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malay_28
ज़िन्दगी जब भी आई किसी भी दबाब में तो ज़िगर की ताक़त दिखी पूरे शबाब में सैकड़ों ख़त तुमको लिखे थकने लगी क़लम पर नहीं आया ख़त कोई उसके जवाब में. ©malay_28 #दबाव
Shubham Bhardwaj
ख्याल में है,ख्वाब में है,जिंदगी तेरे बिन हिजाब में है। तेरे बिना कुछ भी नजर आता नही, जिंदगी मेरी दबाव में है।। ©Shubham Bhardwaj #ख्याल #में #ख्वाब #ह #जिंदगी #तेरा #बिना #दबाव
Neetish Patel
कभी दबाव तो कभी तनाव मे बीत रही है ये ज़िन्दगानी किसी एक की नही है एेसी है सबकी यही कहानी ।। हम उम्मीदों के बोझ तले सपनों की हैं नाव लिए हर रोज निकलते है जैसे हमने कितने हैं गुनाह किए ।। #दबाव #pressure #तनाव #yqbaba #yqdidi #randomwords
Vidhi
"आप क्यों पहनती हैं साड़ी?" "ये हमारी भारतीय सभ्यता की निशानी है।" मुँह से तो उन्होंने यही कहा था। लेकिन उनका मन तो जानता था कि बात सिर्फ़ यही नहीं थी। भले ही साड़ी पहनने को लेकर उन पर एक क़िस्म का सामाजिक दबाव था लेकिन सेल्फ़ी बाबा की कसम, उनकी एक्स्ट्रा चर्बी केवल साड़ी में ही छुप पाती थी। 'और तुम मधुबाला सी खूबसूरत लगती हो', ऐसी तारीफ़ सिर्फ़ साड़ी पहनने के बाद ही कमेंट बॉक्स में भर भर कर आती थी। अब खूबसूरती से परहेज़ भला वो क्यों करतीं? #साड़ी #सेल्फ़ी #खूबसूरती #दबाव #भारतीयसभ्यता #पहनावा #humor #YQbaba #YQdidi
Ek villain
यूक्रेन पर उसके आक्रमण को 50 से अधिक दिन बीत गए हैं लेकिन रूसी हमले रोकने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है यूके ने नाटो देश से मिली मदद के नाम पर जिस तरह बहादुरी के प्रति रखे तो उसके चलते उसको अपनी रणनीति और लक्ष्यों में परिवर्तन करना पड़ता है लगता है जब तक यूक्रेन के पूर्व हिस्से पर कब्जा करना चाहता है उसकी मंशा यूक्रेन के सैन्य ढांचे और नागरिक प्रति निष्ठा को ध्वस्त करने में लगती है जो कि रूस और यूक्रेन के बाद में कोई प्रगति नहीं हुई इसलिए यह लगता है कि यदि युद्ध अगर महीने नहीं खींचा तो कम से कम कुछ हफ्ते तक जरूर चल सकता है रूसिया खन्ना ने दुनिया भर में भारी उथल-पुथल मच आई दुनिया अब कोविड-19 ही पूरी तरह नहीं उबर पाई इस महामारी ने विश्व अर्थव्यवस्था पर घातक प्रभाव डाला और बढ़ा दिया वास्तव में इन दोनों देशों के प्रभाव में कई देशों को कंगाली के कगार पर पहुंचा दिया यह दुनिया भी पहुंचेगी ©Ek villain #दबाव मुक्त भारत की विदेश नीति #Light
ROHAN KUMAR SINGH
#ये बेचारा #वानर बनना #चाहता था लेकिन #माँ_बाप के #दबाव में आकर #शेर बन गया 😂😂😂😂
स्याह
अब फ़र्ज़ को मैं कर्ज़ बना के चल रहा हु आग के दरिये सा है ये समाज । आग से ! इस समाज के तानो से जल रहा हु तुम मुझे गिरना चाहते हो! मैं गिरने को तयार हूं नही !रुको!अभी छोड़ो अपने माँ बाप के लिए सम्हल रहा हूँ #फ़र्ज़ #आत्मसमर्पण#दबाव#अवसाद
#फ़र्ज़ #आत्मसमर्पण#दबाव#अवसाद #विचार
