Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best सज्जन Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best सज्जन Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutसज्जन क्या है, सज्जन सिंह की नौटंकी, सज्जन का विलोम शब्द, सज्जन का संधि विग्रह, सज्जन का समास विग्रह,

  • 14 Followers
  • 115 Stories

Anuradha T Gautam 6280

#सज्जन..🖊️अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

read more

@thewriterVDS

Vineet Sharma

आज जब शब्दकोश में एक शब्द का वर्णन पढ़ा, आ गई टेढ़ी सी मुस्कान चेहरे पर और कुछ मुझसे ना बन पड़ा, वर्णन उस शब्द का पढ़ मेरा दिल घबराया, जिस शब्द को आधे जग द्वारा खोजा जाता है बाकी आधे जग में- उसमे भेदभाव नज़र आया, सिखा रहा वो शब्द जो था वो था दर्दनाक सा, सभ्य होने की परिभाषा पर था कुछ आघात सा, ऐसा नहीं कि कुछ अभद्र था उस वर्णन में,

read more
सज्जन (Gentlemen)

POETRY IN CAPTION..  आज जब शब्दकोश में एक शब्द का वर्णन पढ़ा, 
आ गई टेढ़ी सी मुस्कान चेहरे पर और कुछ मुझसे ना बन पड़ा, 
वर्णन उस शब्द का पढ़ मेरा दिल घबराया, 
जिस शब्द को आधे जग द्वारा खोजा जाता है
बाकी आधे जग में- उसमे भेदभाव नज़र आया, 
सिखा रहा वो शब्द जो था वो था दर्दनाक सा, 
सभ्य होने की परिभाषा पर था कुछ आघात सा, 
ऐसा नहीं कि कुछ अभद्र था उस वर्णन में,

अमित चौबे AnMoL

मलंग साधू #मलंग #साधु #राम #हिन्दू  #सज्जन #यात्री #रेलयात्रा

Inspector Jagbir Kaushik

Parvindar Projwal

भगवान नही होते साहब! #hamariadhurikahani #MeriKahani #CTL #bhagwaan #Bhakti #viswaas #Love #Life #mrpro #mrperry

read more
हर दर्द वो सहता जा रहा था 
जब वेसे भगवान के नाम पर पीटा जा रहा था।
पीड़ा से वो कहारता, पुकारता 
लेकिन हर व्यक्ति बस उसे देखे जा रहा था।
भूख से परेशान,जो भिखारी सा दिखने वाला वो व्यक्ति,
जिसने मंदिर से प्रसाद जो चुरा लिया था 
शायद उसको मंदिर के पुजारी के साथ साथ 
भगवान के भक्त भी उसे चोर समझ बैठे थे,
भगवान के घर में चोरी करता है!
भगवान के नाम पर उसे लगातार पीटा जा रहा था
फिर उसे वँहा से भगा दिया ।
वो व्यक्ति मंदिर से दूर निकल गया ।
वँहा किसी सज्जन पुरुष ने उसे देखा 
और पानी की बोतल उसको दे दी
उसने कहा साहब पानी नही खाना खिला दो।
सज्जन व्यक्ति ने खाना खिलाया और उसका हाल जाना ।
अन्त में उस भिखारी से दिखने वाले व्यक्ति ने कहा कि 
"भगवान मंदिर में नही होते और न ही उसके आस पास!" भगवान नही होते साहब!
#hamariadhurikahani #merikahani #CTL #bhagwaan #bhakti #viswaas #love #life #mrpro #mrperry

Prasoon

nojoto#nojotoworld#nojotofanclub#nojotostory#nojotolife#nojotopoets #मेट्रो-यात्रा वृतांत।। #कहानी के किसी पन्ने से।। ये कथावाचन एक सत्य घटना पर आधारित है, किसी भी व्यक्ति, समाज एवं जाति से इसका कोई वास्तविक संबंध नहीं है।। यदि ऐसा होता है तो इसे महज़ एक संयोग समझा जाएगा।। हाँ तो आपका बेशक़ीमती समय ना लेते हुए सीधे हम रुख करते हैं ऐसी घटना पर जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमें भी रूबरू होना पड़ा। तो यह बात शुरू होती है आजकल की भागदौड़ भरी महिमामयी एंड्राइड-आईफोन और उनके सगे-संबंधी या यूँ

read more
#nojoto#nojotoworld#nojotofanclub#nojotostory#nojotolife#nojotopoets
#मेट्रो-यात्रा वृतांत।। #कहानी के किसी पन्ने से।।

