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Best घुल Shayari, Status, Quotes, Stories

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Deepak Kumar Katariya

घुल जाएं मिठास आपके मन में जैसे मिल....!! #घुल #जाएं #मिठास #आपके #मन #मकर #संक्रांति #की #शुभकामनाएं

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OMG INDIA WORLD

#OMGINDIAWORLD 🌹🌹 ❤👌🏽❤तू मेरे #इश्क़ की #बुंलदिया तो देख, ज़रा #मेरे #सीने से लग कर तो देख.... ❤️❤️ #ख्वाहिशें तेरे #दिल की भी साकार होगी, ज़रा मेरी #साँसों में घुल कर तो #देख..!!!❤🌹🌹

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🌹🌹
❤👌🏽❤#तू मेरे #इश्क़ की #बुंलदिया तो देख,
          ज़रा #मेरे #सीने से #लग कर तो देख....
                        ❤️❤️
#ख्वाहिशें तेरे #दिल की भी #साकार होगी,
           ज़रा #मेरी #साँसों में #घुल कर तो #देख..!!!❤🌹🌹

©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD 
🌹🌹
❤👌🏽❤#तू मेरे #इश्क़ की #बुंलदिया तो देख,
          ज़रा #मेरे #सीने से लग कर तो देख....
                        ❤️❤️
#ख्वाहिशें तेरे #दिल की भी साकार होगी,
           ज़रा मेरी #साँसों में घुल कर तो #देख..!!!❤🌹🌹

Nikhil nitin (Raja)

#coldnights

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#मौसम में #सर्दी #घुल रही है 

और #मुझमें #तेरा #इश्क ......

#उफ्फफ ये #जनवरी भी ना

 #खामखां #बेचैंनियां बढ़ा देता है
💓💓

©Nikhil nitin (Raja) #coldnights

Parmeet gill

#withyou

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#मौसम में #सर्दी #घुल रही है और #मुझमें #तेरा #इश्क ......

#उफ्फफ ये #जनवरी भी ना #खामखां #बेचैंनियां बढ़ा देता है
💓💓

©Parmeet gill #withyou

fouji "Hindustani"

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#मौसम में #सर्दी #घुल रही हैं और मुझमें तुम्हारा #ईश्क 
                          #उफ़्फ़ 🍂🍂
ये #दिसंबर भी ना #खामखाँ #बेचैनियां बढ़ा देता हैं

©fouji "Hindustani"

Somu

#coldnights

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कोई #घुल रहा है मुझमें कहीं घुल रहें #हम, 

#कतरा_कतरा ही सही #उनमे #पिघल रहे हैं हम..

©Somu #coldnights

Devayan Sarkar

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एक लड़की है, बहुत प्यारी है... 
सादगी जिसका श्रृंगार है, आँखों में प्यार बेशुमार है... 
अपनों का ख्याल है, उनकी परवाह  जैसे संसार है.. 
बच्चों सी लड़ती, एक पल हसती, एक पल रूठती 
बिन मनाये भी मान जाती, निश्छल नदी की  धार है.. 
एक अनोखी जादू जैसे, सबको खुश कर जाती है.. 
सबके मुख पर मुस्कान हो इसलिए कभी खुद दुखी रह जातीहै.. 
चंचल है, पर धर्ये भी है, हर संकट से भीड़ जाती है.. 
जब भी होता हूँ व्याकुल मैं , हरदम साथ निभाती है... 
करुण हिर्दय साथ लिए, मेरी हर गलती झुठलाती है.. 
मुझे डांटती है अक्सर, पर मेरे लिए सबसे लड़ जाती है . 
वो आईना सा है मेरी, मुझको मुझसे मिलवाती है... 
जब भी देखता हूँ खुद को वो मुझमे ही दिख जाती है.. 
सबसे मिलती है लेकिन, मुझमे वो घुल जाती है.. 
घुल कर मेरी रूह में, मुझको मुझसा कर जाती है....

