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Best मजिंल Shayari, Status, Quotes, Stories

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Pragati Pushparaj

आनन्द कुमार

आनन्द कुमार

कैसे कह दूं कि जीत है कि हार है?
अब तो ठान लिया है अब तो बस उस पार है।

मंजिलें मिलेगी या भटक जाएगे हम कही रास्ते में,
जो भी होगा, हम अपनी किस्मत से लडने को तैयार हैं।

कि मुसीबतों को देखकर डरना होगा तुम्हारी फितरत में,
यहां तो मुसीबतों से ही लड़-लड़ कर बने हम पहाड़ है।

हार ना मानते हुए अंत तक लड़ना और आगे बढ़ना,
बस यही हमारा सबसे बड़ा हाथियार है।
                                                 ---------- आनन्द

©आनन्द कुमार #Anand_Ghaziabadi 
#आनन्द_गाजियाबादी 
#मजिंल 
#हाथियार 
#पहाड़

Gurwinder Dhillon

Krish Vj

"इंसान"  होकर  भी "इंसान"  के  कोई  काम ना आया 
"इश्क़"  हो  या  "दोस्ती" "वफ़ा"  कहां किसने निभाया 

दौलत शौहरत  की  आरज़ू हैं, "प्रेम" कहाँ किसने पाया 
साथी बनते टूट  जाते हैं, उम्र  भर साथ किसने निभाया 

मंज़िल के "सफ़र" में मिले जो, "अजनबी" सबको पाया 
कोई साथ  नहीं देता, "स्वार्थ" का स्त्रोत समझ मैं पाया 

जीवन पथ  की  "राहों"  में  बस यही साथ निभाते आया 
आत्म विश्वास, मेहनत, प्रेम, सत्य साथी मैं समझ पाया

बना इन्हीं को बंधु अपना, सच्चा 'स्नेह' इनसे मेने पाया
वफ़ा मिलेगी उम्र भर, बिन इनके कौन मंज़िल को पाया मंज़िल के साथी:_

#restzone #rzलेखकसमूह #rztask28 #manjil #मजिंल #साथी #अल्फाज_ए_कृष्णा

parul sharma

अपनी मजिंल को चूमने निकली हूँ, मैं...
वो सोच रहे हैं घुमने निकली हूँ, मै!!! #मजिंल 
#चुमने
#इरादे
#वो 
#घुमने
#जिंदगी

parul sharma

अभी कुछ खोए हैं बहुत कुछ पाना बाकी है...
मंजिल की तरफ तो अभी चले हैं...
पहुंचना बाकी है...
नदी बनकर बहना सीखी हूं, मैं...
समुंदर से मिलना बाकी है !!!
मैंने अपने हर पन्ने पर बहुत दर्द लिखे हैं...
बस खुशियां लिखना बाकी है...
जिंदगी की शाम है यह..
और इस शाम का सुबह होना बाकी है..
अभी तो रोए हैं, मुस्कुराना बाकी है!!!

 #खोए
#मजिंल 
#नदी
#समंदर 
#दद॔ 
#खुशिया 
#जिंदगी

Neetish Patel

मैं अब थोड़ा कम मुस्कुराता हूँ....
बुलाती हैं मुझे मंजिल मगर,
मैं सफ़र पर जाता कम हूँ....

कुछ इसलिए भी इश्क में मात हुई है मेरी,
मैं बिखरे हुये लोगों से दिल लगाता बहुत हूँ...
नासूर हो गया है ये दिल का ज़ख्म भी,
मैं रातों में इसको दबाता बहुत हूँ...

एक तस्वीर है जो कुछ याद दिलाती है..
सच मानो मैं उस पल को भूल जाना चाहता हूँ...
मैं तंग आ गया हूँ अपनी कुछ आदतों से,
मैं दिमाग कम और दिल लगाता बहुत हूंँ... #मजिंल #सफर

Rose Rose

शिवानन्द

खुले आकाश में ... कविता में एक शब्द एक बिंदु की तरह होता है। जिस प्रकार एक बिंदु से कई रेखाएँ खींची जा सकती हैं और वो भी कई दिशाओं में उसी प्रकार एक शब्द से कई शब्द जुड़े होते हैं, जिनकी खोज करके हम एक पंक्ति को विभिन्न भावों से जोड़ सकते हैं। खुले आकाश में इस पंक्ति पर ग़ौर करें तो दो सामने के शब्द हैं

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छूनी है नयी ऊंचाईयां, रहता हूं  बस इसी आश में।
ये बंदिशें मत रोक मुझे, मैं उड़ने चला आकाश में।

🕊️🕊️ #नदान_परिंदा 🕊️🕊️ खुले आकाश में 

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कविता में एक शब्द एक बिंदु की तरह होता है। जिस प्रकार एक बिंदु से कई रेखाएँ खींची जा सकती हैं और वो भी कई दिशाओं में उसी प्रकार एक शब्द से कई शब्द जुड़े होते हैं, जिनकी खोज करके हम एक पंक्ति को विभिन्न भावों से जोड़ सकते हैं। 

खुले आकाश में इस पंक्ति पर ग़ौर करें तो दो सामने के शब्द हैं
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