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Satyabandhu Bharat
मुमकिन नहीं सभी को खुश रख पाना ,द्वंद भी रहेगा भला सूरज के आने पर अंधेरा क्यों वाह!वाह कहेगा #satyabandhubharat
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अपना बनाकर पीछे से गिराने वाली है तेरी फितरत भी वही ज़माने वाली है #satyabandhubharat
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मुझे दुःख नहीं हुआ मौत का मंजर देखकर दुःख हुआ अपनों के हाथों में खंजर देखकर #Satyabandhubharat सत्यबन्धु
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इतने माली सींच रहे हैं फिर सूखी फुलवारी क्यों है हो चिराग तुम दम भरते हो फिर छाई अंधियारी क्यों है दानी जब हर गलियों में बैठे इतने आज भिखारी क्यों है मेरे नाम पे खूब कमाया खाली जेब हमारी क्यों है कोई बच्चा भूखा सोये कोई माँ दुखियारी क्यों है सजग हो तुम, हो चौकन्ने लूट का खेल ये जारी क्यों है हर दम, हर पल तेरे शहर में लुटती, मिटती नारी क्यों है देश हमारा भी कहते हो, जगह जगह गद्दारी क्यों है कथनी करनी में है अंतर इतनी दुनियादारी क्यों है अपना तुमने ले लिया पहले फिर ये हिस्सेदारी क्यों है अपना कहते हो जब हमको दिल में चाहरदीवारी क्यों है प्रेम पुजारी तेरे हाथों में खूनी तलवारी क्यों है अभी जाग जा अभी चेत ले फिरता बना अनारी क्यों है तुम तो आग बुझा आये थे फिर दहकी चिंगारी क्यों है रोग मिटाते हो तुम दिन भर फिर इतनी बीमारी क्यों है भारत में फिर तू आजा फिर से रूठा कुंज बिहारी क्यों है संतोष पांडेय(सत्यबन्धु) #satyabandhubharat
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बहुत कम लोग मिल रहे हैं, बहुत कम नमस्कार कर रहे हैं शायद वह जनाब "सच" का प्रचार कर रहे हैं सत्यबन्धु #satyabandhubharat
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पैर में बहुत छालें हैं रोज-रोज जलता रहता है शायद उसूल की आग में चलता रहता है (सत्यबन्धु)#satyabandhubharat
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बहुत दिनों बाद मैंने अपनी डायरी और कलम उठायी लिखने को, लेकिन अचानक से कुछ इस तरह के भाव उमड़ पड़े इक़राम वालों के दिल पर इंतकाम लगा रहे हो तुम समंदर पे आग लगाने का इल्जाम लगा रहे हो समंदर ख़ामोश है रहने दो,वरना तबाही होगी क्यों आगाज़ के पन्नो में अंजाम लगा रहे हो सन्तोष पांडेय(सत्यबन्धु) #satyabandhubharat इक़राम वालों के दिल पर इंतकाम लगा रहे हो तुम समंदर पे आग लगाने का इल्जाम लगा रहे हो समंदर ख़ामोश है रहने दो,वरना तबाही होगी क्यों आगाज़ के पन्नो में अंजाम लगा रहे हो सन्तोष पांडेय(सत्यबन्धु) #satyabandhubharat
इक़राम वालों के दिल पर इंतकाम लगा रहे हो तुम समंदर पे आग लगाने का इल्जाम लगा रहे हो समंदर ख़ामोश है रहने दो,वरना तबाही होगी क्यों आगाज़ के पन्नो में अंजाम लगा रहे हो सन्तोष पांडेय(सत्यबन्धु) #satyabandhubharat
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