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Priya Gour
देखो दिनकर अपने घर को निकला, आसमान में पक्षियों का टोला, लौटने को घर मानो उमड़ा मेला, धूप हो गई खत्म अब ठंडी हवा का बसेरा, लग गया चौपालों पर लोगों का रैला, रंग बिरंगी पतंगों ने आकाश को घेरा, ग्रहणीयों का सब्जी क्या बनाये फिर यही झमेला, वाहहह सूर्यास्त का समय अलबेला, कल लौट आने का कहकर सूरज चला अकेला, अब होगा आकाश में तारों का डेरा और होगा चांद की शीतलता का पहरा... #eveningtime ☺☺☺ #सांय #evening #Nojoto #nojotoapp #Nojotothought #nojotohindi
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read moreYogendra Singh
पहली बार मिले और वो रात चाँदनी, वो सांय सांय हवा वो बारिश में भीगना वो दिल की दुआ वो अकेले अकेले धीमे धीमे तुम्हारा आना पहली बार मिले और दिल का मचल जाना रात चाँदनी अब भी गुनगुनाती तो होगी सच कहना, मेरी याद तुम्हें आती तो होगी। #pehlibarmile
niharika nilam singh
" मुस्कुराओ ज़रा " , मैं ख़ुद से कहती हूँ और मेरे भीतर से कोई आवाज़ नही आती । होती है तो बस रिश्तों की सांय-सांय और अंधेरा , बहुत अंधेरा ....... #जीवन और #मैं #अंधकार #love fir #nojotolucknow
#जीवन और #मैं #अंधकार #Love fir #nojotolucknow
read morePnkj Dixit
आज की कहानी "कहां है तुम्हारा गांव" 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,, तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ ।
🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,, तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ ।
read morePnkj Dixit
आज की कहानी "कहां है तुम्हारा गांव" 🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,, तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ ।
🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां लेते हुए पास खड़ी स्नेहा से पूछा । ... और फिर दोनों अतीत की यादों में खो गए। .. और ऐसा प्रतीत हुआ मानों दोनों आपस में संवाद कर रहे हो । एक हसीन सफर पर अनजान मंजिल की तलाश में घर से निकले थे हम । गाड़ी अपनी रफ्तार से हवा को चीरती हुई बढ़ती चली जा रही थी अपने गंतव्य की तरफ ,,, तुम मेरे सामने वाले सीट पर खिड़की के पास बैठी हुई थी। सीट नंबर ४२ ।
read moreमाही मुन्तज़िर
संग तेज हवाओं के , सांय सांय ये फसलें भी लहराएगी ! फ़िर तैयार हो ये फसलें , घर किसानों के खुशियों से महकाएंगी !! #बैसाखी #nojoto
Prashant Shukla
उसकी बारीक आवाज़, हॉर्न की पों-पों, हवा की सांय-सांय, और कार के इंजन की फड़फड़ाहट, सब मिल-जुलकर एक आरकेस्ट्रा बना रहे थे।। #NojotoQuote इश्क़ #इश्क #धुन #PrashantKiPoetry #PrashantKaPanna
इश्क़ #इश्क #धुन #PrashantKiPoetry #Prashantkapanna
read moreAb_Hi_writes
"खूनी कलम,मेरी कसम" भाग~१ चहकती चिड़ियाँ और सांय~सांय चलती हवाएँ, रात १२ बजे, मैं और अंजली फुन पर बात कर रहे थे. वो हॉस्टल में पढ़ती थी तो उसे किसी का डर तो था नही, मैं अपने गाँव आया था,घर पे बात करना सम्भव नही था, मैं घर से थोड़ी दूर शौच के बहाने चला गया,, वो खुश थी, क्योंकि बहुत दिनों बाद बात कर रहे थे,वो एग्जाम में व्यस्त थी इसलिए,, मैं सड़क पे बैठा किर्र~किर्र दाँतो से आवाज कर रहा था,, और आंखों में अजीब-अजीब दृश्य बन रहे थे,,मुझे अकेले डर लग रहा था,मैं तब से दस बार कह चुका था कि कल बात करते हैं सुबह, लेकिन वो बार बार साथ साथ हनुमान चालीसा पढ़ने को कहती... कभी मुझे चिढ़ाती, कभी हंसती, कभी गुनगुनाती, कभी जोक्स सुनाती,, अचानक मुझे घर से पापा आते दिखाई दिए,मेरी सिट्टी-पिट्टी गुप्,मैंने फुन जेब मे रखा और मैं शौच जैसा बैठ गया,,एकतरफ मुझे शक हो रहा था कि पापा ही हैं या कोई भटकी आत्मा,, दूसरी तरफ सोच रहस था कि अगर पापा हुये तो दिमाग सारा भूत झाड दिया जाएगा,,अंजली ने फुन रखकर फिर लगा दिया फुन की रिंगटोन बजने लगी,,"तुम आये तो आया मुझे याद, गली मर आज चाँद निकला".. मैं अकबकया और फिर फुन जेब से निकाला, कॉल कट कर दी मैंने और फिर फुन स्विचड ऑफ कर दिया,,पापा सामने खड़े थे मैं पसीने से लतपथ था... continue...... "खूनी क़लम,मेरी क़सम" #writer #hindi #story #instagram #wow #nice #good #like #comment
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