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Best ख़ुदग़र्ज़ Shayari, Status, Quotes, Stories

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Gumnam Shayar Mahboob

आजकल अपने भी कह रहे हैं कि ख़ुदग़र्ज़ इंसान हूं मैं
उनको कौन समझाए आजकल खुद में ही परेशान हूं मैं #आजकल #अपने #ख़ुदग़र्ज़ #इंसान #खुद_की_तलाश #परेशान 
#गुमनाम_शायर_महबूब 
#gumnam_shayar_mahboob

'गुमनाम'

#ख़ुदग़र्ज़ इश्क़

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ये इश्क़ बड़ा ख़ुदग़र्ज़ यहां,
दुनिया से इसे क्या लेना है....
.....................

एक सांस जो तू छोड़े है,
एक सांस मेरी भी आई है,
एक तू है मेरा , एक मै हू तेरा,
बाकी ये दुनिया पराई है !! #ख़ुदग़र्ज़ इश्क़

Sandeep Kothar

ख़ुदग़र्ज़.. मेरा कोई दर्द तुझसे बर्दाश्त नहीं होता था, आज बिस्तर पर तेरी हैवानियत देखी, मैं दर्द से चिखती चिल्लाती रही, सोचती हूं... क्यों मैं तेरी हवस की शिकार हुई..?

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ख़ुदग़र्ज़..

मेरा कोई दर्द तुझसे बर्दाश्त नहीं होता था,
आज बिस्तर पर तेरी हैवानियत देखी,

मैं दर्द से चिखती चिल्लाती रही,
सोचती हूं... क्यों मैं तेरी हवस की शिकार हुई..?

अब तो जैसे पैरों में खुद बेड़ियां बांध ली मैंने,
ना जाने इसे मोहब्बत कहूं, या गुस्ताख़ी..?

संदीप कोठार ख़ुदग़र्ज़..

मेरा कोई दर्द तुझसे बर्दाश्त नहीं होता था,
आज बिस्तर पर तेरी हैवानियत देखी,

मैं दर्द से चिखती चिल्लाती रही,
सोचती हूं... क्यों मैं तेरी हवस की शिकार हुई..?

तृप्ति

मुश्किल हो गया है अब जीना इस खुदगर्ज जमाने में...
कुछ तो नरमी बरत ए खुदा तू मुझे आजमाने में...
एक अरसे से दिए जाते हैं इम्तिहान तेरे....
क्यों करता है इतनी देर तेरे फैसले सुनाने में .... तृप्ति #ख़ुदग़र्ज़

तृप्ति

मुश्किल हो गया है अब जीना इस खुदगर्ज जमाने में...
कुछ तो नरमी बरत ए खुदा तू मुझे आजमाने में...
एक अरसे से दिए जाते हैं इम्तिहान तेरे....
क्यों करता है इतनी देर तेरे फैसले सुनाने में .... तृप्ति #ख़ुदग़र्ज़

अनुराग चन्द्र मिश्रा

यहां लोग बड़े अज़ीब ढंग से मिलतें हैं 
ख़ुद को अपनां कहतें हैं 
कभी परायों से व्यवहार करतें जातें हैं 
यहां लोग बड़े अज़ीब ढंग से मिलतें हैं 
ख़ुद तन्हां होतें हैं तो हमें खोज़ लातें हैं 
अपनें वक्त में यूं मशरूफ़ करा जातें हैं 
ख़ुद का आसमां ढूंढतें हैं हमें बहका लें जातें हैं 
हमें भी कुछ कहनां होगा वों क्यों भूल जातें हैं 
हम कुछ बयां भी करें तो ख़ामोश हो जातें हैं
यूं भी किससे कहें हम, ओर कैसे कहें 
अक्सर अपनें दामंन को अपनें दामंन में थामां हुआ पातें हैं
यहां लोग बड़े अज़ीब ढंग से मिलतें हैं 
दिखतें कुछ तो दिखातें कुछ हैं ओर दिखाकर कुछ जातें हैं
बड़े ख़ुदग़र्ज़ से होतें हैं ये लोग जो अपनां कहतें हैं 
ख़ुद की तन्हांई दरकिनार करतें हैं 
हमें और तन्हां छोड़ कर चले जातें हैं 
यहां लोग बड़े अज़ीब ढंग से मिलते हैं 
इक वीरानें से जुदा करतें हैं इक वीरानें में छोड़ जातें हैं  #Nojoto #तन्हां #ख़ुदग़र्ज़


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