ये कथावाचन एक सत्य घटना पर आधारित है, किसी भी व्यक्ति, समाज एवं जाति से इसका कोई वास्तविक संबंध नहीं है।। यदि ऐसा होता है तो इसे महज़ एक संयोग समझा जाएगा।।

हाँ तो आपका बेशक़ीमती समय ना लेते हुए सीधे हम रुख करते हैं ऐसी घटना पर जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमें भी रूबरू होना पड़ा।

तो यह बात शुरू होती है आजकल की भागदौड़ भरी महिमामयी एंड्राइड-आईफोन और उनके सगे-संबंधी या यूँ

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 8 - अर्चावतार 'स्वामी दयानन्दजी बच्चे थे, तभी वे समझ गये थे कि मूर्ति भगवान् नहीं है और आप........।' 'आप स्वामी दयानन्दजी की बात नहीं कर रहे हैं' उन विद्वान को बीच में ही रोक कर मैंने कहा - 'आप तो बालक मूलशंकर की बात कर रहे हैं इस समय। स्वामी दयानन्दजी तो वे बहुत पीछे हुए और आप भी जानते हैं कि स्वामी होने के बाद भी कई वर्षों तक दयानन्दजी शिवमूर्ति की पूजा करते रहे हैं।'

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11

।।श्री हरिः।।
8 - अर्चावतार

'स्वामी दयानन्दजी बच्चे थे, तभी वे समझ गये थे कि मूर्ति भगवान् नहीं है और आप........।' 

'आप स्वामी दयानन्दजी की बात नहीं कर रहे हैं' उन विद्वान को बीच में ही रोक कर मैंने कहा - 'आप तो बालक मूलशंकर की बात कर रहे हैं इस समय। स्वामी दयानन्दजी तो वे बहुत पीछे हुए और आप भी जानते हैं कि स्वामी होने के बाद भी कई वर्षों तक दयानन्दजी शिवमूर्ति की पूजा करते रहे हैं।'

अजय वर्मा

राजनीति : एक व्यंग्य - अजय वर्मा आज एक सज्जन से भेंट हुई जो हमारे साथ विगत वर्षों में पढ़ते थे ह्रदय प्रफुल्लित हो उठा और गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी वह बोले अजय व्यस्त तो नहीं हो आओ कुछ देर पार्क में बैठकर बतियाते हैं मैंने सोचा काम तो बहुत है जैसे मैच देखना है फेसबुक चलाना है व्हाट्सएप चेक करना है कहीं स्टेटस तो नहीं डाल दिया किसी ने लेकिन यहां महत्वता मित्र की लग रही थी ।मैंने सोचा था - बातें होंगी उस दौर की जब हम बच्चे थे

