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Atul Sharma
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“5/04/2022”📝* *📙“मंगलवार”💫* अब ऐसा “भला” क्यों होता है, ऐसा जब होता है जब “पिता” समझ ही नहीं पाता कि “जीवन का वास्तविक धन” क्या है ? वो “वास्तविक धन” वो अपनी “संतान” को दे ही नहीं पाता, यदि “पिता” अपनी “संतान” को “कर्म का ज्ञान” दे सके, “उचित” क्या है,“अनुचित” क्या है ये “सीखा” सके, “संस्कार की शिक्षा” दे सके तो ये “धन” से कई अधिक महत्वपूर्ण है, ये “जीवन” का वास्तविक धन है, अब आपने वो “कहावत” तो सुनी होगी "पूत कपूत तो क्यो धन संचे, पूत सपूत तो क्यो धन संचे" संतान यदि “कुपुत्र” होगी तो सब “नष्ट” कर देगी, संतान यदि “सुपुत्र” होगी तो “धन” हो ना हो वो “स्वयं कर्म” के मार्ग पर आगे बढ़कर “धन” भी अर्जित करेगी और अपने लिए एक “उज्जवल भविष्य” भी बनाएगी, तो “संतान” को “धन” देने से पूर्व “कर्म का ज्ञान” सिखाइए,“संस्कार” सिखाइए क्योंकि यहीं “जीवन का वास्तविक धन” है *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“5/04/2022”📝* *📙“मंगलवार”💫* #“संतान” #“कर्म का ज्ञान”
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“5/04/2022”📝* *📙“मंगलवार”💫* #“संतान” #“कर्म का ज्ञान”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *एक “संतान” तो “परमात्मा” का ही “अंश” होती है* *इसलिए “पुत्र” “पुत्री” में भेद करना उचित नहीं* *किंतु तब भी “कुछ व्यक्ति” ऐसी “मूर्खता” कर बैठते है* *क्योंकि वे “कन्या” की “महिमा” से “अपरिचित” है* *कि “कन्या” का “सम्मान” करना प्रत्येक “व्यक्ति” का “धर्म” है* *क्योंकि “कन्या” “जीवनदायिनी” है* *एक “कन्या” “विवाह” के पश्चात “दो कुलों” को जोड़ती है वो जननी है* *और “जननी” तो केवल “सत्कार” के योग्य होती है “उपेक्षा” के नहीं* *उसका “तिरस्कार” नहीं किया जाता...* और पुत्री (कन्या) का सम्मान तो सदैव करना चाहिए, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *#“कन्या”* *#“विवाह”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *#“कन्या”* *#“विवाह”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“28/12/2021”*📚 🖋️*“मंगलवार”* 🌟 देखिए “मूल्यवान वस्तुओं” का “दुरुपयोग” करना “अनुचित” है, पर आप में से कुछ यही कर रहे है सोचकर देखिए... “मनुष्य” इस “संसार” का सबसे “श्रेष्ठ प्राणी” है, और “मनुष्य का शरीर” सबसे “मूल्यवान रत्न” है, अब इसके साथ आप क्या कर रहे है ? क्या इसका “दुरुपयोग” नहीं कर रहे, ना आप “स्वास्थ्य का ध्यान” रख रहे है, आप में से कुछ “अनुचित मार्ग” पर चलते है केवल “धन अर्जित” करने के लिए, कभी-कभी “पाप कर्म” भी कर लेते है, ये “दुरुपयोग” नहीं है क्या, अब “सोचकर” देखिए कि हम इस “शरीर” के साथ क्या कर सकते है, यदि हम इसका सही “उपयोग” करे तो हम “अथाह अर्जित” कर सकते है, हम केवल “स्वयं” को ही नहीं अपने आसपास सभी “लोगों” को “संतोष” प्रदान सकते है, आज आप “संकल्प” लीजिए कि मैं इस “शरीर का सदुपयोग” करूंगा/करूंगी,अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करूंगा/करूंगी,पुण्य के मार्ग पर चलूंगा/चलूंगी, सबके “हित के लिए”,सबकी “प्रसन्नता के लिए” “कर्म” किजिए और इस “मार्ग” पर चलिए, ये “मन” सदैव “प्रसन्नचित्त” रहेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“28/12/2021”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 *#“मूल्यवान वस्तुओं”* *#“दुरुपयोग”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“28/12/2021”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 *#“मूल्यवान वस्तुओं”* *#“दुरुपयोग”*
