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Best छांव Shayari, Status, Quotes, Stories

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Vicky Tiwari

Poonam

जिंदगी बेफिक्री मे
बहुत थी
जब तक मां के छांव में 
गुजर रही थी...

©Poonam #मां
#छांव

Anand Prakash Nautiyal tnautiyal

Mukesh Poonia

#girl #कामयाबी के #सफर में #धूप का बड़ा #महत्व होता है, क्योंकि #छांव मिलते ही #कदम रुकने लगते हैं...

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Raviraaj

#छांव

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पिता की हो, पेड़ की हो
पति की हो, पत्नी को हो,
या प्रेमिका की जुल्फों की हो।
छांव में रहने की तमन्ना मत रखो।।

©Raviraaj #छांव

kumaarkikalamse

#paidstory #Kumaarsthought #घर #पेड़ #छांव ना गुमान रखो ना दिल टूटेगा

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मिल जाये ग़र कोई रास्ते में, 
उसे  हमसफ़र  नहीं  बनाते 
दो  पल  गुजार कर छांव में, 
पेड़  के नीचे घर नहीं बनाते  #paidstory #kumaarsthought #घर #पेड़ #छांव 

ना गुमान रखो ना दिल टूटेगा

Abhishek Trehan

धूप मिटा दो,छांव मिटा दो,मेरे सब अरमान मिटा दो
छोड़ दो बस मुझको मुझमें,बाकी सब पहचान मिटा दो

कहां- कहां से जोड़ें ख़ुद को,यहां-वहां से तोड़ें ख़ुद को
ख़त्म करो ये किस्सा तुम भी,बाकी सब निशान मिटा दो

लगता नहीं है,कहीं दिल अब मेरा,रातें है लंबी,उलझा है सवेरा
छोड़ दो बस कुछ उम्मीदें मुझमें,बाकी सब ग़ुमान मिटा दो

बस इतनी सी बात हुई है,सुबह से फिर शाम हुई है
हुआ है अंबर का रंग गुलाबी,फ़ीकी हर मुस्कान हुई है

शायद अब फिर लौट न पाऊं,दूर कहीं पर मुकाम बनाऊं
छोड़ दो कुछ ख़ुद को मुझमें,बाकी सब अनुमान मिटा दो

चोट पर फिर से चोट लगी है,अश्कों पर फिर से रोक लगी है
हुए हैं सुर्ख़ चांद-सितारे,जाने किसकी टोक लगी है...

© abhishek trehan

 #मिटादिया #धूप #छांव #निशान #फ़ीकी #lifepoetry #yqdidi #hindipoetry

Pawanbhai

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Hriday_Creates

#छांव

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देखिए शहरों  में  अब वो  ठहराव  कहां है?
है  धूप  बहुत  तेज़ अब वो छांव  कहां   है?

फूलों  को  भी  तो  रौंदते  हैं  लोग  देखिए,
अब  देखते  नहीं  हैं  कि वो  पांव  कहां  हैं?

अब पूछता  है कौन यहां हाल किसी  का,
इंसानियत  की बात  अब वो भाव कहां है?

अपने ही  अब  लगे हैं  अपनों  को  मारने,
अब इससे बड़ा तुम कहो वो घाव कहां है?

सब आ गए हैं जद में सब हो गए फरेबी,
चंचल* शराफतों के अब वो गांव कहा हैं?

©Chanchal Hriday Pathak #छांव

Pen of a Soul

मकान तो बन गए, रास्ते पर ना छांव है, जो वृक्ष थे ठंडक देते पर्यावरण को, आज वहां जलती धूप की ताव है।। #छांव #वृक्ष #yqbaba #yqdidi #penofasoul

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इस धूप के सफ़र में,
मैं जल रहा हूं पांव तक,
रास्ते हैं आग की बसर में,
मैं चल रहा हूं  छांव तक,
ये धूप जो इतनी गहरी है,
और इन रास्तों पे ठहरी है,
यहां ऊंचे मकान जो बस गए,
छांव देते वृक्ष ही सिमट गए,
हूं मैं सफ़र में अब भी
इस जलती गर्मी की धूप में,
राहें खत्म तो हो जाएंगी,
मगर छांव होगी छत के रूप में।। मकान तो बन गए, रास्ते पर ना छांव है,
जो वृक्ष थे ठंडक देते पर्यावरण को,
आज वहां जलती धूप की ताव है।।
#छांव #वृक्ष #yqbaba #yqdidi #penofasoul
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