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इक _अल्फाज़@air
तेरे लिए मेरी बस यही ख्वाहिश है.. की तेरी काबिलियत कुछ ऐसी हो जाए.. की तुझे हराने के लिए साजिशें भी हो.. तब भी तेरा बाल भी बांका न हो.. you're my all time champ 🏆🏆 और इसीलिए तुझे जमानें की नजरों से दूर रखना चाहता हूं.. तेरी और हर बार सिर्फ़ तेरी जीत चाहता हूं.. चाहता हूं की तेरी आवाज़ में वो दहाड़ हो.. जिससे गूंज उठे ये चमन.. तेरी बेमिसाली की मिसाल दी जाए.. बस मेरी यही तमन्ना है.. मुक्कमल हो तेरा हर इक ख़्वाब.. @BE THE BESTEST EVER 🏆🏆@ 🤜🤛🤜🤛 @IMYI@ ©इक _अल्फाज़@airs #Dussehra2020
कृतान्त अनन्त नीरज...
शब्दों को कभी खोखला मत समझना ये तुम्हें "भरने की ताकत" रखते है जी हाँ यदि इनमें भाव सच्चा है तो यही शब्द "विचलित अर्जुन" को विजयी अर्जुन बनाने की शक्ति रखते है... ©कृतान्त अनन्त नीरज... #Dussehra2020 #love
#Dussehra2020 love
read moreRicha Dhar
" हो गया युग परिवर्तन मन में है बस यही उलझन कोई किसी को समझता नहीं अपना अपने को पहचानता नहीं.... हर तरफ है ईर्ष्या और द्वेष दुःख मुखौटा लगाए है, बनाए है सुख का भेष देख के रोता है आज आसमां सिसकती है धरती और सिसकता है ये जहाँ हर तरफ़ है घोर निराशा सबके अन्दर है बस मृत आशा देखो भगवन कैसा ये युग है आपने ही तो बनाया ये कलयुग है अगर मैं मर जाऊं तो मुझे दोबारा जन्म मत देना मुझे अपने पास ही रखना, मुझे अब ये संसार न देना प्यार का अभाव नहीं है, पर रिश्तों का अहसास नहीं है। बन्द कर दो अब तो खेल अपना मत दिखाओ मुझे अब कोई भी सपना हर सपना मेरा टूटा है हर बार कोई अपना छूटा है बस एक बार आप चले आओ छोड़ दूँगी ये संसार मुझे अपने संसार ले जाओ ©Richa Dhar #Dussehra2020 कलियुग
#Dussehra2020 कलियुग
read moreRangmanch Bharat
परित्राणाय साधूनाम् पाप अंध-तमस अधर्म अहंकारी के ज़ेवर हैं, किसी से हार न मानना इस किस्म के तेवर हैं, हज़ारों अपराध किये और सैकड़ों लाशें बिछाई, तब भी सुध पापचारी को बिल्कुल भी नहीं आयी, पर पत्नि को हरा नारी का बेझिझक अपमान किया, अंजाम का ना सोचा क्रूरता का पैगाम दिया, अविनाशी विष्णुरूप से भी ना पल भर डर ही लगा, पूरे कुल का नाश होते देख भी अभिमानी का सर ना ही झुका, फिर हुआ भीषण संग्राम जिसमें रावण का वध होना ही था, धर्म विजय कर पाप समाप्त सत्य का कृत्य होना ही था, जब जब धरती पर पापाचार होगा और प्राणियों को तरना होगा, तब तब मर्यादा के राम को मनुष्य रूप धरना होगा, तब तब मर्यादा के राम को मनुष्य रूप धरना होगा । ©Rangmanch Bharat #Nojoto #nojotokavita #nojoto2023 #nojitohindi #rangmanchbharat #hindi_poetry #hindi_quotes #Dussehra2020
D. J.
There are three things you can do with your life You can waste it, you can spend it, or you can invest it.The best use of your life is to invest it in something that will last longer than your time on Earth.. Jai Jinendra 🌹 ©Mayank Jain #Dussehra2020
Radhika S
🌿🌹।।जगत कर्म प्रधान है।। 🌹🌿 कर्म किए बिना इस दुनियाँ में कुछ भी पाना संभव नहीं इंसान को उसकी परछाई भी प्रकाश में जाने पर ही प्राप्त होती है जबकि वह इंसान में ही अप्रत्यक्ष रूप से विद्यमान है। 🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹 ©R.K sagar #Dussehra2020
Shailendra Anand
रचना दिनांक ८,,८,,२०२३ वार मंगलवार समय्् शाम पांच बजे ्््शीर्षक ्् मध्यकालीन भारतीय इतिहास में प्रेम वह निश्चित शब्दों की़ व्यूह रचना,, वो चाहे चंदबरदाई हो,, या फिर गृहस्थ आश्रम में समाधिस्थ रत्नावली जो कटाक्ष शब्द भेदी बाण ने क्या जीवन को भेदा है््् दो समकालीन विदूषी शास्त्रार्थ अध्यात्म जगत में,, अभ्यस्त ने प्रृथ्वीराजचौहान और मौ्् गौरी का प्रसंग है।। ठीक विपरीत बुद्धि में आंखें डालकर अच्छे ख्यालात से रत्नावली ने अपने पति हुलसी पूत्र तुलसी को शब्द कटाक्ष ने गोस्वामी तुलसीदास बना दिया।। ्््भावचित्र शब्द पूष्प वाटिका हुलसी पूत्र तुलसी में,,काया रत्न विभोर। प्रेम रत्न की रत्नावली,, मृग कस्तूरी में आंनद।। भाव विभोर प्रेम रस में,, निश्चल प्रेम मेघ जल सरयू में।। मीन भूजंग निशा रजनीचर में।। प्रेम शिखा अमृत तुल्य रस में,, हांड मांस की प्रत्यन्चा से,, वो शब्द भेदी बाण बेध दिया।। रत्नावली के वो प्रेमाआंनद ने,, आत्म विभोर वो दर्शन तुलसी।। ज्ञान कोटी परमं दास प्रभु के राम रस में।। ्््् ््कवि शैलेंद्र आनंद ८,, अगस्त २०२३ ©Shailendra Anand #Dussehra2020
Nazar Biswas
कितना भी भयावह चाहे वो काल है, सत्य रक्त से बना बड़ा विकराल है। कपटी मंशा तेरी बड़ी निराधार है, गूंजे जो विश्व में वो सत्य की हुंकार है। अहंकारी रावण भी ढला, तू तो इंसान है, कष्ट निवारे जो जग के वो प्रभू श्री राम हैं 🙏🏻 विजय दशमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻 #poetry #poem #shayari #life #hope
Rajbir Khorda
फिर जन्म लो इस धरा अवतार बनकर राम जी फिर से बुराई छा रही अंधकार बनकर राम जी क्रोध,तृष्णा, लोभ, माया,ईर्ष्या, मद, कामना रोग रावण दो मिटा उपचार बनकर राम जी सीता मैया वाटिका में है अकेली आज भी आया है लंकेश फिर अय्यार बनकर राम जी जल रहा है पीड़ा से मन दग्ध तन संताप से बरसो तपती देही पे जलधार बनकर राम जी खंड विखंडित हो रही है कंठ माल्य धर्म की सारे मनके जोड़ दो तुम तार बनकर राम जी स्नेह शबरी का अधूरा श्रीपति हरी आप बिन 'राज' सिर पे हो सदा सरकार बनकर राम जी राजबीर खोरड़ा 05/10/2022 ©Rajbir Khorda #Dussehra2020