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JANIB
कुछ खोया है शायद . . . मै दूसरों मे अपना वजूद ढूंढ रहा हु.. #JANIB #इन्ही शब्दों की तरह बिखरा हु मै पर दिमाग़ ठिकाने पर है #तू निकल खुद की तलाश मे
Sunny chauhan
पथरीले रास्ते पर ज़िन्दगी के मुकाम मे इन्ही पथरीलो रास्तो ने बहुत साथ दिया है मेरा जब भी खुद को अकेला पाया जिन्दगी की राह मे तब इन्ही पथरीले रास्तो ने सहारा दिया है मेरा . sunnychauhan #Roads bahut sath diya
#Roads bahut sath diya
read moreShukla Sakshi
इंजीनियर्स डे की हार्दिक शुभकामनाए 💐आज अगर दुनिया का विकसीनीय शृंगार हो रहा है़ तो इन्ही की बदौलत है़ । बड़ी हीं कुशलता के साथ जिस तरह से ये गांव शहर का निर्माण कर रहे है़ वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है़ । एक तरफ जहां जिंदगी संवरती है़ वही दूसरी तरफ जाने कितनी जिंदगी काल के मुह में सिमट भी जाती है़ जब इन्ही के द्वारा घूस लेकर बनाए पुल या बिल्डिंग असमय गिर जाते है़। एक इन्जीनिर का काम होता है़ कि पुल,इमारते कहां, किस दिशा में, किस आकार में किस मट्रियल और किस जमीन पर बन रही है़, जैसे सारी जानकरी के बाद हीं परमीशन देना । पर यहां तो चंद पैसो के लिए लोग ना जाने कितनी जिंदगियों को दांव पर लगा देते है़ । मै ये नही कहती हूं कि सब एक जैसे हीं होते है़ पर मै ये भी नही कहूँगी कि सब अच्छे हीं होते है़ । मै सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि पैसे तो हाथ का मैल है़ । जरूरत है़ करप्शन को मिटाने की । इसलिए जो इन्जीनिर है़ उनको भी और जो बनने वाले है़ उनको भी सिर्फ इतनी सी विनती है़ कि पैसे नही लोगो का विश्वास देखे । #happyengineersday #special #for #engineers #💐💐
#happyengineersday #special #for #Engineers #💐💐
read moreNaseem Ahmad jalalpuri
इन्ही को मौसि कहता हुँ इन्ही को खाला भी कहता हुँ मगर दोनो की ही माँ की एक है जिन्हे मैं नानी कहता हुँ ENHI KO MAUSI KAHTA HUN ENHI KO KHALA BHI KAHTA HUN MAGAR DONO KI HE MAA EK HAI JINHE MAI NANI KAHTA HUN NASEEM AHMAD JALALPURI
Sunny chauhan
मीठे बोल बोलिये क्योंकि अल्फाज़ो मे जान होती है इन्ही से आरती, अरदास और इन्ही से अयान होती है ये समुन्द्र के रहम होती है इन्ही से इंसानो की पहचान होती है sunnychauhan #naseeb baat kadvi h but sach h
#naseeb baat kadvi h but sach h
read moreMahesh Rathod.
इन्ही नज़रो ने हमे पागल सा किया है, इन्ही आंखों ने दिल से एक रिस्ता बना लिया है, ओर क्या कहूं उसकी सुंदरता के बारे में, उसे देखते ही हमने खुद को भुला लिया है। #Eyes
Gaurav Gupta
#OpenPoetry पेड़ हमें छाया देते है, और यही देते हैं फल, इनसे हरयाली धरती पर, इनसे सारी चहल पहल। गंध इन्ही से, स्वाद इन्ही से, इनसे मिलती हमें दवा, रंग बिरंगे फूल इन्ही से, इन्ही से होती शुद्ध हवा। #OpenPoetry
Shubham Saxena
यार बिन ज़िन्दगी में उमंग नही होती, ज़िन्दगी के कागज़ पर रंग इन्हीं के होते हैं, लड़ जाते हैं ज़माने से अपने दोस्त के खातिर, सारे हसीन लम्हे भी तो संग इन्हीं के होते हैं। यार बिन ज़िन्दगी में उमंग नही होती, ज़िन्दगी के कागज़ पर रंग इन्ही के होते हैं, लड़ जाते हैं ज़माने से अपने दोस्त के खातिर, सारे हसीन लम्हे भी तो संग इन्ही के होते हैं। मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं मित्रों💐💐💐💐💐 #FriendshipDay #Yaari #Dosti #BFF #ShubhamKiKalamSe ✍️
