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Divyanshu Pathak
#पाठकपुराण #गुलिस्ताँ #येरंगचाहतोंके #प्रेम #yqdidi #yqbaba #yqhindi
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😁..... जब मैंने उसको बोला🥰😘😘 "मुट्टू ये प्यार नहीं बस असर ए बयार है।" हो सकता है कि क़ायनात की बहार है। इत्ता दिमाग़ मत लगा ओ वाबरी! थोड़ा मौसम और थोड़ा ठण्ड का प्रहार है। ---------------------------------------------------- #पाठकपुराण #येरंगचाहतोंके #ख़ुदरंगमोहब्बत #गुलिस्ताँ #yqdidi #yqbaba #yqhindi
😁..... जब मैंने उसको बोला🥰😘😘 "मुट्टू ये प्यार नहीं बस असर ए बयार है।" हो सकता है कि क़ायनात की बहार है। इत्ता दिमाग़ मत लगा ओ वाबरी! थोड़ा मौसम और थोड़ा ठण्ड का प्रहार है। ---------------------------------------------------- #पाठकपुराण #येरंगचाहतोंके #ख़ुदरंगमोहब्बत #गुलिस्ताँ #yqdidi #yqbaba #yqhindi
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#पाठकपुराण #yqdidi #yqbaba #yqhindi #येरंगचाहतोंके #गुलिस्ताँ #ख़ुदरंगमोहब्बत
Divyanshu Pathak
जयति जय जय चन्द्रघन्टे सर्व शोक विनाशिनी। जयति माँ दुर्बुद्धि हरता जयति स्वर्णआभामणि। 03 कमल अस्त्र से माते सबका करती रहो कल्याण। दुर्बुद्धि का नाश करो और देउ अभय वरदान। चंद्र देव सी शीतलता दो तेज सूर्य सा देना माँ। वीर धीर और सद्गुण देकर सत्पुरुष मुझे कर देना माँ। जयति जय जय चन्द्रघन्टे सर्व शोक विनाशिनी। जयति माँ दुर्बुद्धि हरता जयति स्वर्णआभामणि। 03 कमल अस्त्र से माते सबका करती रहो कल्याण। दुर्बुद्धि का नाश करो और देउ अभय वरदान। चंद्र देव सी शीतलता दो तेज सूर्य सा देना माँ। वीर धीर और सद्गुण देकर सत्पुरुष मुझे कर देना माँ।
जयति जय जय चन्द्रघन्टे सर्व शोक विनाशिनी। जयति माँ दुर्बुद्धि हरता जयति स्वर्णआभामणि। 03 कमल अस्त्र से माते सबका करती रहो कल्याण। दुर्बुद्धि का नाश करो और देउ अभय वरदान। चंद्र देव सी शीतलता दो तेज सूर्य सा देना माँ। वीर धीर और सद्गुण देकर सत्पुरुष मुझे कर देना माँ।
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जयति जय जय ज्ञान दायनी जयति तर्क प्रवाहिनी। तुम ज्ञान कर्म सन्यास योग माँ जयति ब्रह्मचारिणी।। 02 शब्द व्याकरण का माते तुम करती हो अवधान। संयम और समझ देकर तुम करती हो धनवान। जीवन के प्रथम चरण से तेरी आहट मैंने पाई है। करो कृपा तुम मुझपे माते हो जाए चरित्र महान। जयति जय जय ज्ञान दायनी जयति तर्क प्रवाहिनी। तुम ज्ञान कर्म सन्यास योग माँ जयति ब्रह्मचारिणी।। 02 शब्द व्याकरण का माते तुम करती हो अवधान। संयम और समझ देकर तुम करती हो धनवान। जीवन के प्रथम चरण से तेरी आहट मैंने पाई है।
जयति जय जय ज्ञान दायनी जयति तर्क प्रवाहिनी। तुम ज्ञान कर्म सन्यास योग माँ जयति ब्रह्मचारिणी।। 02 शब्द व्याकरण का माते तुम करती हो अवधान। संयम और समझ देकर तुम करती हो धनवान। जीवन के प्रथम चरण से तेरी आहट मैंने पाई है।
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मेरी सुबह कुछ नया लेकर आती है मोहब्बत की ख़ुश्बू चाहत के फूल आपकी ? हर सुबह तो नई होती है लेकिन अधिकतर के सामने वह उसके कल को ले आती है। जीवन को एक सतत् यात्रा बनाए रखने के क्रम में। 🌺🌿🌿🌺🌺🌺🌺 सुप्रभातम 💐💐💐💐💐💐💐
हर सुबह तो नई होती है लेकिन अधिकतर के सामने वह उसके कल को ले आती है। जीवन को एक सतत् यात्रा बनाए रखने के क्रम में। 🌺🌿🌿🌺🌺🌺🌺 सुप्रभातम 💐💐💐💐💐💐💐
