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Shubham Bhardwaj
एहसास मोहब्बत के छिपाते नही हैं। मोहब्बत में कभी नजरें चुराते नही हैं।। ©Shubham Bhardwaj #Shahrukh&Kajol #एहसास #मोहब्बत #में #छिपाते #नही #हैं
Nagvendra Sharma( Raghu)
दोस्त कोई नया बनाते नहीं हम, दोस्तों से कुछ भी छिपाते नहीं हम, होती है हलचल मन के अंदर जब हमारे, दोस्तो को भी कुछ बताते नहीं हम..।। #दोस्त कोई नया बनाते नहीं हम, दोस्तों से कुछ भी #छिपाते नहीं हम, होती है #हलचल मन के अंदर जब हमारे, दोस्तो को भी कुछ #बताते नहीं हम..।। #nagvendrasharma #myfriendship #aboutme #yqhindi
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read moreOye Hoye Chore
हम जिसे #छिपाते फिरते हैं #उम्रभर,वही बात बोल देती है...!! 💗💋💗💋💗💋💗💋💗💋💗💋💗💋💗💋💗 #शायरी भी क्या #गजब होती है,हर #राज_खोल देती है....!! ©Oye Hoye Chore Taklifai mere dost #darkness
pramod pandit
दुर दुर तक कोई सहरा नही दिखता। अपने तो बहुत है लेकिन कोई भी ,मुझे, हमारा नही दिखता,, थक गया हूँ मैं अपने दिल का दर्द छिपाते छिपाते ।अब तो मिटा दे मुझे खुदा मुझे कोई भी इस दिल का सहारा नही दिखता।। दिल
दिल #शायरी
read moreShivam
पंदरह बाद के कृष्ण पक्ष के दिवस घूम के जब आएं पंदरह अंधियारी रातों में चाँद रहे पर गुम जाए निशा *पञ्चदश चाँद पे वो कितनी भारी होती होंगी पंदरह ही होती हैं पर कितनी सारी होती होंगी पंदरह उजली रातों में भी वो कितना खुश रहता है, सबने खुद से सोच लिया ना किसी ने उससे पूछा है माना चमक, चाँदनी, कई आकार का वो हो सकता है पर चमक, चाँदनी, शोहरत से कोई कितना खुश हो सकता है ? (पूरी कविता कैप्शन में।) #RDV19 पंदरह दिन पंदरह दिन जब चाँद विश्व में खूब चमकता भ्रमण करे, पंदरह दिन जब चाँद चांदनी पे निज अपनी घमंड करे पंदरह दिन जब अपनी कलाओं में खुद ही गोते खाए पंदरह दिन जब करे किसानी, जोते-खाए, खुशी उगाए
Brijesh Oyam
मेरे दोस्त मुझसे कहते है तू इतना खुश कैसे रहता है मैंने कहा बस ज़िन्दगी के दुख छिपाते छिपाते मुस्कुराना सीख गया हूं tujhse hi
tujhse hi
read moreLalita patni kothari
न चाहते हुए हर रात क्यों आंशू ये मेरे गिरते हैं इन आंसुओ को लोगो से हम छिपाते फिरते हैं रोते-रोते ही अचानक जब हमे नींद आजाये तो हर रात हम सपने में अपने सनम से मिलते हैं ऐसा लगता है कि सपना नही जैसे हकीकत हो ये आँख जो खोलके देखें तो फिर तन्हाई से मिलते हैं दिन तो ढल ही जाता है अपनों की ही इस आड़ में पर रात होते ही स्वप्न में हम उदास से फिरते हैं न चाहते हुए हर रात क्यों आंशू ये मेरे गिरते हैं इन आंशुओ को लोगों से हम छिपाते फिरते हैं। #उदशी सी क्यों
#उदशी सी क्यों
read morePrajapati Sanjay
दर्द छिपाते-छिपाते, यह एक बड़ा जख्म बन गया है। दर्द छिपाते-छिपाते, यह एक बड़ा जख्म बन गया है।
दर्द छिपाते-छिपाते, यह एक बड़ा जख्म बन गया है।
read moreSonali barahpuriya (Kaira)
#OpenPoetry अपनी मुस्कुराहट छिपाते छिपाते हर हसँना तो सीरव गये , पर मुस्कुराना भूल गये । #sayari#love
Sonam Jain
Fear छुपाना कब धीरे धीरे आदत बनने लगी बुराई छिपाते छिपाते अच्छाइयां भी बाहर आने से डरने लगी