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kunti sharma
बहुत की मैंने लेकिन तेरे प्यार कि एक ठोकर नी ऐसा गिराया है कि अब उठ नहीं पा रहे है ©kunti sharma #गिराया
abhay dwivedi
जो गुज़र गया बुरा तो नहीं था , तूफाँ ने गिराया है शज़र वो , खुद से गिरा तो नहीं था , शायद ऊँचाई से हार गया , वो पर्वत चढ़ा तो नहीं था , बारिश कुछ तन्हा सी थी, आज साथ ओला तो नहीं था , कैसे खामोश गुज़र गया अब्र, आज कुछ बोला तो नहीं था , जो मिला था पत्ता ख़िज़ाँ का था , वो पहले हरा तो नहीं था , जो ठहरा था वहाँ खाई थी , "अभय" डरा तो नहीं था , जो गुज़र गया बुरा तो नहीं था , तूफाँ ने गिराया है शज़र वो , खुद से गिरा तो नहीं था , #अभय #RDV19 #nojoto #shayari
@Deep Chahal99
किस कुरान में ये दावा किया है उस पाक खुदा ने । जान लेना हुनर बताया है उस पाक खुदा ने । हमे भी बता दो कौन से सुकून की तलाश में आज हजारों रिश्तो को दफन किया है तुमने। कौन सी आजादी की चाह में इन्सान की जान को कब्र किया है तुमने। आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में नापाक किया है तुमने। बहुत खुश होंगे कि क्या खूब किया है हमनें । जरा अपनी अम्मी को याद करना तब पता चलेगा कि किसी अम्मी का चिराग उससे दूर किया है तुमने क्या खूब जश्न मनाया होगा उस रात तुमने । अपनी महोब्बत को याद करना फिर समझ आयेगा किसी का अशियाना तबाह किया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नज़र में नापाक किया है तुमने । अल्लाह की रहमत को मजाक बनाया है तुमने । उसकी खुदाई को शमशान बनाया है तुमने । क्या दुआ मांगी होगी अपने रब से तुमने । क्या अपने नापाक गुनाहो की माफी मांगी होगी तुमने । कयोंकि उसके कितने सुन्दर खिलौनों को मिट्टी बनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को अल्लाह की नजर में गिराया है तुमने । क्या खूब आतंक फैलाया है तुमने अपने मजहब को आतंकी ठहराया है तुमने । खुदा की नजरों में खुद को गिराया है तुमने । कुरान ए पाक के असूलो को क्या खूब अपनाया है तुमने । अपने किस सुकून के लिए बेकसूर लोगों दफनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की नजर में गिराया है तुमने । तुम ही बताओ कि क्या अल्लाह ने आतंक को रहमत बताया है । हाल पुछना कभी उस माँ से जिसका लाल तिरगें में लिपटा घर आया है । किस आजादी की चाह में अपनो का खून बहाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में गिराया है तुमने
@Deep Chahal99
किस कुरान में ये दावा किया है उस पाक खुदा ने । जान लेना हुनर बताया है उस पाक खुदा ने । हमे भी बता दो कौन से सुकून की तलाश में आज हजारों रिश्तो को दफन किया है तुमने। कौन सी आजादी की चाह में इन्सान की जान को कब्र किया है तुमने। आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में नापाक किया है तुमने। बहुत खुश होंगे कि क्या खूब किया है हमनें । जरा अपनी अम्मी को याद करना तब पता चलेगा कि किसी अम्मी का चिराग उससे दूर किया है तुमने क्या खूब जश्न मनाया होगा उस रात तुमने । अपनी महोब्बत को याद करना फिर समझ आयेगा किसी का अशियाना तबाह किया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नज़र में नापाक किया है तुमने । अल्लाह की रहमत को मजाक बनाया है तुमने । उसकी खुदाई को शमशान बनाया है तुमने । क्या दुआ मांगी होगी अपने रब से तुमने । क्या अपने नापाक गुनाहो की माफी मांगी होगी तुमने । कयोंकि उसके कितने सुन्दर खिलौनों को मिट्टी बनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को अल्लाह की नजर में गिराया है तुमने । क्या खूब आतंक फैलाया है तुमने अपने मजहब को आतंकी ठहराया है तुमने । खुदा की नजरों में खुद को गिराया है तुमने । कुरान ए पाक के असूलो को क्या खूब अपनाया है तुमने । अपने किस सुकून के लिए बेकसूर लोगों दफनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की नजर में गिराया है तुमने । तुम ही बताओ कि क्या अल्लाह ने आतंक को रहमत बताया है । हाल पुछना कभी उस माँ से जिसका लाल तिरगें में लिपटा घर आया है । किस आजादी की चाह में अपनो का खून बहाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में गिराया है तुमने