read moreAnkit Boss golden heart
मेरे इस चंचल मन में चल रही हलचल को काश कोई तो समझता, कोई मीटर ऐसा भी होता जो रक्त दबाव की तरह मेरे मन के दबाव को नाप सकता। -----अंकित -----
Vicky Khatri
ये एक सरल चित्र है, लेकिन बहुत ही गहरे अर्थ के साथ। आदमी को पता नहीं है कि नीचे सांप है और महिला को नहीं पता है कि आदमी भी किसी पत्थर से दबा हुआ है। महिला सोचती है: - ‘मैं गिरने वाली हूं और मैं नहींये एक सरल चित्र है, लेकिन बहुत ही गहरे अर्थ के साथ। आदमी को पता नहीं है कि नीचे सांप है और महिला को नहीं पता है कि आदमी भी किसी पत्थर से दबा हुआ है। महिला सोचती है: - ‘मैं गिरने वाली हूं और मैं नहीं चढ़ सकती क्योंकि साँप मुझे काट रहा है।" आदमी अधिक ताक़त का उपयोग करके मुझे ऊपर क्यों नहीं खींचता! आदमी सोचता है:- "मैं बहुत दर्द में हूं फिर भी मैं आपको उतना ही खींच रहा हूँ जितना मैं कर सकता हूँ! आप खुद कोशिश क्यों नहीं करती और कठिन चढ़ाई को पार कर लेती । आदमी को ये नहीं पता है कि औरत को सांप काट रहा है । नैतिकताः- आप उस दबाव को देख नहीं सकते जो सामने वाला झेल रहा है, और ठीक उसी तरह सामने वाला भी उस दर्द को नहीं देख सकता जिसमें आप हैं। यह जीवन है, भले ही यह काम, परिवार, भावनाओं, दोस्तों, के साथ हो, आपको एक-दूसरे को समझने की कोशिश करनी चाहिए, अलग अलग सोचना, एक-दूसरे के बारे में सोचना और बेहतर तालमेल बिठाना चाहिए। हर कोई अपने जीवन में अपनी लड़ाई लड़ रहा है और सबके अपने अपने दुख हैं। इसीलिए कम से कम जब हम अपनों से मिलते हैं तब एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने के बजाय एक दूसरे को प्यार, स्नेह और साथ रहने की खुशी का एहसास दें, जीवन की इस यात्रा को लड़ने की बजाय प्यार और भरोसे पर आसानी से पार किया जा सकता है। चढ़ सकती क्योंकि साँप मुझे काट रहा है।" आदमी अधिक ताक़त का उपयोग करके मुझे ऊपर क्यों नहीं खींचता! आदमी सोचता है:- "मैं बहुत दर्द में हूं फिर भी मैं आपको उतना ही खींच रहा हूँ जितना मैं कर सकता हूँ! आप खुद कोशिश क्यों नहीं करती और कठिन चढ़ाई को पार कर लेती । आदमी को ये नहीं पता है कि औरत को सांप काट रहा है । नैतिकताः- आप उस दबाव को देख नहीं सकते जो सामने वाला झेल रहा है, और ठीक उसी तरह सामने वाला भी उस दर्द को नहीं देख सकता जिसमें आप हैं। यह जीवन है, भले ही यह काम, परिवार, भावनाओं, दोस्तों, के साथ हो, आपको एक-दूसरे को समझने की कोशिश करनी चाहिए, अलग अलग सोचना, एक-दूसरे के बारे में सोचना और बेहतर तालमेल बिठाना चाहिए। हर कोई अपने जीवन में अपनी लड़ाई लड़ रहा है और सबके अपने अपने दुख हैं। इसीलिए कम से कम जब हम अपनों से मिलते हैं तब एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने के बजाय एक दूसरे को प्यार, स्नेह और साथ रहने की खुशी का एहसास दें, जीवन की इस यात्रा को लड़ने की बजाय प्यार और भरोसे पर आसानी से पार किया जा सकता है।