read more
राजनीति : एक व्यंग्य        
                                                            - अजय वर्मा
आज एक सज्जन से भेंट हुई जो हमारे साथ विगत वर्षों में पढ़ते थे ह्रदय प्रफुल्लित हो उठा और गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी वह बोले अजय व्यस्त तो नहीं हो आओ कुछ देर पार्क में बैठकर बतियाते हैं मैंने सोचा काम तो बहुत है जैसे मैच देखना है फेसबुक चलाना है व्हाट्सएप चेक करना है कहीं स्टेटस तो नहीं डाल दिया किसी ने लेकिन यहां महत्वता मित्र की लग रही थी ।मैंने सोचा था - 
बातें होंगी उस दौर की जब हम बच्चे थे
बातें होगी उस दौर की जब हम कुछ ना समझते थे 
बातें होंगी उस दौर की जो सबसे कीमती था
बातें होगी उस दौर की जब हम घंटों बैठकर बतयाते थे 
लेकिन जनाब तो अपनी उपलब्धियां गिना रहे थे और हम गिन भी रहे थे फिर बोले और सुनाओ इस बार कौन जीतेगा मोदी या राहुल मैंने कहा तुमने बताया नहीं भोपाल से मोदी और राहुल लड़ रहे हैं वो बोले मतलब मैंने कहा आप मोदी या राहुल में से किसे जिताएंगे मैंने कहा जवाब मोदी या राहुल को वोट ही नहीं दे सकते तो आप कैसे उनको जिता सकते हो आप तो बस अपने लोकसभा क्षेत्र के अच्छे उम्मीदवार को जताईए वह बोले तुम समझ नहीं रहे हो देश खतरे में है और पाकिस्तान तो यही चाहता है कि कांग्रेस की जीत हो मैंने कहा यह किसने कह दिया पाकिस्तान में बताएं या इमरान खान कहने आए थे कुछ देर चुप रहे और फिर बोले अगर राम मंदिर बनवाना है, धारा 370 और आर्टिकल 35a को खत्म करना है तो मोदी को वोट दो मैंने कहा जनाब आपको मैं पहले ही बता चुका हूं संविधान हमें केवल अपने प्रतिनिधि को वोट देने का अधिकार देता है ये तो राष्ट्रपति व्यवस्था हो गई जो व्यवस्था अमेरिका में है और मोदी को पार्टी है क्या अगर यह कहें बीजेपी को वोट दो कांग्रेस को वोट दो तो भी समझ आता है और सवाल रहा 370 35a का तो क्या गरीबी जिसे मैं भूखमरी कहूं तो गलत नहीं होगा बेरोजगारी, शैक्षणिक बेरोजगारी, शिक्षा का गिरता स्तर, स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत और महिलाओं की स्थिति इत्यादि क्या यह बड़ी समस्या नहीं इनकी जरूरत ज्यादा है यह तो किसी पार्टी के भाषा में नहीं कोई इन मुद्दों पर तो बात नहीं कर रहा यह तो सब बोल रहे हैं कि मोदी को वोट दो नहीं दिया तो आप राष्ट्रभक्त नहीं देशद्रोही । भाई जो यह बोल रहे हैं उनसे पूछना चाहता हूं उन्होंने क्या किया है  देश के लिए । 
तो यह सुनकर जनाब तो चुप हो गए लेकिन मोदी जी की बुराई सुनकर बगल में बैठे सज्जन बोले बोल रफेल का मुद्दा मतलब चौकीदार चोर है मैंने उन सज्जन को कहा कोन चौकीदार, जनता ने प्रधानमंत्री बनाया चौकीदार नहीं और अगर ऐसा है तो आपके राहुल जी क्यों चुप थे जब उच्चतम न्यायालय ने जवाब मांगा था तब क्यों नहीं बताया कि चौकीदार कैसे चोर है फिर क्यों स्पष्टीकरण नहीं दिया अब सज्जन ने उत्तेजित स्वर में कहा कांग्रेस ने कई राज्यों के किसानों के कर्ज माफ कर दी मैंने कहा महानुभाव यह कोई स्थाई समाधान नहीं है इससे अर्थव्यवस्था कमजोर होती इससे राजकोषीय घाटा बढ़ता है और उन गरीबों का क्या जिनके पास जमीन नहीं है केवल मजदूरी करते हैं जिन्हें केवल 5 - 10 हजार कर्ज की आवश्यकता होती है जो वो वहां के स्थानीय साहूकार से ले लेते हैं वह बोले बीजेपी हिंदू मुसलमान को लड़वाती है और हिंदुओं का समर्थन करती है मैंने कहा कांग्रेस कब पीछे रहती है क्या मंदसौर की घटना इतनी जल्दी भूल गए आप और कांग्रेस का मुसलमानों के प्रति झुकाव किसी से छुपा नहीं मैंने कहा अब हमें चलना चाहिए समय बहुत हो गया है लेकिन नहीं वह दोनों सज्जन एक हो चुके थे और दोनों एक स्वर में बोले आप ही बता दीजिए कौन सही है किसको वोट दें मैंने कहा गुस्सा ना हो जनाब बताता हूं प्रधानमंत्री बहुमत दल का नेता होता है और जब उसे हम आप नहीं सुनते बल्कि हमारे द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि सुनते हैं और हां आप बुरे व्यक्ति को जीतते हैं इसलिए पार्टियां बुरे व्यक्ति को टिकट देती है आप पार्टी, व्यक्तित्व को बगल में रखकर अच्छे व्यक्ति को जीताइए पार्टियां अच्छे कर्मठ व्यक्ति को देने लगेगी किसी भी पार्टी को वोट मत दीजिए और ना भक्त बनिए और ना चमचे आप केवल लोकतंत्र की इकाई मतदाता बनिए और पार्टी को वोट देना ही चाहते हैं तो पहले सभी पार्टियों के घोषणापत्र तो पढ़ लीजिए जो यह बताते हैं कि वह अगले 5 सालों में क्या करेंगे और समस्या कुछ और है जो आपको बताई जा रही है उसका कोई अस्तित्व नहीं इसलिए प्रश्न करिए अपने लोकसेवक जिसे आपने चुना है क्या किया आपने जो हम आपको फिर से वोट दे और पूछिए नए उम्मीदवार से क्या करोगे जो हम आप को वोट दें बो  नचा रहे हैं आप चुपचाप नाच रहे हैं वह बता रहे हैं आप कह रहे हैं विचार का तो कोई स्थान नहीं अपने वोट की ताकत को पहचानो और राष्ट्रहित लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपनी आहुति अवश्य दें और ध्यान रहे आहुति करते समय सही मन से, स्वच्छ विचार से, मन में देश के विकास की कामना करते हुए आहुति दें वरना इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा । राजनीति : एक व्यंग्य        
                                                            - अजय वर्मा
आज एक सज्जन से भेंट हुई जो हमारे साथ विगत वर्षों में पढ़ते थे ह्रदय प्रफुल्लित हो उठा और गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी वह बोले अजय व्यस्त तो नहीं हो आओ कुछ देर पार्क में बैठकर बतियाते हैं मैंने सोचा काम तो बहुत है जैसे मैच देखना है फेसबुक चलाना है व्हाट्सएप चेक करना है कहीं स्टेटस तो नहीं डाल दिया किसी ने लेकिन यहां महत्वता मित्र की लग रही थी ।मैंने सोचा था - 
बातें होंगी उस दौर की जब हम बच्चे थे

