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Diwan G
दुनियाँ कुछ इस तरह से व्यस्त है, कि सब अपने दुखों से ग्रस्त हैं। दोस्ती की बात ये जमाना क्या जाने, यहाँ सभी लोग मौका परस्त हैं। ©Diwan G #friends #परस्त #ग्रस्त #वयस्त #जमाना #दोस्ती
नवीन बहुगुणा(शून्य)
राहुल गांधी-देश लोगो से बनता है जमीन के टूकड़ो से नही, रॉबर्ट वाड्रा-राहुल मेरे पास तो जमीन जमीन ही जमीन है लोग कंहा से लाऊ (राहुल गांधी का अपने जीजा श्री रॉबर्ट वाड्रा से कुछ पंकितया- जीजा तुमने जमीन खरीदी लूट के गरीब लोगों से,हाय लगेगी ऐसी की ग्रस्त होंगे गंभीर रोगों से, जीजा तुमने गरीबो को लूटा करके अपनी मनमानी,इतनी लूट तो कंही न मचाई सत्ता में जब थी मेरी दादी जो थी भारत की रानी,तुमने इतना कोहराम मचाया,गरीब जनता को खूब रुलाया, जब से सत्ता में प्रधान सेवक आये, तुम तो लौट के बुद्धू घर को न आये,तुमने सोचा जो चलता था चलता रहेगा चाहे कितनी सरकारे आये, मगर ये सरकार कुछ अलग थी जो हर तरफ जीत का बिगुल बजाए, तेरी कथनी ओर करनी में अन्तर था, कांग्रेस की हार चाल में षडयंत्र था,सोचा न होगा तूने तेरी ऐसी हालत होगी,तू भी ग्रस्त होगा बड़े रोग से बनेगा सबसे बड़ा रोगी, धारा370 खत्म होने पर देश ने खुशियां मनाई वरना मेरे नाना ने कश्मीर को अलग करके भारत के सीने में आग लगाई,तुमने सोचा कोई कुछ नही कहेगा, भारत यूँही सहेगा,जीजा जब तेरे ही सीने पर चढ़ सरकार ने तुजे बंधी बनाया,तब दीदी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा के पूरी न्यायालय को जगाया, गलत था तू तभी तू बेल पे बहार है, खुश मत हो ये आगे मोदी जी की खतरनाक दहाड़ है,तुझे तेरी किये की सजा मिलेगी, सरकार अब चुप नही रहेगी, मोदी सरकार ने हमारी 70 साल की पार्टी का सूपड़ा साफ किया, तू बेल पर तो है लेकिन तुझे अभी माफ नही किया तूने सोचा तेरे पास पैसा है,बच जाएगा, मगर जब हमारी पार्टी नही बची तो तू कंहा से बच जाएगा,इस सरकार ने जो फैशले किय वो तुरन्त कर दिखाया, भारत के अभिन्न अंग कश्मीर को धारा 370 से मुक्त कराया, जय हिंद जय माँ भारती धारा370 पे कुछ पंक्ति🇮🇳🇮🇳🇮🇳
धारा370 पे कुछ पंक्ति🇮🇳🇮🇳🇮🇳
read moreगजेन्द्र द्विवेदी गिरीश
*हे भोले* भोले बस इतना करना, जीवन मे व्यस्त ही रहूं। व्यर्थ के हीनविचारों से, कदापि मैं ग्रस्त न रहूं।। दो जून की रोटी हो बस, छत सर पर रहे सलामत। ना हो उछलता धन पर, अभावों से मैं ग्रस्त न रहूँ।। भीड़ में ना गुम हो जाऊं मैं, बेगानों में न फंस जाऊं मैं। चार साथी हो सुख देने को, एकाकीपन से त्रस्त न रहूं।। काम से हो पूरी वफादारी, रिश्तों में थोड़ी समझदारी। हो ईमानदारी दूजों से औ, स्वयं से भी मैं भ्रष्ट न रहूँ।। 22.07.2019 (c) गिरीश #भोले
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