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DRx Khan
Sala Ek Din Na Bhai Sabke Sapne Pure Karke Na , Humesha Ke Liye So Jaunga , Kyun Ki Bhai Is Zindagi Se Na Bahot Jyada Thak Chuka Hu Mai yrr 🥺 ©DRx Khan #matlabiduniya #matlabilog #matlabirishte Smeera Arshad Siddiqui Sethi Ji Sabanoor Utkrisht Kalakaari
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read moreDRx Khan
मुझे लिखने की लत यूं ही नहीं लगी थी , किसी की बात बहुत दिल पे लगी थी... ❤️🌻 ©??? #Dyniya #matlabilog #crying #alone_soul Gautam Kumar KK क्षत्राणी Anshu writer Smeera shiza
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read moreWritten By PammiG
(ऐतबार) अपने ही ग़म हवास पे रोया नहीं हूँ मैं, यानी की ज़ब्त अपना अभी खोया नहीं हूँ मैं! तन्हाइयां तो आकार मुझे लोरी सुना गई, उनको भी ये खबर है कि सोया नहीं हूँ मैं! ये इब्तिदाए इश्क़ है अब सोच लो जनाब, वो भी रो रहें जो कह्ते थे कि रोया नहीं हूँ मैं! "परवेज़" वो तो कह गए आऊंगा लौट कर, और देखो के ऐतबार अपना खोया नहीं हूँ मैं ! ©Written By PammiG #PhisaltaSamay #matlabiLog #ilovemypast😢💔 #viralnojotovideo Ambika Jha Saleem p j
#PhisaltaSamay #matlabilog ilovemypast😢💔 #viralnojotovideo Ambika Jha Saleem p j
read moreSahil.Dindor
सफर मुश्किल है मगर काटेंगे अकेले ही #lostsoul #matlabiduniya #matlabilog #Tanhayan #safartanha #alonesoul #sadsoul SilentPain💔
read moreRaushan Mehra
मैं अनपढ़ मै किताबो को पढ न पाता हूं सवालों में फंस कर कुछ समझ न पाता हूं। ऐसा पढ़ा लिखा समाज मुझे समझ न आता है अपनो से शतरंज का खेल मुझे न खेलना आता है। एक चेहरे के पीछे दूसरा चेहरा छिपाए रहते हैं किसी की कमजोरी को अपना धंधा बनाए रखते हैं। अपनो से चलाकियां करना मै सीख न पाया हूं चंद खुशियों के लिए कभी किसी को दुःख न पहुंचाया हूं। एक हाथ में खंजर तो एक हाथ में फूल न छिपाया हूं। गले लग कर पीठ पर वार करना न सीख पाया हूं। अपने हो या पराए किसी को तकलीफ न पहुंचाया हूं। झूठ का सहारा लेकर कभी खुशियां न लाया हूं। मैं अनपढ़ ही सही पढ़ा लिखा बन कर किसी को न डुबाया हूं। जीवन की किताब को पढ़ कर इंसानियत को पढ़ कर आया हूँ। ©Raushan Mehra #matlabi #matlabi_duniya #matlabilog
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