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Best मुस्काई Shayari, Status, Quotes, Stories

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राजेश कुशवाहा 'राज'

मौन मौन #मुस्काई होगी, आज खुशी से भर गई होगी, निर्भया भी निर्भय होगी, आज न्याय की वर्षा हो गई। क्रूर दरिंदे चले गए, हर माँएं मुस्काई होगी। सच्ची #श्रद्धांजलि पाई होगी, निर्भय हो मुस्काई होगी।

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मौन मौन मुस्काई होगी, 
आज खुशी से भर गई होगी,
निर्भया भी निर्भय होगी,
आज न्याय की वर्षा हो गई।
क्रूर दरिंदे चले गए,
 हर माँएं मुस्काई होगी।
सच्ची श्रद्धांजलि पाई होगी, 
निर्भय हो मुस्काई होगी।
मौन मौन मुस्काई होगी....।।

आज बहुत दिनों के इंतजार के बाद,
निर्भया को मिला न्याय,

"आज की सुबह न्याय की सुबह।"

अंतत आज सुबह 5:30 बजे दरिंदो का हुआ अंत।

धन्यवाद 
न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका।।
🖋मेरी कलम से 🖋#कुशवाहाजी मौन मौन #मुस्काई होगी, 
आज खुशी से भर गई होगी,
निर्भया भी निर्भय होगी,
आज न्याय की वर्षा हो गई।
क्रूर दरिंदे चले गए,
 हर माँएं मुस्काई होगी।
सच्ची #श्रद्धांजलि पाई होगी, 
निर्भय हो मुस्काई होगी।

Geet

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खिड़की पर जब चिड़िया आई, 
मीठे-मीठे गीत सुनाई,,

झट से मैं दाना लाई, 
दाना देख वो मुस्काई,,

वो मुस्काई मैं हर्षाई, 
इतनी सुहानी सुबहा है आई,,

अनुराग मिश्रा अनिल

माँ          माँ..जब तू मुस्काई थी।।
     *********************
मैं जब पहली बार था रोया,
तब तू मुस्काई थी,
असहाय से उस दर्द में भी तूने
शायद ख़ुशी की अनुभूति पाई थी।।
          मैं जब पहली बार था रोया, तब तू मुस्काई थी।।
तुझसे ये सारा संसार है,
तुझसे है रंग-ओ-आबशार है,
तुझसे बंधी है हर दिल की डोर,
तू ही तो जीने का आसार है।
        अब जब भी हंसा मैं, तब तू मुस्काई थी
परवरिश जो तूने की ,आँचल में छुपा कर
हर खुशियां दी मुझे, तूने अपने सुख भुला कर,
इतनी मोहब्बत नही कहीं देखी मैंने,
जो तूने किया है माँ, मेरी सारी गलतियां भुला कर।
जब भी मैंने की इतनी बदमाशियां,
        प्यार से समझाया, फिर तू मुस्काई थी।
      मैं जब पहली बार था रोया ,
      तब तू मुस्काई थी।। #happymothersday
#अनुरागमिश्राअनिल

Poonam bagadia "punit"

"लिए हृदय कवि सा इस जग में,मैं आई बाँध शब्दों में क्षण सभी मन ही मन मैं मुस्काई... तोड़ नभ के तारे सभी, शब्दो की चाशनी में चाँद की चाँदनी डूबाई... कभी प्रीतम की अठखेलियां कभी प्रेम में लिखी तन्हाई.... प्रेम, पीड़ा, सौंदर्य- दर्शन कभी स्वप्न तो कभी धरती - गगन..

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क्या लिखुँ माँ की शान में, माँ शब्द में ही सारी सृष्टि समाई....
मैं रचना खुद उसकी, उस पर क्या रचु कोई कविता, ये सोच कर मैं घबराई....
हे जननी.. हे माँ मेरी ...तेरे अथाह  ममता को, कलम कोई न शब्द आकार दे पाई....
एक माँ शब्द में ही सारी सृष्टि समाई....

©✍🏻Poonam Bagadia "Punit"
कृप्या पूरी पढ़े...👇🏻🙏🏻 "लिए हृदय कवि सा इस जग में,मैं आई
बाँध शब्दों में क्षण सभी मन ही मन मैं मुस्काई...

तोड़ नभ के तारे सभी, शब्दो की चाशनी में चाँद की चाँदनी डूबाई...

कभी प्रीतम की अठखेलियां कभी  प्रेम में लिखी तन्हाई....

प्रेम, पीड़ा, सौंदर्य- दर्शन कभी स्वप्न तो कभी धरती - गगन..


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