Find the Best क्यूँ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutक्यूँ ज़िन्दगी की राह में, क्यूँ दूरियाँ जयपुर से मंगवाई, क्यूँ दूरियाँ पुर से मंगवाई, क्यूँ का अर्थ, क्यूँ मैं जागूँ लिरिक्स,
Ayesha Aarya Singh
क्यूँ किसी से उम्मीदें,लगाये बैठे हो, ? क्यूँ दिल को, दुखाये बैठे हो, अपनी खुशियों की चाबी औरों के हाथ सौंप कर , क्यूँ ख़ुदा से अदावत निभाये बैठे हो ? ?🖤🖤? ©Ayesha Aarya Singh #क्यूँ ख़ुदा से अदावत निभाये बैठे हो??? #seagull #shayari #ayesha #factoflife Sm@rt(दिवि)divi pandey s i v i a. ꨄ︎ Lalit Saxena अज्ञात R K Mishra " सूर्य " Vijay Kumar Yadav Ravi Sadanand Kumar Ashutosh Mishra baba jassy
#क्यूँ ख़ुदा से अदावत निभाये बैठे हो??? #seagull shayari #Ayesha #factoflife Sm@rt(दिवि)divi pandey s i v i a. ꨄ︎ Lalit Saxena अज्ञात R K Mishra " सूर्य " Vijay Kumar Yadav Ravi Sadanand Kumar Ashutosh Mishra baba jassy
read moreNainika Jagat
आखिर क्यों मुश्किल में डाल रखा है इस दिल ने हमको आखिर क्यों मुश्किल में डाल रखा है इस दिल ने हमको , लाख खुशियों को दहलीज से रुख़सत कर चुकी हैं अबतक न जाने क्यों इतनी मोहब्बत है गम से इस दिल को.... ©Nainika Jagat #क्यूँ
@RKSanjeevSuman
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो. ! क्यूँ चलते चलते रुक गए वीरान रास्तो तन्हा हूँ आज मैं ज़रा घर तक तो साथ दो..! ©Sanjeev Suman #NightRoad #क्यूँ चलते चल #
#NightRoad #क्यूँ चलते चल #
read moreSarita Shreyasi
चाहा तुमने उसे, चलो ठीक है, क्यूँ ये जिद , वह भी तुम्हें चाहे। ढूंढे वजह तुम्हें चाहने की, ना ढूंढ़ पाए तो बेवजह चाहे। आखिर कैसी ये जिद, वो रहे जुड़ के तुमसे, और बस तुम्हें चाहे। #क्यूँ ये जिद़ है कि वो तुमसे जुड़ के तुम्हें चाहे #
#क्यूँ ये जिद़ है कि वो तुमसे जुड़ के तुम्हें चाहे #
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
"आखिर क्यूँ....???" (कहानी लेखन प्रयास में मेरी तीसरी कहानी है...कृपया अपनी बहुमूल्य समीक्षा पाठकगण ज़रूर दें...💐) कैप्शन् में पढ़ें.... 🌹 🌹 "प्रेम वास्तव में क्या इतना कमज़ोर बना देता है इंसान को कि वह अन्दर से ख़त्म जैसा हो जाता है?" नमिता के मन में यह प्रश्न लगातार कौंध रहा था,एक बिजली की भाँति!पश्चाताप के काले बादलों से घिरे उसके हृदयपटल पर बार-बार वह पल दामिनी की पतली रेखा से चमक उठते जब वह पहली बार मिली थी प्रगल्भ से!शांत और सौम्य छवि का मालिक,वाणी में ग़ज़ब का आकर्षण किसी को भी अपना बनाने में सक्षम था!हुआ भी यही नमिता खिंचती चली गयी उसकी तरफ़!भूल गयी थी स्वयं को,अपने आसपास को,अपने रात-दिन को!एहसास नहीं था उसे क्या हो रहा उसके साथ
🌹 "प्रेम वास्तव में क्या इतना कमज़ोर बना देता है इंसान को कि वह अन्दर से ख़त्म जैसा हो जाता है?" नमिता के मन में यह प्रश्न लगातार कौंध रहा था,एक बिजली की भाँति!पश्चाताप के काले बादलों से घिरे उसके हृदयपटल पर बार-बार वह पल दामिनी की पतली रेखा से चमक उठते जब वह पहली बार मिली थी प्रगल्भ से!शांत और सौम्य छवि का मालिक,वाणी में ग़ज़ब का आकर्षण किसी को भी अपना बनाने में सक्षम था!हुआ भी यही नमिता खिंचती चली गयी उसकी तरफ़!भूल गयी थी स्वयं को,अपने आसपास को,अपने रात-दिन को!एहसास नहीं था उसे क्या हो रहा उसके साथ
read moreshashi kala mahto
क्यूँ तुफानों सी हलचल मची है मन में, प्रश्नवाचक की तरह क्यूँ मन पूछता है, कहाँ गये वो दिन वो मस्ती भरे पल, अतीत के पन्नों से खुरच-खुरच करआती है, वो स्मृतियाँ जो धूमिल तो हो जाती हैं, पर कभी मिटती नहीं। ©shashi kala mahto #क्यूँ narendra bhakuni Suresh Gulia Pooja Udeshi Rakesh Srivastava Anshu writer Vidushi Sarita Gupta
#क्यूँ narendra bhakuni Suresh Gulia Pooja Udeshi Rakesh Srivastava Anshu writer Vidushi Sarita Gupta
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