यार बिन ज़िन्दगी में उमंग नही होती, ज़िन्दगी के कागज़ पर रंग इन्ही के होते हैं, लड़ जाते हैं ज़माने से अपने दोस्त के खातिर, सारे हसीन लम्हे भी तो संग इन्ही के होते हैं। मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं मित्रों💐💐💐💐💐 #FriendshipDay #Yaari #Dosti #bff #ShubhamKiKalamSe ✍️
read moreSatyam Devu (मृदुल)
शब्द??? सुबह होता है, शाम होता है, रात होता है, एक ही शब्द पर मेरा ध्यान टिका होता है।। इन्ही शब्द को लिए कभी हँसना और मुस्कराना है, इन्ही शब्द को लिए कभी हँसना और मुस्कराना है, और होना कभी उदास है।। ये मौसम भी क्या छाया है? अनगिनत नमकीन बुन्दें भी साथ लाया है। रह जाना इससे प्यास अधूरा है, सूखे कंठ भी ना भिगो पाना है, फिर भी दिलो में आस सज़ाना है!! करता हूं मैं चर्चा हर लफ्ज़ में, फिर भी डरता हूँ कहना शब्द में, रहो बेफिक्र इन्ही लफ्ज़ में, बदनामी का चिंता मुझे भी है, कहना थोड़ा मुझे भी है।। सुबह होता है, शाम होता है, रात होता है, एक ही शब्द पर मेरा ध्यान टिका होता है।। मैं दे रहा हूँ हर लफ्ज़ में उत्तर, फिर क्यूं नहीं दे पा रहा शब्द मैं उत्तर, लगता जैसे शब्द अभी अधूरा है, देखा हुआ खूआब अभी अधूरा है, हो अगर साथ, फिर करदुं इसे पूरा हाथ।। सुबह होता है, शाम होता है, रात होता है, एक ही शब्द पर मेरा ध्यान टिका होता है।। पढ़ता हूँ, तो यही शब्द, लिखता हूँ, तो यही शब्द, मिटाता हूँ, तो यही शब्द, साथ खेलता, तो यही शब्द, अगर साथ होता, तो बन जाता हकीकत, यही शब्द।। हर शब्द में बस्ता यही शब्द, चाहे चाँद या सितारा कहूँ, चाहे धरती या गगन कहूँ, चाहे कलियाँ या पुष्प कहूँ, चाहे पुकारु संसार।। _सत्यम् कुमार सिंह #शब्द??? #satyamdevu #preyasi_my_love
#शब्द??? #satyamdevu #preyasi_my_love
read moreआयुष पंचोली
क्या हमारे सारे सवालों के जवाब हमारे खुद के अस्तित्व मे खुद ही के भीतर कहीं छुपे हैं। और अगर ऐसा हैं तो उनका जवाब प्राप्त कैसे किया जायें? आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual क्या हमारे सारे सवालों के जवाब हमारे खुद के अस्तित्व मे खुद ही के भीतर कहीं छुपे हैं। और अगर ऐसा हैं तो उनका जवाब प्राप्त कैसे किया जायें? हाँ यह बिल्कुल सत्य हैं, की हमारे सारे सवालों के जवाब, सभी समस्याओं का हल कहीं ना कहीं, हमारे ही अस्तित्व की उन गहराईयौं मे छूपा हैं, जहां हम पहुच नही सकते या यूँ कहें पहुचना नही चाहते। क्योकी हमारे जीवन मे अर्थात् आपके जन्म लेने के बाद से,कितनी ही घटनाए ऐसी घटित होती हैं, जो हमारे मन और मस्तिष्क पर बहुत गहरी छाप छोड़ती हैं। उनमे से कुछ घटनायें हम भुला देते
क्या हमारे सारे सवालों के जवाब हमारे खुद के अस्तित्व मे खुद ही के भीतर कहीं छुपे हैं। और अगर ऐसा हैं तो उनका जवाब प्राप्त कैसे किया जायें? हाँ यह बिल्कुल सत्य हैं, की हमारे सारे सवालों के जवाब, सभी समस्याओं का हल कहीं ना कहीं, हमारे ही अस्तित्व की उन गहराईयौं मे छूपा हैं, जहां हम पहुच नही सकते या यूँ कहें पहुचना नही चाहते। क्योकी हमारे जीवन मे अर्थात् आपके जन्म लेने के बाद से,कितनी ही घटनाए ऐसी घटित होती हैं, जो हमारे मन और मस्तिष्क पर बहुत गहरी छाप छोड़ती हैं। उनमे से कुछ घटनायें हम भुला देते
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