@Deep Chahal99
किस कुरान में ये दावा किया है उस पाक खुदा ने । जान लेना हुनर बताया है उस पाक खुदा ने । हमे भी बता दो कौन से सुकून की तलाश में आज हजारों रिश्तो को दफन किया है तुमने। कौन सी आजादी की चाह में इन्सान की जान को कब्र किया है तुमने। आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में नापाक किया है तुमने। बहुत खुश होंगे कि क्या खूब किया है हमनें । जरा अपनी अम्मी को याद करना तब पता चलेगा कि किसी अम्मी का चिराग उससे दूर किया है तुमने क्या खूब जश्न मनाया होगा उस रात तुमने । अपनी महोब्बत को याद करना फिर समझ आयेगा किसी का अशियाना तबाह किया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नज़र में नापाक किया है तुमने । अल्लाह की रहमत को मजाक बनाया है तुमने । उसकी खुदाई को शमशान बनाया है तुमने । क्या दुआ मांगी होगी अपने रब से तुमने । क्या अपने नापाक गुनाहो की माफी मांगी होगी तुमने । कयोंकि उसके कितने सुन्दर खिलौनों को मिट्टी बनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को अल्लाह की नजर में गिराया है तुमने । क्या खूब आतंक फैलाया है तुमने अपने मजहब को आतंकी ठहराया है तुमने । खुदा की नजरों में खुद को गिराया है तुमने । कुरान ए पाक के असूलो को क्या खूब अपनाया है तुमने । अपने किस सुकून के लिए बेकसूर लोगों दफनाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की नजर में गिराया है तुमने । तुम ही बताओ कि क्या अल्लाह ने आतंक को रहमत बताया है । हाल पुछना कभी उस माँ से जिसका लाल तिरगें में लिपटा घर आया है । किस आजादी की चाह में अपनो का खून बहाया है तुमने । आज फिर से अपने वजूद को खुदा की पाक नजर में गिराया है तुमने
Áløñé Løvér
ज़िन्दगी माना कि 😌 औरों के #मुकाबले 🤘 कुछ #ज्यादा पाया नहीं मैंने पर #खुश हूं 😊 कि खुद गिरता #संभलता रहा 😏 पर किसी को कभी #गिराया नही मैंने. Aditya... Sujata Rani kiran chaudhary Payal Singh writerneha menaria kshama sahu
Sujata Rani kiran chaudhary Payal Singh writerneha menaria kshama sahu
read moreSunrise_Akshay
मेने खुद का तमाशा खुद बनाया है लोगो ने मुझे क्या गिरना था मेने खुद को खुद गिराया है। लोगो ने मुझे क्या गिरना था मेने खुद को खुद गिराया है चलो आज़म के देख लेते है अकेले जिना मेने दुनिया कर हर सक्ष को आजमाया है।
Deepak Bhardwaj
क्या समेय आया हैं। अपनों के ही नजरो में गिराया हैं। इस समे के चक्रवयूह में हम इस कदर फसते जा रहे हैं। हर एक दूसरे के पास और अपनी से दूर जारहें हैं। और सही होके भी गलत बने जा रहे हैं। क्या स्मेय आया हैं। अपनों के ही नजरो में गिराया हैं। #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #pane
Naresh Raj
yeh sala hona he tha भारत ने पाकिस्तान के तीन 300 आतंकवादियों को मार गिराया और भारत के बीच ट्रेन ने पाकिस्तान के f-16 को निचे गिराया #NojotoQuote हिंदुस्तान जिंदाबाद हिंदुस्तान जिंदाबाद था जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा
हिंदुस्तान जिंदाबाद हिंदुस्तान जिंदाबाद था जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 8 - सुहृदं सर्वभूतानाम् 'सावधान!' हवाईजहाज के लाउडस्पीकर से आदेश का स्वर आया। यह अंतिम सूचना थी। वह पहले से ही द्वार के सम्मुख खड़ा था और द्वार खोला जा चुका था। उसकी पीठ पर हवाई छतरी बँधी थी। रात्रि के प्रगाढ़ अंधकार में नीचे कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। केवल आकाश में दो-चार तारे कभी-कभी चमक जाते थे। मेघ हल्के थे। वर्षा की कोई सम्भावना नहीं थी। बादलों के होने से जो अंधकार बढा था, उसने आश्वासन ही दिया कि शत्रु छतरी से कूदने वाले को देख नह
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