चल सके,“उचित गति” के साथ “मनचाहे स्थान” पर पहुंच सकेंगे...
*✍🏻“अतुल शर्मा*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“2/12/2021”*📚
🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 

*#“जीवन”* 

*#“मन की शक्ति”*

Atul Sharma

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“9/11/2021”*📝 ✨ *“मंगलवार”*🌟 *#“उचित कार्य”* *#“अनुचित कार्य”*

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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“9/11/2021”*📝
✨*“मंगलवार”*🌟

हम कब “उचित कार्य” करते है,
कब “अनुचित कार्य” करते है,
कब “पुण्य” करते है और कब “पाप” करते है,
कब “उचित मार्ग” पर चलते है 
और कब “अनुचित मार्ग” पर चलते है ? 
ये दो ही “व्यक्ति” समझ सकते है 
“परमात्मा” और “अंतरात्मा”, 
अब “हर क्षण” क्या हो रहा है 
ये सब “परमात्मा” जानते है,उनसे भला क्या “छिपा” है ?
 किंतु हर क्षण आपको क्या करना है ये आपको आकर सदैव नहीं बताने वाले,इसलिए हमारे भीतर “अंतरात्मा” है हमारी “चेतना( मन) का एक भाग”, 
कभी “आंख” बंद किजिए और अपनी “अंतरात्मा” में झांकने का प्रयास किजिए,कभी समझने का प्रयास किजिए कि “अंतरात्मा” आपको सदैव “अच्छा कार्य” करने के लिए प्रेरित करती है 
और “बुरा कार्य” करने से रोकती है, 
तो इस “अंतरात्मा की बात” मानते जाइए,
“परमात्मा” भी सदैव आपके “निकट” आएंगे,
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“9/11/2021”*📝
✨ *“मंगलवार”*🌟

*#“उचित कार्य”* 

*#“अनुचित कार्य”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“21/7/2021”*🌫️ 🌥️ *“बुधवार”*⛅ #“जीवन” #“मनुष्य”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌫️*“21/7/2021”*🌫️
🌥️ *“बुधवार”*⛅

“जीवन” में “मनुष्य” को “सफलता” पाने के लिए 
“उचित मार्ग” पर चलना होता है,
किंतु उससे भी “अधिक महत्वपूर्ण” है 
ये समझना कि उस “मार्ग” पर चलते हुए हमें “कब रूकना” है और “कब चलना” है,
ये “सीख” अत्यंत “आवश्यक” है 
देखिए अब एक छोटा-सा वाक्य है,
“रोको मत जानें दो” इस वाक्य का “अर्थ” क्या है ?
किसी को “मत रोको” जो “जीवन” में आगे बढ़ रहा है 
उसे “बढ़ने” दो,
उसके “मार्ग” में “बाधाएं” उत्पन्न मत करो,
अब इसी छोटे से “वाक्य” में 
एक अनुचित स्थान पर रूक जाइए,
“रोको...मत जानें दो” अब इसक अर्थ क्या हुआ ? 
कि इस “व्यक्ति” को “रोको” 
इसे “जीवन” में आगे मत बढ़ने दो,
इसके मार्ग में “बाधाएं” उत्पन्न करो,अब इस छोटे से वाक्य में मैं एक “अनुचित स्थान” पर आकर रूक जाने से सोचो “कितना अंतर” होगा,ये सीख कितनी महत्वपूर्ण है ये सीखिए किन्तु ये “सीख” हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है ये समझिए,
समझ जाइए,सीख जाइए कि जीवन में कब “आगे बढ़ना” है और “कब रूकना” है,
मन प्रसन्न रहेगा...
*“अतुल शर्मा 🖋️📝*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌫️*“21/7/2021”*🌫️
🌥️ *“बुधवार”*⛅

#“जीवन” 

#“मनुष्य”
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