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Gumnam Shayar Mahboob
उसके होने की खुश्बू आ रही थी पास वो थी न उसका साया था जेहन पर जोड़ डाला तो याद आया अभी-अभी तो उससे हाथ मिलाकर आया था #खुश्बू #पास #साया #जेहन #हांथ #मिलाकर #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
OMG INDIA WORLD
‼#निगाहों से #निगाहें मिलाकर तो देखो💢 💢#चाहत की बाहें #फैलाकर तो देखो‼ ‼#दिल से दिल #मिल जाते हैं #अक्सर 💢 अपना दिल #मेरे दिल से #मिलाकर तो #देखो‼ ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD ‼#निगाहों से #निगाहें मिलाकर तो देखो💢 💢#चाहत की बाहें #फैलाकर तो देखो‼ ‼#दिल से दिल #मिल जाते हैं #अक्सर 💢 अपना दिल #मेरे दिल से #मिलाकर तो देखो‼
kanaram gour
Love quotes in hindi एक शख्स ऐसा मिला जिसने कहा आपके Gf है क्या .. मैंने कहा नहीं.... मैंने पूछा आपके कोई Bfहै क्या। उसने कहा नहीं... मेरा नहीं और उसका नहीं मिलाकर हाँ... होना चाहिये कि नहीं। । ꧁༒N𝓪Ƭ𝕂𝓱𝓪t N𝓪ω𝓪ℬ༒꧂ 13.June.2021 ©Kanaram gour #एक शख्स ऐसा मिला जिसने कहा आपके #Gf है क्या .. मैंने कहा नहीं.... #मैंने पूछा #आपके कोई Bfहै क्या। उसने कहा नहीं... #मेरा नहीं और उसका नहीं #मिलाकर #हाँ... होना चाहिये कि नहीं। । #Nojoto
Saurav Das
कन्धो से कंधे मिलाकर मैं आज भी चलना चाहता हूँ , बड़ा हो गया मैं मगर, आज भी बचपना चाहता हूँ| ©Saurav Das #कंधे #मिलाकर #चलना #बड़ा #बचपन #You&Me Riya Hasda Nain Sabar Jotshna Minj
Maneesh Ji
इक़ अधूरी कहानी का ,, मुस्कुराता हुआ किरदार हूँ मैं जों कंधे - से - कंधा मिलाकर चलता है मेरे साथ सिर्फ़ उसी के लिए वफ़ादार हूँ मैं - MERI SHAYARI MERI DASTAAN इस #आसमां में #उड़ता हुआ ,, बेख़ौफ़ #परिंदा हूँ मैं जों #फ़ैकेगा #जाल मुझ पर ,, उसके लिए #दरिंदा हूँ मैं ............................................................................🥀🥀 Is Aasma Me Udta Huaa ,, Bekhoff Parinda Hoo Mai Jo Faikega Jaal Mujh Par ,, Uske Liye Darinda Hoo Mai ............................................................................🥀🥀
इस #आसमां में #उड़ता हुआ ,, बेख़ौफ़ #परिंदा हूँ मैं जों #फ़ैकेगा #जाल मुझ पर ,, उसके लिए #दरिंदा हूँ मैं ............................................................................🥀🥀 Is Aasma Me Udta Huaa ,, Bekhoff Parinda Hoo Mai Jo Faikega Jaal Mujh Par ,, Uske Liye Darinda Hoo Mai ............................................................................🥀🥀
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अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
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जब कभी भी हमें अपने बचपन की याद आती है तो कुछ बातों को याद करके हम हर्षित होते हैं, तो कुछ बातों को लेकर अश्रुधारा बहने लगती है। हम यादों के समंदर में डूबकर भावनाओं के अतिरेक में खो जाते हैं। भाव-विभोर व भावुक होने पर कई बार हमारा मन भीग-सा जाता है। हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जीया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न आता हो। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, स्कूल के दिन, आम के पेड़ पर चढ़कर 'चोरी से' आम खाना, खेत से गन्ना उखाड़कर चूसना और खेत मालिक के आने पर 'नौ दो ग्यारह' हो जाना हर किसी को याद है। जिसने 'चोरी से' आम नहीं खाए व गन्ना नहीं चूसा, उसने क्या खाक अपने बचपन को 'जीया' है! चोरी और चिरौरी तथा पकड़े जाने पर साफ झूठ बोलना बचपन की यादों में शुमार है। बचपन से पचपन तक यादों का अनोखा संसार है। वो सपने सुहाने ... छुटपन में धूल-गारे में खेलना, मिट्टी मुंह पर लगाना, मिट्टी खाना किसे नहीं याद है? और किसे यह याद नहीं है कि इसके बाद मां की प्यारभरी डांट-फटकार व रुंआसे होने पर मां का प्यारभरा स्पर्श! इन शैतानीभरी बातों से लबरेज है सारा बचपन। तोतली व भोली भाषा बच्चों की तोतली व भोली भाषा सबको लुभाती है। बड़े भी इसकी ही अपेक्षा करते हैं। रेलगाड़ी को 'लेलगाली' व गाड़ी को 'दाड़ी' या 'दाली' सुनकर किसका मन चहक नहीं उठता है? बड़े भी बच्चे के सुर में सुर मिलाकर तोतली भाषा में बात करके अपना मन बहलाते हैं। जो नटखट नहीं किया, वो बचपन क्या जीया? जिस किसी ने भी अपने बचपन में शरारत या नटखट नहीं की, उसने भी अपने बचपन को क्या खाक जीया होगा, क्योंकि 'बचपन का दूसरा नाम' नटखट ही होता है। शोर व उधम मचाते, चिल्लाते बच्चे सबको लुभाते हैं तथा हम सभी को भी अपने बचपन की सहसा याद हो आती है। वो पापा का साइकल पर घुमाना... हम में अधिकतर अपने बचपन में पापा द्वारा साइकल पर घुमाया जाना कभी नहीं भूल सकते। जैसे ही पापा ऑफिस जाने के लिए निकलते हैं, तब हम भी पापा के साथ जाने को मचल उठते हैं, तब पापा भी लाड़ में आकर अपने लाड़ले-लाड़लियों को साइकल पर घुमा देते थे। आज बाइक व कार के जमाने में वो 'साइकल वाली' यादों का झरोखा अब कहां? साइकलिंग थोड़े बड़े होने पर बच्चे साइकल सीखने का प्रयास अपने ही हमउम्र के दोस्तों के साथ करते रहे हैं। कैरियर को 2-3 बच्चे पकड़ते थे व सीट पर बैठा सवार (बच्चा) हैंडिल को अच्छे से पकड़े रहने के साथ साइकल सीखने का प्रयास करता था तथा साथ ही साथ वह कहता जाता था कि कैरियर को छोड़ना नहीं, नहीं तो मैं गिर जाऊंगा/जाऊंगी। लेकिन कैरियर पकड़े रखने वाले साथीगण साइकल की गति थोड़ी ज्यादा होने पर उसे छोड़ देते थे। इस प्रकार किशोरावस्था का लड़का या लड़की थोड़ा गिरते-पड़ते व धूल झाड़कर उठ खड़े होते साइकल चलाना सीख जाते थे। साइकल चलाने से एक्सरसाइज भी होती थी। हाँ, फिर आना तुम मेरे प्रिय बचपन! मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा ताउम्र!! राह तक रहा हूँ मैं!!!जब कभी भी हमें अपने बचपन की याद आती है तो कुछ बातों को याद करके हम हर्षित होते हैं, तो कुछ बातों को लेकर अश्रुधारा बहने लगती है। हम यादों के समंदर में डूबकर भावनाओं के अतिरेक में खो जाते हैं। भाव-विभोर व भावुक होने पर कई बार हमारा मन भीग-सा जाता है। हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जीया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न आता हो। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, स्कूल के दिन, आम के पेड़ पर चढ़कर 'चोरी से' आम खाना, खेत से गन्ना उखाड़कर चूसना और खेत मालिक के आने पर 'नौ दो ग्यारह' हो जाना हर किसी को याद है। जिसने 'चोरी से' आम नहीं खाए व गन्ना नहीं चूसा, उसने क्या खाक अपने बचपन को 'जीया' है! चोरी और चिरौरी तथा पकड़े जाने पर साफ झूठ बोलना बचपन की यादों में शुमार है। बचपन से पचपन तक यादों का अनोखा संसार है। वो सपने सुहाने ... छुटपन में धूल-गारे में खेलना, मिट्टी मुंह पर लगाना, मिट्टी खाना किसे नहीं याद है? और किसे यह याद नहीं