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हम मुसाफ़िर हैं ख़ालिस और ये ज़िन्दगी सफ़र है। सुनो जो दिल कहता है बस वही हमसफ़र है। दर्द और ख़ुशी के पड़ाव कितनी देर उनकी ठहर है। वो दोनों ही ऐसे आते हैं जैसे मानसूनी लहर है। जो थम गए अंधेरे के डर से तब अंधेरा भी उनपे क़हर है। जो चल दिए हिम्मत करके दो क़दम में ही सहर है। हम मुसाफ़िर हैं ख़ालिस और ये ज़िन्दगी सफ़र है। सुनो जो दिल कहता है बस वही हमसफ़र है। दर्द और ख़ुशी के पड़ाव कितनी देर उनकी ठहर है। वो दोनों ही ऐसे आते हैं
हम मुसाफ़िर हैं ख़ालिस और ये ज़िन्दगी सफ़र है। सुनो जो दिल कहता है बस वही हमसफ़र है। दर्द और ख़ुशी के पड़ाव कितनी देर उनकी ठहर है। वो दोनों ही ऐसे आते हैं
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तुम बिन जलते हैं दिन मेरे और दहकती रात है। अल्हड़पन गुमसुम सा रहता और बहकती बात है। ( 01 ) मन मन्दिर के पट बन्द हुए पुलकित पल मेरे चन्द हुए। दर्शन की अभिलाषाओं में नैनों के कितने खण्ड हुए। ( 02 ) विरहा की अग्नि में जलती और सिसकती रात है। है रूह मेरी रूसवा रूसवा और तड़पती बात है। ( 03 ) तुम बिन जलते हैं दिन मेरे और दहकती रात है। अल्हड़पन गुमसुम रहता और बहकती बात है। 💐💐💐💐💐💐💐 मन मन्दिर के पट बन्द हुए पुलकित पल मेरे चन्द हुए। दर्शन की अभिलाषाओं में
तुम बिन जलते हैं दिन मेरे और दहकती रात है। अल्हड़पन गुमसुम रहता और बहकती बात है। 💐💐💐💐💐💐💐 मन मन्दिर के पट बन्द हुए पुलकित पल मेरे चन्द हुए। दर्शन की अभिलाषाओं में
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11 जनवरी 2019 को आए थे यहाँ। 11 जनवरी 2019 को आए थे यहाँ... दो साल कब निकल गए पता न चला.. बहुत सुंदर और शानदार लोगों से मिले.. अब तक तो ये सफ़र बेहद यादगार रहा... छोटों का प्यार बड़ों का आशीर्वाद मिला.... अब इच्छा है महादेव इसे सतत बनाने की... हिम्मत और ताक़त के साथ समझ भी देते रहें। :
11 जनवरी 2019 को आए थे यहाँ... दो साल कब निकल गए पता न चला.. बहुत सुंदर और शानदार लोगों से मिले.. अब तक तो ये सफ़र बेहद यादगार रहा... छोटों का प्यार बड़ों का आशीर्वाद मिला.... अब इच्छा है महादेव इसे सतत बनाने की... हिम्मत और ताक़त के साथ समझ भी देते रहें। :
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.... साथियो आप लोगों ने बेहद प्यार दिया मुझे।मेरे लेखन को सराहा मुझे हिम्मत दी आपका सस्नेह आभार..... : अधिकतर के लिए हम अजनबी हैं लेकिन एक ख़ुशी भरा एहसास भी हैं।वर्चुअल रिश्तों में ख़ास भी हैं।कभी किसी से मिले तो नहीं पर मन के पास भी हैं।🌹🌺 है ना! : प्रोफाइल के ऊपर लिखे श्लोक को कई बार पढ़ें इतना पढ़ें कि वह अपने आप अर्थ बताने लग जाए फिर देखिए एक अलग अनुभव और एहसास होगा जो सच में बेहद ख़ास होगा।जो सबसे बहुत दूर है मेरा विश्वास है कि आपके पास होगा। : इसी के साथ चलता हूँ बड़ों का आशीर्वाद और छोटों का प्यार
साथियो आप लोगों ने बेहद प्यार दिया मुझे।मेरे लेखन को सराहा मुझे हिम्मत दी आपका सस्नेह आभार..... : अधिकतर के लिए हम अजनबी हैं लेकिन एक ख़ुशी भरा एहसास भी हैं।वर्चुअल रिश्तों में ख़ास भी हैं।कभी किसी से मिले तो नहीं पर मन के पास भी हैं।🌹🌺 है ना! : प्रोफाइल के ऊपर लिखे श्लोक को कई बार पढ़ें इतना पढ़ें कि वह अपने आप अर्थ बताने लग जाए फिर देखिए एक अलग अनुभव और एहसास होगा जो सच में बेहद ख़ास होगा।जो सबसे बहुत दूर है मेरा विश्वास है कि आपके पास होगा। : इसी के साथ चलता हूँ बड़ों का आशीर्वाद और छोटों का प्यार
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