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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“27/10/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 अब ऐसा “भला” क्यों होता है, ऐसा जब होता है जब “पिता” समझ ही नहीं पाता कि “जीवन का वास्तविक धन” क्या है ? वो “वास्तविक धन” वो अपनी “संतान” को दे ही नहीं पाता, यदि “पिता” अपनी “संतान” को “कर्म का ज्ञान” दे सके, “उचित” क्या है,“अनुचित” क्या है ये “सीखा” सके, “संस्कार की शिक्षा” दे सके तो ये “धन” से कई अधिक महत्वपूर्ण है, ये “जीवन” का वास्तविक धन है, अब आपने वो “कहावत” तो सुनी होगी "पूत कपूत तो क्यो धन संचे, पूत सपूत तो क्यो धन संचे" संतान यदि “कुपुत्र” होगी तो सब “नष्ट” कर देगी, संतान यदि “सुपुत्र” होगी तो “धन” हो ना हो वो “स्वयं कर्म” के मार्ग पर आगे बढ़कर “धन” भी अर्जित करेगी और अपने लिए एक “उज्जवल भविष्य” भी बनाएगी,तो “संतान” को “धन” देने से पूर्व “कर्म का ज्ञान” सिखाइए,“संस्कार” सिखाइए क्योंकि यहीं “जीवन का वास्तविक धन” है *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“27/10/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 #“संतान” #“कर्म का ज्ञान”
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“27/10/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 #“संतान” #“कर्म का ज्ञान”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“17/6/2021”*🌟 🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️ सोचिए यदि “सूर्य” यह कहे कि कल “उदित”(उदय) नहीं होते कुछ दिनों पश्चात “उदित” होते है, तब समस्त “पृथ्वी” का “नाश” हो जाएगा, “आलस्य” “शरीर” के लिए “उचित” नहीं है, देखिए इस “आलस्य” पर एक बहुत अच्छी “कहावत” है “अलसस्य कुतो विद्या” अर्थात जो “आलस” करता है उसे “विद्या” नहीं मिलती,“ज्ञान” नहीं मिलता, अब जिसके पास “ज्ञान” नहीं वो “धन अर्जित” नहीं कर पाता,उसके “जीवन” में “सुख संसाधनों” का “अभाव” रहता है,“मित्रों का अभाव” रहता है, जहां “सुख-संसाधन” नहीं,“मित्र” नहीं,“अपने लोग” नहीं,“ज्ञान” नहीं,वहां “आनंद” कैसे प्राप्त हो सकता है ? इसलिए कहते है कि जो “कर्म” करता है वो इस “संसार” का हर वो “सुख” प्राप्त कर सकता है, इसलिए “कर्म” किजिए,“समय का सम्मान” किजिए और इस “आलस्य” पर “विजय” प्राप्त किजिए... *🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“17/6/2021”*🌟 🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️ #“सूर्य” #“उदित”(उदय)
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“17/6/2021”*🌟 🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️ #“सूर्य” #“उदित”(उदय)
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“15/6/2021”*🌟 🖋️ *“मंगलवार”*✨🖊️ “काम” का अर्थ है “कामना” ... आप किसी की “वस्तु” पर “दृष्टि” डालिए, किसी और “व्यक्ति” पर “दृष्टि” डालिए, किसी “अनुचित” वस्तु पर दृष्टि डालना यह “दुष्कामना” है, और यह “दुष्कामना” उस “व्यक्ति” से “दुष्कर्म” करवा कर ही मानती है, स्मरण रखिएगा जो “व्यक्ति” अपनी “कामनाओं पर नियंत्रण” रख पाता है वह “उचित मार्ग” पर भी रहता है और “उचित लक्ष्य” पर भी पहुंचता है, जो “कामनाओं पर नियंत्रण” नहीं रख पाता वह “मार्ग” भी “भटक” जाता है और “लक्ष्य” से भी “भटक” जाता है तो ध्यान रखिएगा अपनी “कामनाओं” पर नियंत्रण रखिए, “काम” पर “विजय” प्राप्त किजिए और “लक्ष्य” और “प्रसन्नता” प्राप्त किजिए... *🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“15/6/2021”*🌟 🖋️ *“मंगलवार”*✨🖊️ #“काम” #“कामना”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“15/6/2021”*🌟 🖋️ *“मंगलवार”*✨🖊️ #“काम” #“कामना”
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