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Divya Thakur
एक ही Room में सुबह से शाम हो जाना फिलहाल ऐसी चल रही है जिंदगी ।। ©Divya Kaushik #रूम
Vikas
रोटी कमाने के लिए निकला रोटी पकाना सीख गया है मां के हाथों के स्वाद को तरसते है....जिसे कभी ठंडा खाना पसंद ना था, आज सब्जी भी आधी पकी ... रोटी बे स्वादी भी खाना सीख गया है। 😊 कभी कभी जज़्बाती हो जाता है ....कभी कभी गरम तवे पर हाथ भी जल जाता है पर काफी सुधर गया है मां तेरा विकास बड़ी बड़ी खवाईसो के सामने खुद को समझाना भी सीख लिया है। 🤞 उठ जाता है अलार्म बजने से पहले ही...पहले की तरह नींद पकलों पर नहीं छाई रहती अब सर्दी में कपड़े धोते वक़्त थोड़ी ठंडी तो लगती है मां पर तेरे बेटे ने गरम चाय की चुस्कियां भी बनाना सीख लिया है .... ☕☕☕ #रूम_लाइफ #स्ट्रगल_लाइफ ©Vikash shyoran #रूम Mandeep Neha Nautiyal Priyanka Yadav Vikas Kumar nensi gangele
#रूम Mandeep Neha Nautiyal Priyanka Yadav Vikas Kumar nensi gangele #ਸ਼ਾਇਰੀ #रूम_लाइफ #स्ट्रगल_लाइफ
read moreKaushal Kaushik
छात्रों का दर्द... #लॉकडाउन और #रूम किराया. ... ये कहानी उन तमाम छत्रो की है जो वैश्विक विमारी के समय मे भी अपनी उम्मीदों में पंख जड़ने का काम 4/6 के कमरा में बक्सर, पटना ,बनारस जैसे तमाम शहरों में किराए के मकान में रहते है । इन्हें नौकरी, जिंदगी और कोरोना के साथ -साथ रूम किराया का भी चिंता है ये सच है कि एक नए देश का निर्माण छात्र ही करते है लेकिन इन्ही छत्रो का जीवन बीच मजधार में हो तो एक सवाल तो बनता है साहब! आखिर ये छात्रों के किराया का क्या होगा जो पिछले 4 माह से इस उम्मीद में कोरोनटाईन है की बड़े शहर की बड़ी मकान की अंकल और आंटी के पास एक बड़ा सा दिल होगा।। लेकिन अफसोस कि उस बड़े शहर की बड़ी मकान की अंकल और आंटी के पास एक छोटा सा दिल है। कई बार कॉल और sms उनलोगों के तरफ से आ गया । जी हाँ ये मेरे साथ बक्सर में घटना हुई है कि रूम रेंट ऑनलाइन पैड कर दो नही तो रूम खाली कर दो। लेकिन साहब हमलोगों को कोई समझता नही हम सब एक स्टूडेंट है जो अपनी जिंदगी की सारी आवश्कताओ के लिए एक दूसरे पे निर्भर है पैसा के लिए परिवार वालो पे, सफलता के लिए शिक्षण संस्थान पे, और सर छुपाने के लिए किराए के छत पर, और ये कटु सत्य है कि गांव से शहर आये उन तमाम छत्रों में 80% छात्र किसान ,मजदूर, राजमिस्त्री आदि के बेटे है अगर एक नजर डाले किसानों लर तो 2020 में तो कमर ही टूट गई है किसानों की। मुझे याद है जिस वक्त गेंहू की बोवनी होना चाहिए, उस वक्त से धान की कटनी भी नही हुआ था ,बारिश की मार से सारी फसल जमीन पकड़ लिया था, हारवेस्टिंग के लिए 1600 एक बीघा के लिए 2020 में किराया दिया गया। वही नही गेंहू की कटनी के समय तूफान ,बारिश और पथर जम के पड़े सारे फसल बर्बाद हो गए है।। ऐसी हालत देख बेटा एक साल का मोहल्लत मांग बाबूजी से शहर आया था और ओ भी 2020 में बर्बाद हो गया। जो exam होना था जो हुआ नही तो सपने मोकम्मल होंगे कहाँ और तो और बिहार सरकार चुनाव का तीर भी छत्रों पर ही चला दिया बिहार पुलिस से लेकर बिहार SI तक सब