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Sarfaraj idrishi
#Demonetization एक सलाह👇 खूब कमाओं...... लेकिन इतना इकट्ठा मत करों की... ऐसा न हो तबीयत जरा सी ख़राब होने पर बच्चे डॉक्टर की जगह वकील बुला लायें... ©Sarfaraj idrishi #Demonetization खूब #कमाओं......#सरफराज#पैसा_Money लेकिन इतना #इकट्ठा मत करों की... #तबीयत जरा सी #ख़राब होने पर #बच्चे #डॉक्टर की जगह #वकील बुला लायें...h.m.a s arvindyadav_1717 Santosh Narwar Aligarh itz Eishamahi Sonu Dhaka
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बिखर के इकट्ठा होना,इकट्ठा होकर बिखरना,जाने ये कैसा दस्तुर जिंदगी का।मिल के बिछ़डना,बिछड़ के मिलना जाने ये कैसी हकीकत जिंदगी का।रोकर हसना,हस कर रोना जाने ये कैसी तक्लुफ जिंदगी की। जाने ये कैसी अजीब जिंदगी #life, #nojoto
जाने ये कैसी अजीब जिंदगी #Life, nojoto
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नोट इकट्ठा करने की बजाए दोस्त इकट्ठा किए है हमने इसलिए आज पुराने भी चल रहे है #दोस्त #दोस्ताना
Kunwar Nadaan
आँखों देखी (भारत पाक युद्ध 1971 ) ( एहसास उनके अल्फ़ाज मेरे- अविस्मरणीय संस्मरण) (पूरा संस्मरण केप्शन में पढ़ें) हमे आपके शौर्य और जज्बे पर गर्व है "बड़े पापा" लव यू........ जय हिंद। ©कुँवर की कलम से.....✍ ✒उपरोक्त संस्मरण मेरे बड़े पापा के बताये गई घटना का वास्तविक अंश है। #NojotoQuote संस्मरण-भारत पाक युद्ध 1971 आँखों देखी (भारत पाक युद्ध 1971 ) ( एहसास उनके अल्फ़ाज मेरे- अविस्मरणीय संस्मरण) तारीख 21 अक्टूबर 1971 समय- शाम 7:30 बजे स्थान- बेस कैंप - 19 राजपूताना राइफल्स, नागालैंड अचानक इमरजेंसी विसल्ल बजी और हमें ग्राउंड पर इकट्ठा होने के निर्देश मिले। हम सब ग्राउंड पर इकट्ठा हो गये। यँहा हमारे कमांडिंग ऑफिसर ने हमारी बटालियन को धर्मानगर (अगरतला) जाने के निर्देश दिए। हमारी कानवाई तुरंत धर्मानगर के लिए निकल चुकी थी।लगभग डेढ़ महीने तक हम यहीं पर रहे। खुफिया विभाग से सूचना थी क
संस्मरण-भारत पाक युद्ध 1971 आँखों देखी (भारत पाक युद्ध 1971 ) ( एहसास उनके अल्फ़ाज मेरे- अविस्मरणीय संस्मरण) तारीख 21 अक्टूबर 1971 समय- शाम 7:30 बजे स्थान- बेस कैंप - 19 राजपूताना राइफल्स, नागालैंड अचानक इमरजेंसी विसल्ल बजी और हमें ग्राउंड पर इकट्ठा होने के निर्देश मिले। हम सब ग्राउंड पर इकट्ठा हो गये। यँहा हमारे कमांडिंग ऑफिसर ने हमारी बटालियन को धर्मानगर (अगरतला) जाने के निर्देश दिए। हमारी कानवाई तुरंत धर्मानगर के लिए निकल चुकी थी।लगभग डेढ़ महीने तक हम यहीं पर रहे। खुफिया विभाग से सूचना थी क
read moreअमित सिंह
12 खिलाड़ी जिंदगी के साथ खेल रहे है... ए खुदा.....! तेरे सब्र पर थमी है जिंदगी सब की पर रहम कर दे अगर थोड़ा तो तेरा उपकार हो जाये ।। एक पहलू देखे तो बहुत ही शांति देने वाली है क्योंकि उन 12 खिलाड़ियों को बचाने के लिए आज लगभग पूरे देश इकट्ठा हो चुका है कई जगह से फ़ोर्स भी बुलाई गई है और कुछ बच्चो को निकाल भी लिया गया पर अब भी कुछ बच्चे वहाँ फंसे है । हम बैठे बैठे उन बच्चो के लिए भगवान से दुआ करे शायद यही काम आ जाये ...।#yqdidi #yqtales #yqdada #yqquotes #yqbhaijan #uqbaba #yq #yqdiary एक पहलू देखे तो बहुत ही शांति देने वाली है क्योंकि उन 12 खिलाड़ियों को बचाने के लिए आज लगभग पूरे देश इकट्ठा हो चुका है कई जगह से फ़ोर्स भी बुलाई गई
एक पहलू देखे तो बहुत ही शांति देने वाली है क्योंकि उन 12 खिलाड़ियों को बचाने के लिए आज लगभग पूरे देश इकट्ठा हो चुका है कई जगह से फ़ोर्स भी बुलाई गई है और कुछ बच्चो को निकाल भी लिया गया पर अब भी कुछ बच्चे वहाँ फंसे है । हम बैठे बैठे उन बच्चो के लिए भगवान से दुआ करे शायद यही काम आ जाये ...।#yqdidi #yqtales #yqdada #yqquotes #yqbhaijan #uqbaba #yq #yqdiary एक पहलू देखे तो बहुत ही शांति देने वाली है क्योंकि उन 12 खिलाड़ियों को बचाने के लिए आज लगभग पूरे देश इकट्ठा हो चुका है कई जगह से फ़ोर्स भी बुलाई गई
read moreRamesh Singh
कुछ दिन कुछ महीने या कुछ साल, तमाशे सब खत्म होने है, हा फ़र्क सिर्फ इस बात का है, कि कुछ तमाशे खूब भीड़ में होते है, या खूब भीड़ इकट्ठा करते है, और कुछ तमाशों में कम भीड़ होती है, या वो कम भीड़ इकट्ठा करतें, और हा हम यहाँ ये नहीं कह रहे कि, कौन कितना क़ाबिल है। और ये बात भी दीगर है कि कुछ तमाशे होते है और खत्म हो जाते है, तन्हाई में,और खत्म हो जाते है,तन्हाई में, मगर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं, ऐसे तमाशे न दिखते है न कोई देख सकता है, ये तमाशे तो बस सुनाए जाते है। जब तमाशाई नहीं रहता। जब तमाशाई नहीं रहता।। #रमेश
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