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अम्बुज बाजपेई"शिवम्"
आज भारत मां भी अश्रु बहाई होगी, अंतर्मन में चिल्लाई होगी। जो आयु में इतना वृद्ध है, कैसे लाठी खाई होगी? अगर दोष था तो न्यायालय जाते, न्याय हेतु अर्जी लगवाते। स्वयं न्यायधीश बन प्रहार किया, ये द्वेषाग्नि किसने जलाई होगी? संदेह मात्र में मृत्यु बांट दी, क्या सच में दया न आई होगी? वे साधू थे संन्यासी थे, त्याग का व्रत ले बैठे थे, ये सोच भी लिया था तुमने कैसे, कि उन्होंने वस्तु चुराई होगी? है मानवता के ठेकेदारों, अमानव बन क्या तुमको लाज न आई होगी? ये प्रश्न अब उठता ही रहेगा। जब तक न निष्पक्ष सुनवाई होगी। ये गांठ बांध लो अंतर्मन में, जो शस्त्र उठा अब रण में, तो अंतिम यही लड़ाई होगी। #व्यथित #द्रवित #justiceforsadhu #yqbaba #yqdidi
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read morePoetry with Avdhesh Kanojia
गुणवान वही कहलाता है - - - - - - - - - - - परपीड़ा से द्रवित, व्यथित होने वाला मानव असली कहाता है। जो सबको हो प्रिय, सबका दिल जीते गुणवान वही कहलाता है।। देश पर सर्वस्व समर्पण, को रहे तैयार जो हिंदुस्तानी वही कहाता है। कल्याण समाज का, खूब करे जो प्रेम की धार बहाता है। गुणवान वही कहलाता है।। एकता के सूत्र में, पिरोए सबको जो सबको गले लगता है। दुर्भाग्यपूर्ण प्रथाओं को, भेदभाव की लताओं को हो निर्भीक हटाता है। गुणवान वही कहलाता है।। नारी का सम्मान करे, आदर करे बड़ों का बातें जो सत्य बताता है। मिलता है जिसे, प्रेम हर एक का धनवान वही कहलाता है। गुणवान वही कहलाता है।। साहित्य संगीत कला, से जिसका जुड़ाव प्रतिभाशाली वो कहाता है। चारों दिशाओं में, विश्व भर की हवाओं में भारत का ध्वज लहराता है। गुणवान वही कहलाता है।। परपीड़ा से द्रवित, व्यथित होने वाला मानव असली कहाता है। जो सबको हो प्रिय, सबका दिल जीते गुणवान वही कहलाता है।। ✍️अवधेश कनौजिया #NojotoQuote गुणवान वही कहलाता है
गुणवान वही कहलाता है
read moreरोहित गोस्वामी रुद्रांश
Pyar aur Dosti कोर आंखों के अब फिर से द्रवित हो रहे हैं जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको बड़की भाभी कह रहीं तुम अब न लौटोगे यहाँ, बोलो प्रियतम अपनी चन्दा छोड़ जाओगे कहाँ, जो नयन कभी न मिले थे आज क्षण भर न झुके, इक घड़ी आंखें न बन्द हो अश्रु-धारा न रुके, मन व्यथित अब हो रहा है, चैन खोया मेरा तबसे, जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको.. कोर आंखों के.... कितनी बातें हैं अधूरी जो कभी हम कह न पाये, और तुमने भी कहा न, वो थे जो हम सुनना चाहें, देखते थे इस हृदय के पास आते रोज तुमको, एक होकर भी कभी हम एक होकर मिल न पाये, लो विदाई गीत गाकर आज हम तुमको सुनायें, जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको कोर आंखों के अब फिर से द्रवित हो रहे हैं जबसे जाना है कि जाना अबकी बारी फिरसे तुमको... #NojotoQuote विदा गीत
विदा गीत
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