पैसे पे सीट बेच दिया। उस बाप के बेटे पे क्या गुजरेगी जो 1 साल का वक्त बाबूजी से मांगा सपने लिए शहर आया हो। उस बाप पे क्या गुजरेगी जो बेटे के सपने के लिए खेत का टुकड़ा रेहन रख दिया हो, उस माँ पर क्या गुजरेगी जो बेटे -बेटी की जिंदगी सवारने के लिए गहने सोनार के पास गिरवी रख दी हो। सैल्यूट है उन माँ-बाप जो अपने छोटी से कमाई का एक बड़ा सा हिस्सा बच्चों के भविष्य सवारने के लिए महिने के पहले तारीख को भेज देते है। साहब आप ही बताओ इस हालत में आख़िर स्टूडेंट करे तो क्या करे जिनके सपने आखों के सामने चकनाचूर होते दिख रहे है ओ अनन्तः क्या करेंगे ऐसे में ही लोग गलत कदम उठा लेते है सरकार तो कह दी छत्रों से किराया किसी रूम मालिक को नही लेना है।लेकिन जो सरकार की न माने तो उनका क्या। आखिर रूम मालिक का भी सवाल ये है कि सरकार बिजली,पानी का बिल माफ नही की है तो हम कैसे किराया रूम का माफ करे। साहब क्यो छत्रों का जीवन को जला कर राख करने पे तुले हो,। लाखों का पैकेज है उनमें से हम जैसे छत्रों को भी क्यो नही देते हो या डायरेक्ट रूम मालिक के खाते में ही क्यो नही डाल देते हो। और एक निवेदन उन तमाम सम्पन्न रूम मालिक से भी है- हम छत्रों को अपने बेटे-बेटियों के जगह पे रख कर सोचिये एक बार आपके पास 1 रुपया भी नही हो और आप आने बेटे -बेटियों का भाविष्य सवारना चाहते हो। तब आपको शायद हमारे दुःख समझ मे आएगा। जब इस लॉक डाउन में पूरा भारत एक साथ खड़ा है फिर आपलोग ऐसा क्यो कर रहे है आज मिल कर लड़ेंगे तभी कल एक नया भारत बना पाएंगे। हम सभी छत्रों के तरफ से हाथ जोड़ के विनती कर रहे है कि हम सब मजबूर है हमलोगों आपलोगो को अपने परिवार की तरह देखते है आपलोग भी हमलोगों को अपना परिवार का हिस्सा मानिए। मुझे बिस्वास है कि एक दिन सब पहले जैसा हो जाएगा बाबूजी महीने के पहिले तारीख को पैसा भेजेगे और हम सब आपलोगो का किराया फिर से चुकाएंगे।.👌 By-kaushal kaushik By-Viral kalakar #NationalDoctorsDay #Room #Kisan #Student Indian Nitin Nitish Aankit Thakur Aashu Aashu Jyotirmay Sarma
Patel_ki_Kalam
#Accident (आगे की कहानी जानने के लिए लाइक, कॉमेंट जरुर करे) 👇👇👇👇 एक दिन शाम को मै जल्दी सो गया था। मेरी एक साल से तबीयत कुछ सही नहीं रहती तो मां तो हमेशा 7 बजे सुबह जगाती थी लेकिन जब अगली सुबह हुई तो मां 8 बजे सुबह जगाया और बोली दिनभर सोता रहता है मैं ना होऊ तो ये खुद से जागे भी ना। उस दिन हल्ला करते हुए बोली जा ताजा होले और जाकर पीपल में पानी देकर आ तुझे तो कोई फिकर ही ना रहती है। हमेशा की तरह नहाने के बाद पास के लोहरो के घर के पास पीपल में जल देने को चल दिए। घर के आगे टेलर के दुकान के पास पहुंचे ही थे जो दुकान में बुध्दि आजी बोल पड़ी नाती आज बहुत देर कर दी।
एक दिन शाम को मै जल्दी सो गया था। मेरी एक साल से तबीयत कुछ सही नहीं रहती तो मां तो हमेशा 7 बजे सुबह जगाती थी लेकिन जब अगली सुबह हुई तो मां 8 बजे सुबह जगाया और बोली दिनभर सोता रहता है मैं ना होऊ तो ये खुद से जागे भी ना। उस दिन हल्ला करते हुए बोली जा ताजा होले और जाकर पीपल में पानी देकर आ तुझे तो कोई फिकर ही ना रहती है। हमेशा की तरह नहाने के बाद पास के लोहरो के घर के पास पीपल में जल देने को चल दिए। घर के आगे टेलर के दुकान के पास पहुंचे ही थे जो दुकान में बुध्दि आजी बोल पड़ी नाती आज बहुत देर कर दी। #story #कहानी #MeriKahani #merikalam #lucknow #accident #fatehpur
