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ad sanjay kumar prajapati
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च❗️ दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे‼️ अष्टभुजा देवी के नाम से विख्यात माँ #कूष्मांडा की आठ भुजाएँ हैं। इनके आठ हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा तथा जपमाला हें.. 🙏🙏 ©ad sanjay kumar prajapati #navratri जय माता दी
#navratri जय माता दी
read moreMamta kumari
Mother Kushmanda is worshiped ritually on the fourth day. The complexion of Maa Kushmanda appears very bright and golden. She is very powerful and gives fearlessness to her devotees. And she protects the devotees. The more she describes her form, the less it is. May Maa Kushmanda bless you and your family and keep you away from all kinds of sorrows. Jai Maa Kushmanda. ©Mamta kumari #navratri #कूष्मांडा मां।
#navratri #कूष्मांडा मां।
read moreराम किशोर सोलंकी
निशिदिन में वंदन करू देवी नव दुर्गा माँ का। कृपा तेरी बनी रहे माँ, सदा ऊँचा रहे पताका।। नौ दिन सब पूजन करे माँ के नौ अवतारों का। बेसब्री से करते इन्तजार नवरात्रि की बहारो का।। #शैलपुत्री है माँ दुर्गा का पहला पावन रूप। सारे दुःखों को हरकर बदल दे जीवन का स्वरूप।। माँ दुर्गा का दूसरा रूप कहते जिन्हें #ब्रह्मचारिणी। माँ हम सब की अनन्त काल तक भव सागर से तारिणी।। #चन्द्रघण्टा है माँ दुर्गा का तीसरा अवतार। मुसीबतों से बचाकर करदे सबका बेड़ा पार।। #कूष्मांडा है माँ दुर्गा की चौथी प्रतिछाया। सदैव जो पुजा करे बदल दे उसकी दिन,दशा और काया।। पांचवा रूप है माँ दुर्गा का नाम है जिनका #स्कंदमाता। झोली भर कर देती है माँ जो कोई शरण मे जाता ।। माँ दुर्गा का छठा रूप कहते जिन्हें #कात्यायनी। माँ सृष्टि की पालनकर्ता और है जगत की जननी।। #कालरात्रि है माँ दुर्गा का सातवा दर्पण। माँ दुर्गा के चरणों मे तन,मन,धन सब अर्पण।। माँ दुर्गा का आठवां अवतार है #महागौरी। जो माँ की भक्ति करे दुआ नही जाती उसकी कोई कोरी।। माँ दुर्गा का नौंवा रूप नाम है जिनका #सिद्धिदात्री। दुःख हरणी माँ दुर्गा इस सृष्टि की है धात्री।। निशिदिन में वंदन करू देवी नव दुर्गा माँ का। कृपा तेरी बनी रहे माँ, सदा ऊँचा रहे पताका।।
Divyanshu Pathak
4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन का पोषण , माता चन्द्रघण्टा (7) से सृष्टि के कौतूहल और चमत्कारों के रुप में दर्शन कर चुके हैं। आज देवी दर्शन का चौथा दिन है दुर्गे मैया के चौथे स्वरूप को कूष्मांडा कहते हैं।वे ऋतुओं की स्वामिनी हैं और हमारे देश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहाँ 6 ऋतुयें होती हैं। ऋतुओं के अनुसार मुख्य फ़सल भी 6 ही हैं। सनातन परंपरा के अनुसार शास्त्रों को षड्दर्शन ( सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्व-मीमांसा और उत्तर मीमांसा ) कहते हैं। भगवान सूर्य की उपासना भी छठ को की जाती है। शिशु को प्रथम बार दुग्धपान छठवें दिन कराया जाता है।छठी का दूध याद दिलाने का तात्पर्य भी यही है। हमारे शरीर में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास छठी इन्द्रिय से ही होता है। हीरे की आकृति भी षट्कोण वलय होती है। इंद्र के वज्र में भी 6 कोण हैं।योग और उपासना में भी षट्चक्रों ( मूलाधर, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्ध और आज्ञा ) का विशेष महत्व है। भ्रमर 6 पाँव होने के कारण षडपद कहलाते हैं। साहित्यिक कृतियों में 6 पदों वाले छंद (गीत-छंद) का ख़ास स्थान हैं। तो आओ माता कूष्मांडा के साक्षात दर्शन करते हैं। कैप्शन पढ़ें---- 4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन का पोषण , माता चन्द्रघण्टा (7) से सृष्टि के कौतूहल और चमत्कारों के रुप में दर्शन कर चुके हैं। आज देवी दर्शन का चौथा दिन है दुर्गे मैया के चौथे स्वरूप को कूष्मांडा कहते हैं।वे ऋतुओं की स्वामिनी हैं और हमारे देश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहाँ 6 ऋतुयें होती हैं। ऋतुओं के अनुसार मुख्य फ़सल भी 6 ही हैं। सनातन परंपरा के अनुसार शास्त्रों को षड्दर्शन ( सांख्य, य
4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन का पोषण , माता चन्द्रघण्टा (7) से सृष्टि के कौतूहल और चमत्कारों के रुप में दर्शन कर चुके हैं। आज देवी दर्शन का चौथा दिन है दुर्गे मैया के चौथे स्वरूप को कूष्मांडा कहते हैं।वे ऋतुओं की स्वामिनी हैं और हमारे देश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहाँ 6 ऋतुयें होती हैं। ऋतुओं के अनुसार मुख्य फ़सल भी 6 ही हैं। सनातन परंपरा के अनुसार शास्त्रों को षड्दर्शन ( सांख्य, य
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