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Saurav life
White जो अपने है, उनका साथ अच्छा है। बाकियों के साथ एक कप चाय का ख्याल अच्छा है। ©Saurav life #GoodMorning #sauravlife
Saurav life
White ग्लास में पानी भी अब शराब नजर आता है; चांद दूर ही सही शबाब नजर आता है।। कहने को वसन्त भी अपना था ? अकेले में रंगत भी वीरान नजर आता है।। ©Saurav life #love_shayari #sauravlife
Saurav life
White छोड़ दिया मैंने अब टूटे हुए जज्बातों को; जहां कश्ती तो थी, पर पतवार न था।। कश्ती टूट गई; हौसला भी रूठ गया; बूझ गई उम्मीदें खुद को दिलासा दिलाने में; हर बार कसूर पतवार का भी तो नहीं होता।। ©Saurav life #Sad_shayri #sauravlife
Saurav life
White Rejection is the foundation of Selection. ©Saurav life #love_shayari #sauravlife
Saurav life
White अप्सरा-अवतरण देखो, आसमाँ की ओर एक रीत बह रही; पल्लवित करते उस जग को धरा की ओर उतर रही। बाहें खुली, आंखों की टकटकी गले से पानी सूख रही। मन मे बढ़ती उत्कंठा भला वो कब से उतर रही ? तेज हवा, सूरज को ढकते बादल कलरव करती वो दिख रहीं उतरते हुए हंसो पे सवार, मुस्कानों से पुष्प बिखेर रही। सफेद वस्त्र, सुनहरे बाल नयनों में मोती झलकाते हुए; तीक्ष्ण कटि, ये पतले अधर लिए मानो, तपिस में वर्षा करा रही।। धार-सी नाक, फैलते ये गाल ऊंची कद, हाथ मे बल मात्र एक पग आगे बढ़ा- मानो, जग को सुधा-रस भींगो रही। To be Continued..... ©Saurav life #rajdhani_night #sauravlife
Saurav life
White 1. काश! भूलने की बीमारी मयस्सर होती; भूल जाता कुछ पल गम भुलाने को।। 2. शराब का एक प्याला भी यहां नसीब नहीं; भला कैसे भूल जाऊं मैं इस जमाने को।। 3. रेत के ढेर पर उम्मीदों की बिसात को पंख लगे; ढह गया पूरा अरमाँ, खंडहर भी न हाथ लगे।। 4. कभी महफ़िल में हवाओं का शोर गुंजा करता था; थम गई वो हवा, हवा में भी अब गंध घुला करता है।। 5. तकलीफों को खुद तक संभालकर रखा कीजिये; यहां लोग मरहम कम, चोट ज्यादा कर जाते है।। 6. इतनी इच्छा न पाला करिये अपनी वेदना बताने को; दुःख में आप अक्सर खुद को अकेला ही पाते है।। 7. मुझें भी ख्वाहिश थी कभी आसमाँ पर चढ़ने की; पर, राह में किसी ने फिसलन को तेल गिरा रखा था।। 8. शौक आज भी है महफ़िल की आवाज फिर से सुनने को; पर, यहां हर कोई अपने स्वार्थ की गीत लगा बैठा है।। 9. बिखरे थे जो तारे ज़माने में,उन्हें मिलाने की कोशिश करता हूं। भले लगे कोई कीमत, उनकी कीमत बढाने की कोशिश करता हूं।। 10. मुझे अब शौक नहीं है किसी से गुफ़्तगू की; अक्सर, मुझे ही पहले आगे क्यों आना पड़ता है ? 11. राह में लोगो के जीवन आज भी समर्पित है उम्मीद जगाने को; भला है, उम्मीदों को तोड़ने का रोग मुझमे तो नहीं है।। ©Saurav life #love_shayari #sauravlife
Saurav life
White रौशनदान को कभी प्रकाश मत समझिए; दिन ढलते ही अंधेरा छा जायेगा।। ©Saurav life #sad_shayari #sauravlife
Saurav life
White दर्पण चारों ओर लटकी दर्पण की लड़िया, कोई चेहरा, कोई मन दिखा जाता हैं। पास जरा जाऊं तो भूत, दूर होने पर बिखरता भविष्य दिखला जाता है।। वहां झुकने पर टूटा उम्मीद, अकड़ने पर गौरव का नशा, आखिर, मदिरापान करू मैं कैसे ? दर्पण में उसे कोई जहर दिखला जाता है।। मन की एक ही कड़िया, साफ पानी में कोई मलिन दिखा जाता है। आखिर, उजला प्रभात बनू मैं कैसे ? दर्पण को ही कोई कसूर बना जाता है।। दर्पण की वो लटकती लड़िया; लोगों के सुनते हुए प्रेम गीत; आखिर, दर्पण को कहूँ मैं क्या अब ? अब तो दर्पण ही मुझे झुठला जाता है।। ©Saurav life #love_shayari #sauravlife
Saurav life
White कैसे भूल जाऊं उस शहर का शोर; जिस शहर में मैने जिंदगी गुजार दी।। ©Saurav life #sad_shayari #sauravlife