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Nitesh Prajapati
"बिगुल" ये कहानी है शमशेर की.... कृपया पूरी कहानी अनुशीर्षक मे पढ़े । रचना क्रमांक :-3 @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ "बिगुल" सरहद पर हमेंशा ही तनाव भरी परिस्थितियां होती है, लेकिन इन दिनों पानी सर से कुछ ऊपर ही जा रहा था, दुश्मन देश के सिपाही आए दिन सीजफायर का उल्लंघन करके गोलीबारी कर रहे थे। भारत और पाकिस्तान के बीच सरहद की तनाव भरी परिस्थितियों को लेकर बातचीत भी असफल रही थी।
रचना क्रमांक :-3 @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ "बिगुल" सरहद पर हमेंशा ही तनाव भरी परिस्थितियां होती है, लेकिन इन दिनों पानी सर से कुछ ऊपर ही जा रहा था, दुश्मन देश के सिपाही आए दिन सीजफायर का उल्लंघन करके गोलीबारी कर रहे थे। भारत और पाकिस्तान के बीच सरहद की तनाव भरी परिस्थितियों को लेकर बातचीत भी असफल रही थी। #क़लम_ए_हयात #collabwithक़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22
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"निर्झर" दुर्गम पहाड़ों को चीरता हुआ, अपनी मंज़िल का ख़्वाब लिये, अपनी मस्ती में खड़खड़ बहता, निकलता है स्नेह भरा निर्झर अपनी राहों पर। मन में हौसला, दिल में उम्मीद लिए, ना रूकता कही, ना झुकता कभी, अपनी राह खुद चुनकर, देता है पैग़ाम सबको निरंतर चलने का। ना कोई साथी उसका, ना ही हमराही, वह तो चला अकेले खुद पर भरोसा करके, अपने संघर्ष को अपना धर्म मानकर, बहता चला वह अपनी मंज़िल की ओर। बहता निर्झर लगता है बहुत ही खूबसूरत, जैसे लगता है प्रकृति का धरा से संगम, मिलो दूर से बहता अपनी मंज़िल की तलाश में, आखिर में वह सिमटता है तो सागर में ही। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-2 #निर्झर #collabwithक़लम_ए_हयात #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन_qeh22
रचना क्रमांक :-2 #निर्झर #collabwithक़लम_ए_हयात #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22
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नौबहार (ग़ज़ल) दो दिल मिले है जैसे कोई गुल खिले, पलकें शर्मा गई जैसे सारी फलक गिरे। नौबहार आई है मोहब्बत की भी सनम, चलते थे और चलते रहेंगे कई सिलसिले। नए जज़्बात लाई है ये पेड़ो की नई पत्तियां, असर तो कर रही है प्यार की जड़ी बूटियां। जैसे छायी है हर तरफ सिर्फ हरियाली, आती थी, आती रहेंगी इश्क़ के रंगों की होलिया। नौबहार है ये तपश्चर्य को तुम ना तोड़ना, 'शिव' की भी कर लो थोड़ी सी आराधना। क्या पता कल हो ना हो कोई कद्र करनेवाला, दिल से कर लो इश्क़ की भी थोड़ी साधना। ऋतुराज भी कहलाती है इश्क-ए-नौबहार, आई देखो मेरे इंतज़ार के एहसास की गुलबहार। लाई है मेरे महबूब के रूप में प्यारा एक उपहार, कर दिया है दिल ने भी इश्क-ए-इज़हार। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-1 #नौबहार #collabwithक़लम_ए_हयात #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन_qeh22
रचना क्रमांक :-1 #नौबहार #collabwithक़लम_ए_हयात #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22
read moreDr Upama Singh
“बिगुल” लघुकथा अनुशीर्षक में://👇👇 बात हमारे ही शहर के जाने माने एक प्रसिद्ध आवासीय विद्यालय की है। जहाँ बहुत मेहनत करके छात्र और छात्राएं परीक्षा को उत्तीर्ण करके प्रवेश पाते हैं। बात सन् 2001 की है जब कुछ छात्राएं वहाँ के हॉस्टल में रहने आई। वहांँ का छात्रावास छात्र और छात्राओं दोनों ही का कुछ दूरी पर था जहाँ क्रमशः पुरुष और महिला वार्डन थी। वहांँ रहने पर छात्राओं को पता चला कि वहांँ का छात्रों के हॉस्टल का वार्डन रात में आकर छात्राओं के साथ छेड़खानी करता था। कुछ दिन तो छात्राएं चुप रहीं। लेकिन जब देखीं कि पानी सर से ऊपर जा रहा
बात हमारे ही शहर के जाने माने एक प्रसिद्ध आवासीय विद्यालय की है। जहाँ बहुत मेहनत करके छात्र और छात्राएं परीक्षा को उत्तीर्ण करके प्रवेश पाते हैं। बात सन् 2001 की है जब कुछ छात्राएं वहाँ के हॉस्टल में रहने आई। वहांँ का छात्रावास छात्र और छात्राओं दोनों ही का कुछ दूरी पर था जहाँ क्रमशः पुरुष और महिला वार्डन थी। वहांँ रहने पर छात्राओं को पता चला कि वहांँ का छात्रों के हॉस्टल का वार्डन रात में आकर छात्राओं के साथ छेड़खानी करता था। कुछ दिन तो छात्राएं चुप रहीं। लेकिन जब देखीं कि पानी सर से ऊपर जा रहा #बिगुल #क़लम_ए_हयात #collabwithक़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22 #unique_upama