Aadii Tomar

#Love

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प्यार एक अजीब चीज है  न।
प्यार मै लोग क्या क्या नहीं करते।
प्यार मै लोग पागल तक हो जाते है।
उन्हें अपना होश नहीं रहता है कि वह कहा पड़े है।
यार प्यार करना ग़लत नहीं है जैसे ।
 चाय मै बिस्किट्स को।
यार किसी को हद से ज्यादा प्यार मत करो ।
बाद मै तुम ऐसे मत घुल जाना ज्यादा डुबा
देने पर चाय मै घुल जाता है। #Love

Deepak Raj

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मेरे संघर्ष की कहानी 

जीवन एक संघर्ष है (कहानी)

एक पिता अपनी बेटी के साथ उसके घर में रहता था। दोनों ही एक दूसरे को बहुत सम्मान व प्यार देते थे और बहुत मिलजुलकर साथ रहते थे। एक दिन बेटी अपने पिता से शिकायत करने लगी कि उसकी ज़िन्दगी बहुत ही उलझी हुई है। बेटी आगे कहने लगी “मैं जितना सुलझाने की कोशिश करती हूँ जीवन उतना ही और उलझ जाता है, पापा! सच में मैं बहुत थक गयी हूँ अपने जीवन से लड़ते-लड़ते। जैसे ही कोई एक समस्या खत्म होती है तो तुरंत दूसरी समस्या जीवन में दस्तक दे चुकी होती है। कब तक अपने आप से और इन समस्याओं से लड़ती रहूंगी।” बेटी की बातें सुनकर पिता को लगा वह काफी परेशान हो गई है।

सारी बातें ध्यान से सुनकर पिता ने कहा मेरे साथ रसोई में आओ। पिता कि आज्ञानुसार बेटी अपने पिता के साथ रसोई में खड़ी हो गई। उसके पिता ने कुछ कहे बिना तीन बर्तनों को पानी सहित अलग-अलग चुल्हों पर उबालने रख दिया। एक बर्तन में आलू, एक में अण्डे और एक में कॉफी के दाने डाल दिए और चुपचाप बिना कुछ कहे बैठ के बरतनों को देखने लगे।

20-30 मिनट पश्चात पिता ने चुल्हे बंद कर दिए। अलग-अलग प्लेट में आलू व अण्डे और एक कप में कॉफ़ी निकालकर रख दी। फिर अपनी बेटी की ओर मुड़कर पूछा – बेटी तुमने क्या देखा?
बेटी ने हंसकर जवाब दिया – आलू, अण्डे और कॉफ़ी।
पिता ने कहा – जरा नज़दीक से छूकर देखो फिर बताओ तुमने क्या देखा?
बेटी ने आलू को छूकर देखा तो महसूस किया कि वो बहुत ही नरम हो चुके थे।
पिता ने अपनी बात दोहराई और कहा – अब अंडे को छीलकर देखो।
बेटी ने वैसा ही किया और देखा अंडे अंदर से सख्त हो चुके थे।
अंत में पिता ने कॉफ़ी का कप पकड़ाते हुए कहा अब इसे पियो।
कॉफ़ी की इतनी अच्छी महक से उसके चेहरे पर मुस्कराहट आ गई और वह कॉफी पीने लगी।
फिर उसने बड़े उत्सुकता के साथ अपने पिता से पूछा – पापा इन सब चीज़ों का क्या मतलब है। आप मुझे क्या समझाना चाहते है?

बेटी की उत्सुकता को शांत करने के लिए पिता ने समझाया – आलू, अण्डे और कॉफ़ी तीनो एक ही अवस्था से गुजरे थे। तीनों को एक ही विधि से उबाला गया था। परन्तु जब इन चीज़ों को बाहर निकाला गया तो तीनों की प्रतिक्रिया अलग-अलग थी। जब हमने आलू को उबालने रखा था तो वह बहुत सख्त था परन्तु उबालने के बाद वो नरम हो गया। जब अण्डे को उबलने रखा था तब वह अन्दर से पानी की तरह तरल था परन्तु उबालते ही सख्त हो गया। उसी तरह जब कॉफ़ी के दानों को उबालने रखा तब वह सारे दाने अलग-अलग थे मगर उबालते ही सब आपस में घुल-मिल गए और पानी को भी अपने रंग में रंग दिया।

बेटी! ठीक इसी तरह जीवन में भी अलग-अलग परिस्थितियां आती रहती है। तब इंसान को खुद ही फैसला लेना होता है कि उसे किस परिस्थिति को कैसे सम्भालना है। कभी नरम होकर, तो कभी सख़्त होकर और कभी-कभी सब के साथ घुल-मिलकर।

