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Best ख्यालों Shayari, Status, Quotes, Stories

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Nurul Shabd

Mukesh Poonia

#love_qoutes अपने #ख्यालों के #परिंदों को #सीमित मत रखो #आसमान में #उड़ान भरने की कोई #सीमा नहीं होती अच्छे विचार फोटो अच्छे विचार शायरी नये अच्छे विचार आज का विचार सुप्रभात

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Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** नुमाइश *** " क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं , मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से , क्यों ना तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं , खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये , तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं , #कविता #ख्यालों #आरज़ू #तसव्वुर #हिज़्र #रफ़ाक़त

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*** ग़ज़ल *** 
*** नुमाइश *** 

" क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं ,
मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से ,
 क्यों ना  तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं ,
खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये ,
तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं ,
बात जो भी फिर कहा तक जार बेजार , 
तेरे ज़िक्र की नुमाइश की पेशकश की जाये ,
लो ज़रा सी इबादत कर लूं भी मैं ,
इश्क़ की बात हैं मुहब्बत कर लूं मैं ,
तेरे ख्यालों की नुमाइश क्या ना करता मैं ,
ज़र्फ़ तेरी जुस्तजू तेरी आरज़ू तेरी ,
फिर इस हिज़्र में फिर किस की ख़्वाहिश करता मैं ,
उल्फते-ए-हयात  एहसासों को अब जिना आ रहा मुझे ,
जो तेरे ख्यालों के तसव्वुर से रफ़ाक़त जो कर रहा हूं मै . "

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 
*** नुमाइश *** 

" क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं ,
मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से ,
 क्यों ना  तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं ,
खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये ,
तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं ,

बेजुबान शायर shivkumar

#Couple मुझे अपने हर दर्द का #हमदर्द बना लो, दिल में नहीं तो #ख्यालों में बैठा लो, सपनों में नहीं तो #आंखों में सजा लो, अपना एक सच्चा #अहसास बना लो ।। #मोहब्बत #दुनिया #धड़कन #लव #हमसफर

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Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** तसब्बुर *** " हम याद जऱा तुम्हें करेंगे , तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये , हम खुद में तुम्हें खोजते फिरेंगे , रास आये हयाते-ए-हिज्र #आईने #ख्यालों #शायरी #गुफ्तगू #दस्तूर #अख्तियार

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*** ग़ज़ल *** 
*** तसब्बुर ***

" हम याद जऱा तुम्हें करेंगे ,
तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , 
मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये ,
हम खुद में तुम्हें खोजते फिरेंगे ,
रास आये हयाते-ए-हिज्र 
फिर वो बात कहां मुलाक़ात कहा ,
सवालात जो करु फिर वो बात कहां ,
मिलना हैं की बिछड़ना हैं वो ,
मुख्तलिफ सवगात हैं ,
मिल की बिछड़ना ना परे ,
ऐसे में हमारी गुफ्तगू कहा ,
सब आईने के दस्तूर पुछते हैं ,
अभी तुम से मेरा मिलना हुआ कहा ,
कोई रुख करु तो फिर कोई बात हैं ,
बुझते जज्बातों के वो दौर कहा ,
यु खोना भी तूझे खोना है ,
फिर तुझसे मैं ग़ैर इरादातन फिर मिला कहां , 
कोई बात आज भी आईने के दस्तूर लिये‌ बैठा हैं ,
मिलते तो पुछते तुम से कौन शक्ल अख्तियार किए बैठे हो ,
जो तसब्बुर के ख्यालों से तुम हु-ब-हू कहीं नहीं मिलते ."

                         --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 
*** तसब्बुर ***

" हम याद जऱा तुम्हें करेंगे ,
तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , 
मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये ,
हम खुद में तुम्हें खोजते फिरेंगे ,
रास आये हयाते-ए-हिज्र

Manju Sharma

ये #ख्वाबों #ख्यालों की दुनिया... है बड़ी अजीब 
इश्क मे एक शख्स... मेहताब बना जाता है

हमे मुहब्बत है उससे... बेहिसाब, बेइंतहा 
वो इश्क मे गणित लगाकर.. उलझाए चला जाता है 

जब वास्ता नहीं रखना.. क्यू आना,फिर चले जाना 
दिल तो आखिर दिल है.. झूठी खुशी पर बहुत इतराता है

कुछ गलतियांँ उसकी, कुछ मेरी... भी रही होगी 
लेकिन हमारा रिश्ता दरम्याँ.....साँस भी न ले पाता है

उसके ख्वाब-ओ-ख्यालों से... दूर हो चली हूँ 
दिमाग तर्क-ए-ताल्लुक़ात मे... फँसा चला जाता है

©Manju Sharma

Rabindra Kumar Ram

" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " --- रबिन्द्र राम #ख्यालों #नुमाइश #अनजाने #गैर #शायरी

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" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , 
बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, 
अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, 
इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " 

                   --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , 
बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, 
अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, 
इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " 

                   --- रबिन्द्र राम

#ख्यालों #नुमाइश #अनजाने #गैर

Rabindra Kumar Ram

" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " --- रबिन्द्र राम #ख्यालों #नुमाइश #अनजाने #गैर #शायरी

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Anmol Singh (AS)

Madhu Kashyap

#YouNme सिर्फ तुम #ख्यालों #शायरी

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