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Best बहाते Shayari, Status, Quotes, Stories

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piyush arora

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जो वक्त पर पसीना नहीं बहाते
वो बाद मे आँसू बहाते है.

                     ...mere vichar

Abhishek Tiwariz

@Nojotoapp rdv19 @abhishekism abhimantra poem poet quote poeticatma @poeticatma @nojoto RDV19

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आओ ख़ुद ही ख़ुद को दफ़नाते हैं,
आओ मिल के धरती जलाते हैं,
चलो फ़िर से एक फैक्ट्री लगाते हैं,
जहरीला धुआं हवा में घोल जाते हैं,
फैक्ट्री का ज़हरीला पानी,
किसी स्वच्छ नदी में बहाते हैं,
प्लास्टिक, मेटल्स, कांच और टाइल्स से,
धरती की कोख बंजर कर आते हैं,
ऑक्सीजन का क्या करना हमें,
चलो मिल के जंगल जलाते हैं,
खाद्य श्रृंखला से क्या लेना देना हमें,
जीव जंतुओं को मार आते हैं,
स्वार्थी लालची मानव हैं हम,
इस बात को सिद्ध कर जाते हैं,
बहुत जी लिए हम इस धारा धरती पे,
आओ संपूर्ण विश्व को मिल के दफ़नाते हैं,
आधुनिकता और विकास के नाम पर चलो,
आने वाले कल की क़ब्र बनाते हैं,
कड़वी है बात मेरी अभिषेक,
फ़िर भी लोग ताली बजाते हैं,
जब सत्य पता चल ही चुका है तो फ़िर,
खुल के पानी बहाते हैं,
हमें आने वाले कल से क्या लेना,
आज खुशियों कि होली दीवाली मानते हैं,
कभी अरण्य, कभी वन उपवन,
आओ मिल के तहस नहस कर जाते हैं
Abhishekism 💕 @Nojotoapp #rdv19 @abhishekism #abhimantra #poem #poet #quote #poeticatma @poeticatma @nojoto #RDV19

atul agnihotri

समय की कीमत को समझे।।

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जो वक्त रहते पशीना नहीं बहाते
वो जीवन भर आशु बहाते हैं समय की कीमत को समझे।।

Jiten rawat

तेरी बाहों में आज फिर से सिमटने आया हूँ, जो याद नही तुझे,मगर मुझे याद है वो सब कुछ, तुम बारिश की बूंदों से भीगती थी मेरे संग, उसी बूंदों से भीगोने आया हूँ। जो याद नही है तुझे सावन में प्रेयसी वो याद दिलाने आया हूँ। आँगन में तेरे बारिश के तेज धार में

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" सावन मे तुझे प्रेयसी कुछ याद दिलाने आया हूँ "
Read in Caption.. तेरी बाहों में आज फिर से सिमटने आया हूँ,
जो याद नही तुझे,मगर मुझे याद है वो सब कुछ,
तुम बारिश की बूंदों से भीगती थी मेरे संग,
उसी बूंदों से भीगोने आया हूँ।
जो याद नही है तुझे सावन में प्रेयसी
वो याद दिलाने आया हूँ।

आँगन में तेरे बारिश के तेज धार में

Malik Saab

# tiger's #Alive

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अशक तो कायर बहाते है 
हम तो मर्द है 
लहु बहाते है। # tiger's #alive

कवि मनीष

घर बार,संसार सब छोड़ के आता है,
एक फौजी न जानें कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकानें वतन की मिट्टी का कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है,

बहाते हो आँसू उसके ख़ातिर तो,
फक्र भी उसमें मिलाओ,
क्योंकि गुनहगारों के सीनें में वो,
ख़ंजर गाड़ के आता है,

मैं तो हूँ अमन का रक्षक,
तभी तो ख़ून वतन का बहता देख मुझे ग़ुस्सा आता है,
क्यों बेमौत की मौत मरे जो अमन का दाता है,
शांतिदूतों के बदन पे क़फ़न किसे भाता है,

 
घर बार,संसार सब छोड़ के आता है,
एक फौजी न जानें कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकानें वतन की मिट्टी का कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है,

बहाते हो आँसू उसके ख़ातिर तो,
फक्र भी उसमें मिलाओ,
क्योंकि गुनहगारों के सीनें में वो,
ख़ंजर गाड़ के आता है,

मैं तो हूँ अमन का रक्षक,
तभी तो ख़ून वतन का बहता देख मुझे ग़ुस्सा आता है,
क्यों बेमौत की मौत मरे जो अमन का दाता है,
शांतिदूतों के बदन पे क़फ़न किसे भाता है,

 
घर बार,संसार सब छोड़ के आता है,
एक फौजी न जानें कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकानें वतन की मिट्टी का कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है,

बहाते हो आँसू उसके ख़ातिर तो,
फक्र भी उसमें मिलाओ,
क्योंकि गुनहगारों के सीनें में वो,
ख़ंजर गाड़ के आता है,

मैं तो हूँ अमन का रक्षक,
तभी तो ख़ून वतन का बहता देख मुझे ग़ुस्सा आता है,
क्यों बेमौत की मौत मरे जो अमन का दाता है,
शांतिदूतों के बदन पे क़फ़न किसे भाता है,

घर-बार, सब संसार छोड़ के आता है,
एक फौजी न जाने कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकाने  वतन की मिट्टी का  कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है 
#कविमनीष 






