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“निर्झर” कविता अनुशीर्षक में://👇👇 निर्झर सी बहती प्रकृति सभी को करती मोहित बंध मिट्टी पेड़ो से जल बूंँद बूंँद गिरती बड़े बड़े चट्टानों पर चोट खाकर उसे तोड़ कर निर्झरणी बन कर वो आती बहने अविरल लेकर जलधारा अपनी जल से आती मधुर स्वर अपनी धुन में गुनगुनाती हुई चिड़िया जाग उठी भोर हुई प्रकृति का मोहक संगीत सुन सब जग प्रकृति को करते स्पर्श ऊँचे ऊँचे रास्तों से निकल धरती से होते सागर से मिलने को आतुर ढूंँढ़ बहती रहती अपना अस्तित्व का किनारा सरिता निर्झर बहती देती सबको यही संदेश कठिन रास्तों से गुज़र कर
ऊँचे ऊँचे रास्तों से निकल धरती से होते सागर से मिलने को आतुर ढूंँढ़ बहती रहती अपना अस्तित्व का किनारा सरिता निर्झर बहती देती सबको यही संदेश कठिन रास्तों से गुज़र कर #स्त्री #वेदना #नदी #क़लम_ए_हयात #collabwithक़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22 #unique_upama
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“नौबहार” ग़ज़ल तेरे मोहब्बत में सरोबार हो गई ये अपनी ज़िन्दगी। उजाले से दोस्ती होकर दूर हो गई मुझसे हर तीरगी। मोहब्बत का नौबहार बन कर आई जो तुम बन गई मेरी तुम बंदगी। तेरी मोहब्बत ने खत्म कर दी मेरी हर आवारगी। दिल में जो ख़ामोशी की तड़प थी दूर हो गई हर तिश्नगी। गुलशन में नौबहार जिससे बना रहे हर तरफ़ ताज़िंदगी। खुदा की नेमत अब तक हूंँ मैं ज़िंदा छा गई दिल पर तेरी परवानगी। पेश जो किया अपनी ये कहानी दुनिया ने देखी ख़ूबसूरत बानगी। ख़ुद और खुदा से अब ना रहा कोई शिकायत मिल गई मुझे भी पायंदगी। कायनात तक रहे हमारे इश्क़ की ये मोहब्बत–ए–पाकीज़गी। #collabwithक़लम_ए_हयात #नौबहार #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन_qeh22 #unique_upama #yqdidi #ग़ज़ल
Manju Sharma
बिगुल कहानी अनुर्शीषक में पढे 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎 बिगुल हिम्मत (लघुकथा) हाँ पता नहीं! मैं ये कैसे कर पाई, पर हाँ मैने आज वो किया जिसका #बिगुल शायद बहुत पहले ही मैेने अपने दिल में बजा दिया था। सब कुछ आखों के सामने एक डरावने ख्वाब सा था।और आखों में उस ख्वाब की शुरुआत घुम रही थी। मै अपने कमरे में बैठी थी,तभी माँ की आवाज आई स्नेहा सुनो बेटा। मैं अपने माँ बाप की इकलौता संतान हूँ,और उन्होने मुझे बहुत ही लाड-प्यार से पाला है। मैने पुछा क्या हुआ माँ,वो बोली शाम को तैयार रहना लड़के वाले तुम्हे देखने आएगे, माँ पर मैं आगे एम बी ए करना चाहती हुँ।माँ बोली
बिगुल हिम्मत (लघुकथा) हाँ पता नहीं! मैं ये कैसे कर पाई, पर हाँ मैने आज वो किया जिसका #बिगुल शायद बहुत पहले ही मैेने अपने दिल में बजा दिया था। सब कुछ आखों के सामने एक डरावने ख्वाब सा था।और आखों में उस ख्वाब की शुरुआत घुम रही थी। मै अपने कमरे में बैठी थी,तभी माँ की आवाज आई स्नेहा सुनो बेटा। मैं अपने माँ बाप की इकलौता संतान हूँ,और उन्होने मुझे बहुत ही लाड-प्यार से पाला है। मैने पुछा क्या हुआ माँ,वो बोली शाम को तैयार रहना लड़के वाले तुम्हे देखने आएगे, माँ पर मैं आगे एम बी ए करना चाहती हुँ।माँ बोली #क़लम_ए_हयात #collabwithक़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22
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नौबहार बन कर आ गई हो, जैसे तुम दिल के आंगन में, इश्क के फुल खिले है, मेरे दिल के मंदिर में, आ गई है जैसे बहारों की रानी, रस बरसाने मेरे निरस जीवन में, हर तरफ छा गई है एक खुमारी, मन चहके जैसे यौवन में, हाँ बस रहना यूँ ही संग मेरे, झुटे न साथ अब ये इस जीवन में। #नौबहार #collabwith क़लम_ए_ हयात #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22
#नौबहार #Collabwith क़लम_ए_ हयात #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन_Qeh22
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