दोस्तों, समस्या किसके पास नही होती? दुनिया में ऐसा कोई मनुष्य नही जो परेशानी का सामना ना कर रहा हो। हर समस्या हमें कुछ ना कुछ सिखाकर ही जाती है। परेशानियाँ हमें अनुभवी बनाती है। बस एक बात हमेशा याद रखे अगर जीवन में समस्या है तो उसका समाधान भी है। वो समाधान क्या है इसका पता आपको स्वयं लगाना होगा। समस्याओं से हार ना माने बल्कि जीवन की हर चुनौती का हँसकर सामना करे और खुद के मनोबल को मजबूत बनाएं। समस्या से भागना या कतराना एक कमजोर व्यक्ति की पहचान है।

Sonam kuril

#आजकलमेरेशहरकीफिजाओंमेंजहरघुल गयीहै आज कल मेरे शहर की फिजाओं में जहर घुल गयी है , नफ़रत ही नहीं ,लोभ , मोह , क्रोध , अहंकार की दिलों में कलियाँ खिल रही , आजकल मेरे शहर की फिजाओं में जहर घुल गयी है , जी भारी सा हो जाता है इस शहर में आते , जहां हमने जिंदगी के खूबसूरत लम्हें गुजारे, जिसे देखों अहंकार का ताज लगा कर घूम रहा है , मैं ही मैं हूँ , यही राग आलाप रहा है ,

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आज कल मेरे शहर की फिजाओं में जहर घुल गयी है ,
नफ़रत ही नहीं ,लोभ , मोह , क्रोध , अहंकार की दिलों में कलियाँ खिल रही ,
आजकल मेरे शहर की फिजाओं में जहर घुल गयी है ,
जी भारी सा हो जाता है इस शहर में आते ,
 जहां हमने जिंदगी के खूबसूरत लम्हें गुजारे,
जिसे देखों अहंकार का ताज लगा कर घूम रहा है ,
मैं ही मैं हूँ , यही राग आलाप रहा है ,
कहाँ चला गया वो रूठकर खुद ही मान जाने वाला बचपन ,
जिसे भी देखो ,उसने ही दिल में पाल रखी है नफ़रत ,
अपने ही अपनों के खून के प्यासे हो गए है ,
कौन भाई , कौन बाप , अपनों को पहचानना भूल गए है ,
जिससे भी मिलो , बस पैसों की बात करता है ,
हाल कैसा है आपका , आजकल ये कौन पूछता है ,
सिगरेट के धुंए में जिंदगी की खुशबु खो गयी है ,
शराब के नशे में सारी खुशियां खो गयी है ,
जिसे देखो बस बदले की भावना दिलों में सजा के रखा है ,
मोम से दिल को पत्थर बना के बैठा है ,
नफ़रत ,क्रोध इस तरह लोगो में घऱ कर गयी ,
बाप -बेटे , भाई -भाई में देखो कैसी तानाशाही हो गयी ,
लालच ऐसा जुबान से लग गया है ,
जिधर देखो हर कोई दौलत का भूखा है ,
रिश्तों में अब कहाँ वो मिठास रह गयी ,
झूठ और फरेब की आग में दोस्तों की दोस्ती भी झुलस गयी ,
कलयुग अपना खेल कुछ ऐसे खेल रही है ,
आजकल मेरे शहर की फिजाओं में जहर घुल गयी है | #आजकलमेरेशहरकीफिजाओंमेंजहरघुल गयीहै 
आज कल मेरे शहर की फिजाओं में जहर घुल गयी है ,
नफ़रत ही नहीं ,लोभ , मोह , क्रोध , अहंकार की दिलों में कलियाँ खिल रही ,
आजकल मेरे शहर की फिजाओं में जहर घुल गयी है ,
जी भारी सा हो जाता है इस शहर में आते ,
 जहां हमने जिंदगी के खूबसूरत लम्हें गुजारे,
जिसे देखों अहंकार का ताज लगा कर घूम रहा है ,
मैं ही मैं हूँ , यही राग आलाप रहा है ,
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