read moresaumya
इत्तेफ़ाक ए इश्क़ love story last part खुशी का बर्थडे आने वाला था मैने सोचा बर्थडे पर खुशी को प्रपोज कर दूंगा आज खुशी का बर्थडे था मैने उसके लिए सबसे छुप के एक सरप्राइज प्लान किया था वहीं हमारे गार्डन में ..सब लोग खुशी को विश कर चुके थे एक मुझे छोड़ कर खुशी मुझसे नाराज थी क्युकी सुबह से उसे मिला तक नहीं था ना उसके बर्थडे पार्टी में गया था मैने उसका एक भी फोन नहीं रिसीव नी किया था शाम में 5 बजे मैने खुशी को msg गार्डन में आ जाओ nhi aayugi उसने कहा tumhe meri Kasam hai मैने कहा खुशी गार्डन में अाई देखते ही सरप्राइज हो गई ब्यूटीफुल
खुशी का बर्थडे आने वाला था मैने सोचा बर्थडे पर खुशी को प्रपोज कर दूंगा आज खुशी का बर्थडे था मैने उसके लिए सबसे छुप के एक सरप्राइज प्लान किया था वहीं हमारे गार्डन में ..सब लोग खुशी को विश कर चुके थे एक मुझे छोड़ कर खुशी मुझसे नाराज थी क्युकी सुबह से उसे मिला तक नहीं था ना उसके बर्थडे पार्टी में गया था मैने उसका एक भी फोन नहीं रिसीव नी किया था शाम में 5 बजे मैने खुशी को msg गार्डन में आ जाओ nhi aayugi उसने कहा tumhe meri Kasam hai मैने कहा खुशी गार्डन में अाई देखते ही सरप्राइज हो गई ब्यूटीफुल
read moreHimanshi Bulbul 2918
आज इतने साल बाद बारिश के बेहतरीन शाम को देखकर मुझे वह शाम याद आ गई वहीं शाम जहां से ये कहानी शुरू हुई थी कैसे भूल सकती हूं उन दिनों को "वो पहली बारिश थी जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था मैं रोज की तरह अपने कमरे में थी और दिन उस दिन इतवार था" उस दिन बारिश मानो एक बेहद खूबसूरत तोहफा थी मेरे लिए बारिश आई और मैं छाता लेकर छत की ओर भागी तभी 'बुलबुल संभल कर जाना' कहते हुए मां की आवाज कान से टकराई लेकिन मैंने अनसुनी कर दी फिर ऊपर रूम में खड़ी खड़ी बारिश का मजा लेते रही खिड़की से अपना हाथ बाहर निकालकर बारिश की कुछ बूंदों को महसूस कर रही थी फिर रूम से मैं छाता लेकर बाहर आई सोचा बाहे फैला कर भीग लू इस बारिश की एक-एक बूंद को अपने अंदर भर लू फिर मम्मी की ढाट याद आई सोचा बेटा, अगर भीग गई तो घर में घुस नहीं पाएगी फिर बस चुपचाप छाता पकड़े खड़ी रही मगर पता है बारिश , यह बारिश एक ऐसी चीज है जो बैंकर को भी राइटर बना देती है और हम पहले से ही कलम हाथ में पकड़े रहते थे तो एक हाथ में छाता पकड़कर और दूसरे हाथ से बारिश की बूंदों को छूने में मैं इतनी खोई थी की तभी सामने वाली छत पर मैंने उसे बाहें फैलाए खड़े देखा था मैंने भी छाका फेंका और खुले मन से बारिश को गले लगाया था वह बेखबर था कि उसे कोई देख रहा था अचानक ही बारिश कम हुई और उसकी नजरें मुझ पर गई मैंने कुछ ना कहा और सीधा नीचे चली गई कुछ देर बाद छत पर कपड़े सुखाने मैं आई थी तब भी वो हमारी छत की ओर देख रहा था . ...... .......... "ये प्यार की शुरुआत थी बरसात में हुई हमारी पहली मुलाकात थी"