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 13 - राजसी श्रद्धा 'भारत की जनसंख्या बराबर बढ़ती जा रही है। इस बढती हुई जनसंख्या को भोजन देने की समस्या कम विकट नहीॆं है।' मैं यात्रा कर रहा था रेल के द्वितीय श्रेणी के डिब्बे में। उसमें एक स्वच्छ खद्दरधारी पुरुष सामने की बैठक पर विराजमान थे और बड़े उत्साह से वे अपने पास बैठे एक दूसरे सज्जन को समझा रहे थे कि अन्न उत्पादन के लिए सरकार की क्या-क्या योजना है। 'आप बुरा न मानें तो मैं एक घटना सुनाऊँ।' एक गरिक वस्त्रधारी सन्यासी बीच में बोल उठ

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
13 - राजसी श्रद्धा

'भारत की जनसंख्या बराबर बढ़ती जा रही है। इस बढती हुई जनसंख्या को भोजन देने की समस्या कम विकट  नहीॆं है।' मैं यात्रा कर रहा था रेल के द्वितीय श्रेणी के डिब्बे में। उसमें एक स्वच्छ खद्दरधारी पुरुष सामने की बैठक पर विराजमान थे और बड़े उत्साह से वे अपने पास बैठे एक दूसरे सज्जन को समझा रहे थे कि अन्न उत्पादन के लिए सरकार की क्या-क्या योजना है।

'आप बुरा न मानें तो मैं एक घटना सुनाऊँ।' एक गरिक वस्त्रधारी सन्यासी बीच में बोल उठ
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile