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Sonal Panwar
🙏🌹म्हारा बाल गोविंदा जी 🌺🙏 ©Sonal Panwar बाल गोविंदा 🌺🙏 #बालगोविंद #बालकृष्ण #balkrishna #Krishna #कृष्ण #Bhakti #bhajan #Nojoto
बाल गोविंदा 🌺🙏 #बालगोविंद #बालकृष्ण #balkrishna #Krishna #कृष्ण #Bhakti #bhajan
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🙏🌺जय श्री कृष्णा🌺🙏 ©Sonal Panwar बाल कृष्ण🌺🙏 #balkrishna #Krishna #कृष्णा #कृष्ण #बालकृष्ण #भक्ति #Bhakti #jaishreekrishna #Nojoto
बाल कृष्ण🌺🙏 #balkrishna #Krishna #कृष्णा #कृष्ण #बालकृष्ण #भक्ति #Bhakti #jaishreekrishna
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कृष्णा की मोहक छवि मन-मंदिर में है साजे, अधरों पर मुरली और पैरों में पायल है बाजे, हाथों में लिए लड्डू करते है कष्टों का संहार, श्रीनाथजी सबके हृदय पटल पर है विराजे। ©Sonal Panwar जय श्री कृष्णा 🌹🙏 #जयश्रीकृष्णा #कृष्ण #बालकृष्ण #laddugopal #hindipoetry #कोट्स #नोजोटो
जय श्री कृष्णा 🌹🙏 #जयश्रीकृष्णा #कृष्ण #बालकृष्ण #laddugopal #hindipoetry #कोट्स #नोजोटो
read moreभारद्वाज
हम निकेतन, हम अनिकेतन हम तो रमते राम हमारा क्या घर, क्या दर, कैसा वेतन? अब तक इतनी योंही काटी, अब क्या सीखें नव परिपाटी कौन बनाए आज घरौंदा हाथों चुन-चुन कंकड़ माटी ठाट फकीराना है अपना वाघांबर सोहे अपने तन? देखे महल, झोंपड़े देखे, देखे हास-विलास मज़े के संग्रह के सब विग्रह देखे, जँचे नहीं कुछ अपने लेखे लालच लगा कभी पर हिय में मच न सका शोणित-उद्वेलन! हम जो भटके अब तक दर-दर, अब क्या खाक बनाएँगे घर हमने देखा सदन बने हैं लोगों का अपनापन लेकर हम क्यों सने ईंट-गारे में हम क्यों बने व्यर्थ में बेमन? ठहरे अगर किसीके दर पर कुछ शरमाकर कुछ सकुचाकर तो दरबान कह उठा, बाबा, आगे जो देखा कोई घर हम रमता बनकर बिचरे पर हमें भिक्षु समझे जग के जन! हम अनिकेतन! #बालकृष्ण शर्मा नवीन जन्मजयंती
#बालकृष्ण शर्मा नवीन जन्मजयंती
read moretehzibasheikh👩💻
#OpenPoetry बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' (1897-1960 ई.) बालकृष्ण शर्मा 'नवीन का जन्म मध्यप्रदेश के राजापुर परगने के मदाना ग्राम में हुआ। उच्च शिक्षा कानपुर में हुई। ये गणेश शंकर विद्यार्थी के दैनिक पत्र 'प्रताप एवं 'प्रभा के संपादन से जुडे रहे। राष्ट्रीय आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता और लोकसभा के सदस्य रहे। 'अपलक, 'कुंकुम, 'क्वासि और 'रश्मिरेखा इनके मुख्य काव्य संग्रह हैं। 'उर्मिला खंड काव्य है। भाषा बोलचाल की है, जिसमें प्रवाह और ओज है। हिंदुस्थान हमारा है 🇮🇳👩💻🎡 कोटि-कोटि कंठों से निकली आज यही स्वर-धारा है, भारतवर्ष हमारा है, यह हिंदुस्थान हमारा है। जिस दिन सबसे पहले जागे, नव-सिरजन के स्वप्न घने, जिस दिन देश-काल के दो-दो, विस्तृत विमल वितान तने, जिस दिन नभ में तारे छिटके, जिस दिन सूरज-चांद बने, तब से है यह देश हमारा, यह अभिमान हमारा है। tehzibasheikhnozato my
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