खान साहब
*सूचना*- 14 फरवरी को किसी को रूम चाहिए, तो मैं रूम दे दूँगा 😐 लेकिन में भी लूँ.!! 🥰😜👊🏻 #NojotoQuote
nitin jha
उसकी याद मेरे साथ मुझसे जुड़े हर एक चीज़ करती है। ये पेन ... ये डायरी..... ये मेरी टूटी हुई सामान😢 हर एक चीज़ को बस आपका इंतजार है लगता है ये मेरा रूम नहीं कोई वेटिंग रूम बन गया है। #NojotoQuote
खामोशी और दस्तक
ishq hai tumse he #NojotoQuote राज ये भूल गया उसे अभी पढ़ने का वक्त मिला था ... वो बस अपनी ही दुनिया मे खोया था , और उस वक्त उसकी दुनिया थी archu ...... ' ' सब अपनी शीट सब्मिट कर दो और अपने ग्रूप के हिसाब से जाना ' ' सर ने kha ग्रूप A आशा .....और सर ने नाम लेना शुरू किया । एक ग्रुप मे 8students थे और राज का ग्रूप था D , सर ने सबसे शीट ले ली , और टेबल पर रख दी फिर कुछ याद आया उन्हें, कुछ ढूंढने लगे वो ,सारी class पर नज़र दौड़ाई उन्होने फ़िर थोड़े परेशान हो गए सारी class एकदम शांत हो चुकी थी सब सर की ओर देख रहे थे और इंतज़ार कर
राज ये भूल गया उसे अभी पढ़ने का वक्त मिला था ... वो बस अपनी ही दुनिया मे खोया था , और उस वक्त उसकी दुनिया थी archu ...... ' ' सब अपनी शीट सब्मिट कर दो और अपने ग्रूप के हिसाब से जाना ' ' सर ने kha ग्रूप A आशा .....और सर ने नाम लेना शुरू किया । एक ग्रुप मे 8students थे और राज का ग्रूप था D , सर ने सबसे शीट ले ली , और टेबल पर रख दी फिर कुछ याद आया उन्हें, कुछ ढूंढने लगे वो ,सारी class पर नज़र दौड़ाई उन्होने फ़िर थोड़े परेशान हो गए सारी class एकदम शांत हो चुकी थी सब सर की ओर देख रहे थे और इंतज़ार कर #Love #story #Pyar #ibadt
read moreAjay Amitabh Suman
हिप हिप हुर्रे पिछले एक घंटे से उसके हाथ मोबाइल पर जमे हुए थे। पबजी गेम में उसकी शिकारी निगाहें दुश्मनों को बड़ी मुश्तैदी से साफ कर रहीं थी। तकरीबन आधे घंटे की मशक्कत के बाद वो जोर जोर से चिल्लाने लगा। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे। आखिकार लेबल 30 पार कर हीं लिया। डेढ़ घंटे की जद्दोजहद के बाद उसने पबजी गेम का 30 वां लेबल पार कर लिया था। उसी जीत का जश्न मना रहा था। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे। कड़ी मेहनत के बाद फ्लैट की बॉलकोनी में जाकर आती जाती कारों को निहारने लगा। एक कार, फिर दूसरी, फिर त
हिप हिप हुर्रे पिछले एक घंटे से उसके हाथ मोबाइल पर जमे हुए थे। पबजी गेम में उसकी शिकारी निगाहें दुश्मनों को बड़ी मुश्तैदी से साफ कर रहीं थी। तकरीबन आधे घंटे की मशक्कत के बाद वो जोर जोर से चिल्लाने लगा। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे। आखिकार लेबल 30 पार कर हीं लिया। डेढ़ घंटे की जद्दोजहद के बाद उसने पबजी गेम का 30 वां लेबल पार कर लिया था। उसी जीत का जश्न मना रहा था। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे। कड़ी मेहनत के बाद फ्लैट की बॉलकोनी में जाकर आती जाती कारों को निहारने लगा। एक कार, फिर दूसरी, फिर त
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