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Stories related to घुमावदार मेहंदी डिजाइन

Ravi_bhagat11

बस 🚞 वाले सिंक डिजाइन #ट्रिंग

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Jayesh gulati

*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा

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सोलह शृंगार ।

(Read in caption)

©Jayesh gulati *सोलह शृंगार*

मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को ।
वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।।

पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका ।
जैसे बा

बेजुबान शायर shivkumar

#karwachouth #Karwachauth #मेहंदी लगी है हाथों पर, माथे पर सजाया है #पिया के नाम का #सिंदूर हाथों में पहनी हैं प्यार की #चूड़ियां ला

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White मेहंदी लगी है हाथों पर,
माथे पर सजाया है पिया के नाम का सिंदूर
हाथों में पहनी हैं प्यार की चूड़ियां
लाल जोड़े ने भी निखारा है नूर

सात जन्मों तक रहेंगे साथ
यही वादा निभाएंगे हमेशा एक साथ
हर साल मनाएंगे 
करवा चौथ का त्योहार खास

©बेजुबान शायर shivkumar #karwachouth #Karwachauth 



#मेहंदी  लगी है हाथों पर,
माथे पर सजाया है #पिया  के नाम का #सिंदूर 
हाथों में पहनी हैं प्यार की #चूड़ियां 
ला

Prerna Singh

लाइफ कोट्स जिंदा लाशों के बारे में पढ़ते पढ़ते बड़ी हो गई और इतनी बड़ी हो गई कि वक्त ही कम पड़ गया। इतनी बड़ी कैसे हो गई????? पता ही नही

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कुछ लोगों का नाम पवित्र 
और कर्म दुश्चरित्र वाला होता हैं। 
 जैसे #इन्द्र नाम देवता का हैं 
और कर्महीन मनुष्य  रख लेता हैं....

©Prerna Singh  लाइफ कोट्स


जिंदा लाशों के बारे में पढ़ते पढ़ते बड़ी हो गई और इतनी बड़ी हो गई कि वक्त ही कम पड़ गया। 
इतनी बड़ी कैसे हो गई?????
पता ही नही

Ramesh Gupta

#मेहंदी डिजाइन #nojoto

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Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

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White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05 सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जा
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