 #NojotoQuote #कविमनीष

Vishal namdev

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जो वक्त पर पसीना नही बहाते    वे बाद मे अशु बहाते हे #NojotoQuote

Anshul Singh

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इबादत में तुम्हारे मैं खुदा बन गया ,
तुम गयी दूर तो क्या से क्या बन गया ।
यूँ अकेले में आँसू बहाते बहाते ,
ना जाने कब मैं काफिला बन गया ।

shivam

पवन उडाते पेड़, नीर बहाते बादल।  सुख, दुख से तो भरा पडा है जीवन का हर पल।। इसी विपत से त्रस्त हुए हैं, हवा, आसमा, जल-थल। पवन उडाते पेड़, नीर बहाते बादल ।।

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पवन उडाते पेड़, नीर बहाते बादल। 

सुख, दुख से तो भरा पडा है जीवन का हर पल।। 

इसी विपत से त्रस्त हुए हैं, हवा, आसमा, जल-थल।

पवन उडाते पेड़, नीर बहाते बादल ।।

Harshit Shah

👉🏻ऑफिस या तो दुकान की कहीं सारि कठनाईयो के बिच कमरदर्द और सरदर्द को तो आपने सहा ही हे , लेकिन घरमें रहते हुएं 14-15 साल में जो हुआ वो हप्ते भरका पेटदर्द क्या कभी सह सकते हो !!! दोस्तों के साथ पॉकेट-मनी से लेकर गर्लफ्रेंड तक की सब बातें SHARE करते हो , लेकिन कभी रोते हुए अपनी माँ को अपने पहले पेटदर्द की दास्ताँ बयां कर सकते हो!!! कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ , कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान...

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👉🏻ऑफिस या तो दुकान की कहीं सारि कठनाईयो के बिच कमरदर्द और सरदर्द को तो आपने  सहा ही  हे ,
लेकिन  घरमें  रहते हुएं 14-15 साल में जो हुआ वो  हप्ते भरका पेटदर्द क्या कभी सह  सकते हो !!!

दोस्तों के साथ पॉकेट-मनी  से लेकर गर्लफ्रेंड तक की सब बातें  SHARE  करते हो ,
लेकिन कभी रोते हुए अपनी माँ को अपने पहले पेटदर्द की दास्ताँ बयां कर सकते हो!!!

कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ ,
कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान...


👉🏻सिगरेट का बॉक्स ,सराफ की बोतल और अपनी पत्नी के साथ गुज़ारते हो अपनी पूरी ज़िन्दगी ,
लेकिन क्या कभी 10-12 सेंटीमीटर के पैड्स को  50  साल तक अपने साथ रख सकते हो !!!

नवरात्री में जिस माँ की पूजा करके तुम पूरी रात ज़ूम सकते हो ,
उसी माँ के स्वरुप इन लड़कियों को अपवित्र बोल कर घर में बैठने क्यों देते हो !!

कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ ,
कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान...


👉🏻 द्रौपदी की साडी बचाकर  कृष्ण तो हर कोई बन सकता है ,
लेकिन पुरे कपड़ो में सज्ज निर्भया को बचानेवाला भाई  क्यू कोई  नहीं बन सकता..!!!

किसीकी ज़िन्दगी ख़तम करने वाले कातिल को सजा भी नहीं सुना सकते हो,
फिर ज़िंदगी सरु करने वाले इस खून को एक घिलौनी हरकत क्यों बोलते हो  !!!

कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ ,
कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान...


👉🏻आप जहांभी जाओ ,जो भी करो,जितनी बार करो,वापस तो पत्नी की सुखी हुयी  बाँहों  में ही आते हो ,
और हमसे हुयी एक भी गलती को मेरे पति होने के बावजूद भी मुझे स्वीकार क्यों नहीं कर सकते हो !!!

वो कॉलेज का लाल दुपट्टा ,होली का लाल रंग,सादी का लाल टिका तो बहुत पसंद है तुम्हे ,
बस एक रोज़ देखा हुआ खून के वो लाल दाग को मज़ाक में क्यों उड़ाते हो !!

कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ ,
कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान...


👉🏻पूरी दुनिया के सामने तो पसीना बहाते हो, लेकिन उससे कोई मर्दानगी तो साबित नहीं होगी ,
कभी आँशु के साथ खून को बहाते-बहाते मातृत्व का अहसास, आप क्या खाख समझोगे !!

अभी चल रहा है वैलेंटाइन वीक ,और उसमे भी प्रॉमिस डे .
तो आओ खुदसे ,खुदको ही एक वचन  दे की 

अगर में हु कोई मर्द सच्चा .
तो बन जाऊ उसका दोस्त पक्का ,
रखु उसके साथ तालुकात अच्छा ,
के सामने आपने पर किसीको आये न लज्जा ,

कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ ,
कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान...

हर्षित शाह 👉🏻ऑफिस या तो दुकान की कहीं सारि कठनाईयो के बिच कमरदर्द और सरदर्द को तो आपने  सहा ही  हे ,
लेकिन  घरमें  रहते हुएं 14-15 साल में जो हुआ वो  हप्ते भरका पेटदर्द क्या कभी सह  सकते हो !!!

दोस्तों के साथ पॉकेट-मनी  से लेकर गर्लफ्रेंड तक की सब बातें  SHARE  करते हो ,
लेकिन कभी रोते हुए अपनी माँ को अपने पहले पेटदर्द की दास्ताँ बयां कर सकते हो!!!

कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ ,
कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान...
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