Find the Best संकुचित Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutसंकुचित का पर्यायवाची शब्द, संकुचित मनोवृत्ति का अर्थ, संकुचित या शब्दाचा अर्थ,
भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन
#संकुचित प्रेम Sethi Ji AD Grk रविन्द्र 'गुल' ek shayar Radhey Ray Rama Goswami GRHC~TECH~TRICKS Nasiba Bibi LoVe YoU # Miss khan Revathi_Stupid_girl Riya Soni Santosh Narwar Aligarh Bratati Sanju Singh Nisha Meena Altaf Shayar Shweta Duhan Deshwal SAUD ALAM Ek dil ka ehsaas.... Qamar Abbas VIJAY KUSHWAH Rakesh Srivastava Aftab –Varsha Shukla pushpa Alok Singh Banarasi.. rani trands status Shiv Kishore कवि संतोष बड़कुर Kavya ankith ankith Hardik Mahajan A G Birajdar sandhya maurya (official) vinod. sharma Avdhesh( Avii) rasmi Anjali saini mohd Ali Satish Kaushal Dr.Javed khan Arpit Singh nojoto vimal कृष्णा वाघमारे ,, Kumbhar Pimpalgaon, Jalna, 431211,maharastra Abdul Wahab Shaikh जनकवि शंकर पाल Mahendra Prasad Pal Babita Shiv Shilpi
read moreJuhi Grover
इन्सान कितना स्वार्थी व संकुचित हो गया है, जो खून के रिश्तों को ही परिवार मान लेता है, और प्रकृति की देनदारियों से विमुख हो कर के, अपनी ज़िम्मेदारियों को नज़रन्दाज़ कर देता है। #प्रकृति #स्वार्थी #संकुचित #परिवार #नज़रन्दाज़ #देनदारियां #yqhindi #bestyqhindiquotes
Rishu
आपने मुझे आश्रय का आश्वाशन दिया बाबा,शुक्रिया अब जाकर हृदय को खुलने की अनुमति दे रहा हूँ, सुरक्षित स्थान के अभाव में,विश्वासपात्र ना मिलने पर, लंबे अंतराल से हृदय को संकुचित कर श्वाश ले रहा हूँ, हृदय को यूँ खोलते ही नया किरदार बाहर आएगा, स्वयं अचरज हो सकता है मुझे इससे,संदेश दे रहा हूँ, परंतु पीड़ा रहित हो गया हूं,अंतर्मन स्थिर हो रहा है, आपके फरिश्तों ही निमित्त बने,जो आनंद ले रहा हूँ #yqdidi #हिंदी_साहित्य #संकुचित #हृदय_कि_बात_हृदय_से #प्रभु_की_लीलाएं
दीक्षा
नहीं संकोच नही कर रही संकुचित हो चुकी हूँ #संकोच #संकुचित #yqquotes #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqdiary
Ajay Keshari
#संकुचित सिमटा सा #लज़्जित, करता जीवन यापन है.. मान लिया दीनता को नियति, कभी वो कुछ नही कहता है.. सड़ा गला जो मिल जाता है, खाकर जीवन जीता है.. बचपन देखी नही है इसने, होता कहां जवान है.. बुढ़ापे को जी नही पाता, बंचित रहता जीवन से.. जीने की चाहत में यह, मरता ये हर रोज है.. #अजय57
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 11 - महत्संग की साधना 'मेरी साधना विफल हुई।' गुर्जर राजकुमार ने एक लम्बी श्वास ली। वे अपने विश्राम-कक्ष में एक चन्दन की चौकी पर धवल डाले विराजमान थे। ग्रन्थ-पाठ समाप्त हो गया था और जप भी पूर्ण कर लिया था उन्होंने। ध्यान की चेष्टा व्यर्थ रही और वे पूजा के स्थान से उठ आये। राजकुमार ने स्वर्णाभरण तो बहुत दिन हुए छोड़ रखे हैं। शयनगृह से हस्ति-दन्त के पलंग एवं कोमल आस्तरण भी दूर हो चुके हैं। उनकी भ्रमरकृष्ण घुंघराली अलकें सुगन्धित तेल का सिञ्च
read moreKeshav Suryavanshi
"माजे मत -- माझे विचार. मित्रांनो,जेव्हा आपण ' मी ' आणि ' माझे ' या जोखडात अडकतो.तेव्हा काळा- गोरा, सुरूप- कुरूप,उंच- बुटकाअसे भेद आपल्या मनात प्रतिबिंबित होतात. तसेच आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, वैचारिक तथा नाव,धर्म,जात,पंथ हे सारं या ' मी ' मध्ये सामावलेले असते.या ' मी ' मध्ये लोभ, भ्रम, आसक्ती ,..या संकुचित भावना तयार झालेल्या असतात. या संकुचित वृत्तीतून मुक्त होऊन, व्यापक- शाश्वत तत्त्वांशी ससंगत जगण्याचा अभ्यास म्हणजेच " आत्माभ्यास " होय.या आत्माभ्यासामुळे आपण मोह,भय,भ्रम,आसक्तीपासून मुक्त होऊन ,शाश्वत सत्याशी अखंडपणे जोडले जातो व निर्भय- नि: शंक वृत्तीने जगू शकतो. अॅड.के.एम.सूर्यवंशी
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