है कि इसके बाद मां की प्यारभरी डांट-फटकार व रुंआसे होने पर मां का प्यारभरा स्पर्श! इन शैतानीभरी बातों से लबरेज है सारा बचपन। तोतली व भोली भाषा बच्चों की तोतली व भोली भाषा सबको लुभाती है। बड़े भी इसकी ही अपेक्षा करते हैं। रेलगाड़ी को 'लेलगाली' व गाड़ी को 'दाड़ी' या 'दाली' सुनकर किसका मन चहक नहीं उठता है? बड़े भी बच्चे के सुर में सुर मिलाकर तोतली भाषा में बात करके अपना मन बहलाते हैं। जो नटखट नहीं किया, वो बचपन क्या जीया? जिस किसी ने भी अपने बचपन में शरारत या नटखट नहीं की, उसने भी अपने बचपन को क्या खाक जीया होगा, क्योंकि 'बचपन का दूसरा नाम' नटखट ही होता है। शोर व उधम मचाते, चिल्लाते बच्चे सबको लुभाते हैं तथा हम सभी को भी अपने बचपन की सहसा याद हो आती है। वो पापा का साइकल पर घुमाना... हम में अधिकतर अपने बचपन में पापा द्वारा साइकल पर घुमाया जाना कभी नहीं भूल सकते। जैसे ही पापा ऑफिस जाने के लिए निकलते हैं, तब हम भी पापा के साथ जाने को मचल उठते हैं, तब पापा भी लाड़ में आकर अपने लाड़ले-लाड़लियों को साइकल पर घुमा देते थे। आज बाइक व कार के जमाने में वो 'साइकल वाली' यादों का झरोखा अब कहां? साइकलिंग थोड़े बड़े होने पर बच्चे साइकल सीखने का प्रयास अपने ही हमउम्र के दोस्तों के साथ करते रहे हैं। कैरियर को 2-3 बच्चे पकड़ते थे व सीट पर बैठा सवार (बच्चा) हैंडिल को अच्छे से पकड़े रहने के साथ साइकल सीखने का प्रयास करता था तथा साथ ही साथ वह कहता जाता था कि कैरियर को छोड़ना नहीं, नहीं तो मैं गिर जाऊंगा/जाऊंगी। लेकिन कैरियर पकड़े रखने वाले साथीगण साइकल की गति थोड़ी ज्यादा होने पर उसे छोड़ देते थे। इस प्रकार किशोरावस्था का लड़का या लड़की थोड़ा गिरते-पड़ते व धूल झाड़कर उठ खड़े होते साइकल चलाना सीख जाते थे। साइकल चलाने से एक्सरसाइज भी होती थी। हाँ, फिर आना तुम मेरे प्रिय बचपन! मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा ताउम्र!! राह तक रहा हूँ मैं!!! bachpan ke din
bachpan ke din
read morevishal vashisth
Regret "don't cheat frm ur career" "आप दूध में पानी मिलाकर बच सकते हैं लेकिन नमक मिलाकर नहीं " by v.v" #vv
भोजपुरिया राजा
वैसे तो यह मूवी 9.6 मिलियन viwes क्रॉस कर चुका है यह एक दिन में लेकिन drj वाला 1.2 मिलियन viwes कम कर दिया है है 3 बार में एक बार 6लाख जो पहले अपलोड हुआ था उसके बाद 23वे घंटा में 3.1 मिलियन+ viwes था और 3.1मिलियन+से घटाकर डायरेक्ट 2.9 कर दिया जो की 2.9 मिलियन 19वे घंटा में ही क्रॉस कर चुका था फिर 23वे घंटा में 2.9 से स्टार्ट हुआ आगे बढ़ना उसके बाद 47वे घंटा में 8.3 मिलियन+ viwes था और अभी 10-15 मिनट टाइम था 2 दिन पूरा होने में तबटक लगभग 8.4 मिलियन भी पूरा हो जाता लेकिन इसने 8.3मिलियन+ से घटाकर ड
वैसे तो यह मूवी 9.6 मिलियन viwes क्रॉस कर चुका है यह एक दिन में लेकिन drj वाला 1.2 मिलियन viwes कम कर दिया है है 3 बार में एक बार 6लाख जो पहले अपलोड हुआ था उसके बाद 23वे घंटा में 3.1 मिलियन+ viwes था और 3.1मिलियन+से घटाकर डायरेक्ट 2.9 कर दिया जो की 2.9 मिलियन 19वे घंटा में ही क्रॉस कर चुका था फिर 23वे घंटा में 2.9 से स्टार्ट हुआ आगे बढ़ना उसके बाद 47वे घंटा में 8.3 मिलियन+ viwes था और अभी 10-15 मिनट टाइम था 2 दिन पूरा होने में तबटक लगभग 8.4 मिलियन भी पूरा हो जाता लेकिन इसने 8.3मिलियन+ से घटाकर ड
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