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ADV. Rashmi Gupta
Jasmine of December
Naveen Pratima
PAST is a waste paper, PRESENT is a news paper, FUTURE is a question paper, so read and write Carefully, otherwise your life will tissue paper." ©Naveen Pratima #kitaabein #NAVEENPratima #naveenpratima #pratibhacreator #lekhakshakti #Azamgarh #AzamgarhExpress
no one
चली जाऊंगी? अरे वह पड़ोसवालों की नन्दा अपनी आंखों से बुलावे की लिस्ट में नाम देखकर आई है. और बुलाएंगे क्यों नहीं? शहरवालों को बुलाएंगे और समधियों को नहीं बुलायेंगे क्या?’ तीन बजे के क़रीब बुआ को अनमने भाव से छत पर इधर-उधर घूमते देख राधा भाभी ने आवाज़ लगायी,‘गईं नहीं बुआ?’ एकाएक चौंकते हुए बुआ ने पूछा,‘कितने बज गए राधा? ... क्या कहा, तीन? सरदी में तो दिन का पता नहीं लगता. बजे तीन ही हैं और धूप सारी छत पर से ऐसे सिमट गई मानो शाम हो गई.’ फिर एकाएक जैसे ख़्याल आया कि यह तो भाभी के प्रश्न का उत्तर नहीं हुआ, ज़रा ठण्डे स्वर में बोलीं,‘मुहूरत तो पांच बजे का है, जाऊंगी तो चार तक जाऊंगी, अभी तो तीन ही बजे है.’ बड़ी सावधानी से उन्होंने स्वर में लापरवाही का पुट दिया. बुआ छत पर से गली में नज़र फैलाए खड़ी थीं, उनके पीछे ही रस्सी पर धोती फैली हुई थी, जिसमें कलफ़ लगा था, और अबरक छिड़का हुआ था. अबरक के बिखरे हुए कण रह-रहकर धूप में चमक जाते थे, ठीक वैसे ही जैसे किसी को भी गली में घुसता देख बुआ का चेहरा चमक उठता था. सात बजे के धुंधलके में राधा ने ऊपर से देखा तो छत की दीवार से सटी, गली की ओर मुंह किये एक छाया-मूर्ति दिखाई दी. उसका मन भर आया. बिना कुछ पूछे इतना ही कहा,‘बुआ!’ सर्दी में खड़ी-खड़ी यहां क्या कर रही हो? आज खाना नहीं बनेगा क्या, सात तो बज गए. जैसे एकाएक नींद में से जागते हुए बुआ ने पूछा,‘क्या कहा सात बज गए?’ फिर जैसे अपने से ही बोलते हुए पूछा,‘पर सात कैसे बज सकते हैं, मुहूरत तो पांच बजे का था!’ और फिर एकाएक ही सारी स्थिति को समझते हुए, स्वर को भरसक संयत बनाकर बोलीं, अरे, खाने का क्या है, अभी बना लूंगी. दो जनों का तो खाना है, क्या खाना और क्या पकाना!’ फिर उन्होंने सूखी साड़ी को उतारा. नीचे जाकर अच्छी तरह उसकी तह की, धीरे-धीरे हाथों की चूड़ियां खोलीं, थाली में सजाया हुआ सारा सामान उठाया और सारी चीज़ें बड़े जतन से अपने एकमात्र सन्दूक में रख दीं. और फिर बड़े ही बुझे हुए दिल से अंगीठी जलाने लगीं. ©Parshant Garg #AkelaMann #Shayar #lekhak #lekhakshakti #Handwritings #write #handjob
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read moresubhit@143✍️
लिखने की.... मैंने तो बस एक पहल किया है, सीखने में वक़्त तो लगता जरूर है !! मगर सीखने लगे हैं हम भी,शब्दों अल्फाज कैसे बुने जाते हैं !! जैसे बिखरे हुए मोतियों से पिरोया जाता है और सुन्दर माला बन जाता है!! लेखन भी कल्पना मात्र है मन की छाया प्रति को शब्दों में पिरोया जाता है!! हमें लगता है लिखते रहने से मन इच्छा शक्ति बढ़ सकती है ये अकल्पनीय है!! ©subhit@143✍️ #lekhakshakti #achievement
Pranav Raizada
जो बात महज़ बात करने से सुलझाई जा सकती थी, वो बात बड़ी चालाकी से बिगाड़ दी गई, हम मशगूल थे मुकम्मल मोहब्बत के जशन में, रकीब को लाके बीच में हमारी जिंदगी इस कदर उजाड़ दी गई ©The White Devil #shairi #Poetry #pranavraizada #thewhitedevil #lekhakshakti #leaf
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read moregourav narayan vaishnav
दिखावे की इस दुनिया से घिरा पड़ा हूं गिरा हूं धोखे खा कर फिर भी सीधा खड़ा हूं हो जायेगा सब पहले जैसा इसी भ्रम में मैं अड़ा हुं देख कर दुनिया के दोगले रंग मै अकेला ही चल पड़ा हूं ना मानूंगा हार,ना झुकूंगा कभी ये सोच कर अकेला ही निकल पड़ा हूं लेखक - गौरव नारायण वैष्णव ©gourav narayan vaishnav #hindi#hindi_poetry #ramdharisinghdinkar #HarivanshRaiBachchan #lekhakshakti
Rakhi Verma
Yuhi kal kisine zikr kiya mohobat ka... Hum bin bole mehfil se nikal aaye...✍ ©Rakhi Verma #lekhak #lekhakshakti #lekhika❤ #write #writeaway #write_a_way #Instagram #Nojoto #poem #Light
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