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Best लक्ष्मीनरेश Shayari, Status, Quotes, Stories

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Naresh Chandra

ज्योति मन मे जगी 
उनके विस्वास की
प्रेम की बन पुजारिन 
अपने प्रियतम की
भाव विह्वल हृदय 
प्रेम रस से भरा 
तरंगित है मन 
औ मिलन चाह की।

©Naresh Chandra #लक्ष्मीनरेश
#नोजोटोहिन्दी

Naresh Chandra

मन के विचार मन मे तौल
फिर अपने जीवन में घोल
प्यार की बानी सुंदर बानी
मीठे बैन से बोली बोल।

सूल चुभे न मन मे ऐसी
वाणी मे लो अमृत घोल
सरस,सरल मनभावन सी
रस टपकती बोली बोल।

तन उजला मन क्यों मैला
मैल को अपने दिल से ड़ोल
तन की सुंदर सी काया से
जहर बुझी बोली मत बोल।

प्रेम,प्रीत टपका करके जब
मधुरिम बानी मन से बोल
जीवन सुंदर बन जायेगा
तनिक न संशय मन मे घोल।

©Naresh Chandra #लक्ष्मीनरेश
#नोजोटोहिंदी

Naresh Chandra

शीशे से भी नाजुक होता है दिल
पत्थरों से टकराने न देना ।



अगर टूट जाये तो जुड़ता नहीं है
भूल कर भी इसे टूटने न देना।

©Naresh Chandra #लक्ष्मीनरेश

Naresh Chandra

मन की खुशी 
----------------
जब से दिखी है सूरत 
मेरे दिल में मची हलचल 
आँखों में चमक चमकी 
मन मुस्करा रहा है। 

तेरे प्यार की महक से 
गुलशन महक रहा है 
महकी हुयी फिजां ने 
धडकन बढा दिया है। 

पैरों में हुई थिरकन 
बेताब हो रहा मन 
हाले-दिल सुनायें तुमको 
लब थरथरा रहा है।

©Naresh Chandra #मन_की_खुशी
#लक्ष्मीनरेश

Naresh Chandra

#लक्ष्मीनरेश मनुहार #Love

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मन की मनुहार मे
प्यार की पुकार मे
दर्द से भर है दिल
अब मान भी जाओ।

प्रेमरस से सराबोर
हृदय में उठे हिलोर
छलछला रहा हृदय
अब मान भी जाओ।

आंखिंयन के कोर से
जल की बरसात से
भीग रहा है कपोल
अब मान भी जाओ।

नरेशचंद्र"लक्ष्मी"
फरीदाबाद हरियाणा।

©Naresh Chandra #लक्ष्मीनरेश 
मनुहार
#Love

Naresh Chandra

छिपा कर दर्द को अपने
तुम्हारी सलामत की दुआ
करते हैं
खुश रहो मेरी अहले-मुहब्बत
हम तो तुम्हारी रजा मे
राजी हैं।

©Naresh Chandra #लक्ष्मीनरेश 

#droplets

Naresh Chandra

#अवकाश_प्राप्ति मतलब #जीवन_की_दूसरी_पारी अवकाश प्राप्ति यानि कि सेवा निर्वित एक दुखद एवं सुखद अहसास का मिश्रण, दुखद इसलिए कि तीस, पैंतीस, साल के सेवा काल मे सहकर्मी मित्रों से घनिष्ठता और नोकझोंक आठ, दस घंटे साथ मे रहना उनसे बिछड़ने का दुख। सुखद इसलिये कि अब बच्चों और परिवार के साथ फुल टाईम बचे हुये जीवन के दिन बिताने का अवसर। पहले के जमाने मे एकल परिवार नहीं होता था तो अवकाश प्राप्ति के बाद का सुख और आनंद अलग था। सब एक साथ रहते थे। लेकिन अब तो लगभग परिवार मे एकल

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अवकाश प्राप्ति मतलब
जीवन की दूसरी पारी
कृपया अनुशीर्षक मे पढ़ें
🙏🙏

©Naresh Chandra #अवकाश_प्राप्ति मतलब
 #जीवन_की_दूसरी_पारी

        अवकाश प्राप्ति यानि कि सेवा निर्वित एक दुखद एवं सुखद अहसास का मिश्रण, दुखद इसलिए कि तीस, पैंतीस, साल के सेवा काल मे सहकर्मी मित्रों से घनिष्ठता और नोकझोंक आठ, दस घंटे साथ मे रहना उनसे बिछड़ने का दुख।
       सुखद इसलिये कि अब बच्चों और परिवार के साथ फुल टाईम बचे हुये जीवन के दिन  बिताने का अवसर।
       पहले के जमाने मे एकल परिवार नहीं होता था तो अवकाश प्राप्ति के बाद का सुख और आनंद अलग था। सब  एक साथ रहते थे।
        लेकिन अब तो लगभग परिवार मे एकल

Naresh Chandra

धरा का अतिक्रमण #लक्ष्मीनरेश #मित्र

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Naresh Chandra

शैतान बनाते क्यूँ हो #लक्ष्मीनरेश

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Naresh Chandra

इज़हार     #वेलेंटाइन डे

      पश्चिमी देशों के बुध्दिजीवियों ने भारतीय सभ्यता मे घुसपैठ कर प्रेम का त्यौहार बसंत पचंमी मे टांग अड़ा कर "वेलेंटाइन डे" को प्रत्यारोपित कर नवयुतियों/नवयुवकों मे एक नया रोग लगा दिया।
        खैर छोड़िये, #शब्दग्राम मे 'वेलेंटाइन पर लिखने को कहा गया है।
      हमारी जब शादी हुई तब "वेलेंटाइन'" को कोई जानता ही नहीं था, बस हम अपने माता पिता के साथ उनके घर गये विचारों का अदान प्रदान होता रहा।
      उसी समय एक सुंदर सी कन्या "जो अब मेरी सबकुछ है" एक ट्रे मे चाय वगैरह ले आयी, मेरे पिताजी के कहने पर एक कुर्सी पर संकुचाते हुए नज़रें नीची किये बैठ गई।
         मैं भी शरमाते हुए चोर नज़रों से देख लेता था और वो भी तिरछी नज़रों से देख लेती थी, और जब हम दोनों की नज़रें मिल जाती तो एक प्यारा सा अहसास दिल को छू जाता था।
         यही हम दोनों का रोज डे, प्रपोज ड़े, सारे ड़े एक ही दिन मे हो गए, फिर पंड़ित जी के अनुसार एक दिन आया हम उसको "गठबंधन ड़े" कह सकते हैं मे बंध गए। और हम शादी के पवित्र बंधन मे बंध गए।
        आजकल खुल्लमखुल्ला एक गुलाब लेकर नवयुवती/नवयुवक प्यार का इज़हार कर देते हैं, चाहे प्यार का मतलब पता हो या न हो।
         अब तो प्यार का इज़हार, पहले गुलाब दे कर अजमाते हैं, दूसरे दिन प्रपोज करते हैं और फिर शादी की बात करके खुद ही मुहर लगा देते हैं। 
      घर वालों की मर्जी के खिलाफ भाग जाते हैं। जब प्यार का बुखार उतर जाता है और जीवन भार लगने लगता है तो उसके भयंकर परिणाम से मन कांप उठता है।
       अंत मे मैं बच्चों से यही कहना चाहूंगा कि प्यार का इज़हार करो, लेकिन अपनी संस्कृति और सभ्यता के दायरे मे रह कर। 
नरेशचन्द्र"लक्ष्मी"

©Naresh Chandra #लक्ष्मीनरेश
#dilkibaat
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