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Prakash Vidyarthi
White लगता हैं आजकल वो हमसे रूठ सी गई हैं। बिना किसी खता के कहीं टूट सी गई है।। करती नही सांकेतिक भाषा का इनदिनों प्रयोग मस्ती की अपनी महफिल में व्यस्त शान्त चुप हों गईं हैं। हैं बड़ी मतवाली अनुपम अनोखी दिलवाली पर पता नहीं क्यों उसकी पलके अब झुक सी गई हैं। लगता हैं..... करता हूं अक्सर उस कली मनचली की तारीफें। इसलिए शायद अब भाव खाने लगी है कहीं लुप्त हों गई है। लगता हैं...... दिया करती थीं उत्तर मेरे प्रश्नों के कभी पर प्रतीत होता हैं की सबकुछ भूल सी गई हैं! लगता हैं..... सोचता हूं क्या कुछ गलती हुईं हैं हमसे जो खुली किताबें देखकर भी मंजिले गुप्त हों गई हैं.! लगता हैं.... चुराने लगी है नज़रे अब पढ़ने की आदत लगाकर दूसरो को वाचाल बनाकर खुद मितभाषी सुसुप्त हों गईं हैं। लगता हैं..... ताकते रहते हैं उसको लाल लाल मेरे नैन मिले न चैन दिन क्या रैन यादें उसकी लुफ्त हो गईं हैं। लगता...... क्या करे क्या न करे समझ हमे कुछ आता नहीं। झंझावत संघर्ष पथ मे जीवन जैसे लूट गई हैं। लगता हैं........ हैं मनचला विश्वासी ये सारथी स्नेह सागर का तैराकी अबोध निश्छल बालक विद्यार्थी फिर क्यों वो रथ छूट गई हैं लगता हैं.... हैं कारण तो बताओं सही एकांत में मत इतराओ कहीं दिल की बात बतलाओ जरा क्या डर से खूब ऊब गई हैं! लगता है....... स्वरचित!-: प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #good_night_images #कविताएं #poetrieslovers #रचनाओं
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read morePuja Shaw
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद, आप हमेशा याद रहेंगे क्यूंकि श्री धनपत राय मुंशी प्रेमचंदजी, अक्सर सुना है लोगों से कि किसी की तकलीफ वही समझ सकता हैं जो खुद उससे गुजरा हो पर प्रेमचंदजी के रचनाओं को पढ़ने के बाद ऐसा लगा के मनुष्य का "संवेदनशील" होना उतना ही जरूरी है । उनकी कई रचनाओं में से एक उनकी लिखी हुई "निर्मला " को जब मैंने पढ़ा यकीन नहीं होता कोई पुरूष किसी स्त्री की व्यथा और उसकी मनःस्थिति का इतना सही वर्णन कैसे कर सकता हैं । ।।सचमुच उनका योगदान अविस्मरणीय हैं।। #MunshiPremchand #WOD #CTL #NojotoPost #NojotoChallenge #NojotoHindi
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read moreAnjali Parihar
"अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे।" - मुंशी प्रेमचंद प्रेमचंद जी ने सरकारी सेवा करते हुए कहानी लिखना आरम्भ किया, तब उन्होंने नवाब राय नाम अपनाया। बहुत से मित्र उन्हें जीवन-पर्यन्त नवाब के नाम से ही सम्बोधित करते रहे। जब सरकार ने उनका पहला कहानी-संग्रह, ‘सोजे वतन’ जब्त किया, तब उन्हें नवाब राय नाम छोड़ना पड़ा। बाद का उनका अधिकतर साहित्य प्रेमचंद के नाम से प्रकाशित हुआ। इसी काल में प्रेमचंद ने कथा-साहित्य बड़े मनोयोग से पढ़ना शुरू किया। एक तम्बाकू-विक्रेता की दुकान में उन्होंने कहानियों के अक्षय भण्डार, ‘तिलिस्मे होशरूबा’ का पाठ सुना। इस पौराणिक गा
प्रेमचंद जी ने सरकारी सेवा करते हुए कहानी लिखना आरम्भ किया, तब उन्होंने नवाब राय नाम अपनाया। बहुत से मित्र उन्हें जीवन-पर्यन्त नवाब के नाम से ही सम्बोधित करते रहे। जब सरकार ने उनका पहला कहानी-संग्रह, ‘सोजे वतन’ जब्त किया, तब उन्हें नवाब राय नाम छोड़ना पड़ा। बाद का उनका अधिकतर साहित्य प्रेमचंद के नाम से प्रकाशित हुआ। इसी काल में प्रेमचंद ने कथा-साहित्य बड़े मनोयोग से पढ़ना शुरू किया। एक तम्बाकू-विक्रेता की दुकान में उन्होंने कहानियों के अक्षय भण्डार, ‘तिलिस्मे होशरूबा’ का पाठ सुना। इस पौराणिक गा
read morePrakam Singh Rajpoot
कवयित्री का स्वयंवर था एक कवयित्री का स्वयंवर आये थे उसमें एक से बढ़कर एक धुरंधर नहीं थी कोई बंदिशें क्योंकि ये था कवयित्री का स्वयंवर आप तो जानते ही हैं रचनाकारों की नहीं होती कोई सीमायें उनके लिए तो सब कुछ होती है उनकी रचनाएँ उस स्वयंवर में आये थे वेदों के विद्वान और आये थे कुछ वीर महान फिर कया सब करने लगे अपना ज्ञान बखान आया था उसमें एक सामान्य सा दिखने वाला इंसान पर वो भी था एक अच्छा श्रोता इसलिए वो भी नहीं था किसी से कम महान। कवित्री ने कहा, आप क्यों बैठे हैं इतना चुप, सुनायेंगें नहीं अपना कुछ? तब वह श्रोता बोला, मैं हूँ एक अच्छा श्रोता, सुन रहा था ध्यान से सब, बोलने के लिए नहीं ज्यादा कुछ पहले प्रेमी हूँ आपकी रचनाओं का, आपकी कविताओं का, उसके बाद इन रचनाओं की बिन ब्याही माँ का। अब थी तो वह भी एक स्त्री ऊपर से एक कवयित्री फिर क्या उठायी उसने माला, बना लिया उसे वर और डाल दी वरमाला। कहा यूँ तो मिल जाते है, एक से बढ़कर एक सुनाने वाले, बहुत ही कम मिलते हैं ध्यान से सुनने वाले। ― प्रकाम सिंह राजपूत कवयित्री का स्वयंवर । Kavyitri Ka Swayamvar #nojotojabalpur #Kavyitri #Swayamvar #girldesire #desireofagirl #desireofapoetess #psrtruth #psr
कवयित्री का स्वयंवर । Kavyitri Ka Swayamvar #nojotojabalpur #Kavyitri #Swayamvar #girldesire #desireofagirl #desireofapoetess #psrtruth #psr
read morePanchdoot
कल से उपलब्ध होगा, आपकी अपनी मैगज़ीन का इस माह का यह अंक !! इस बार के अंक में 3 लेखक/ लेखिकाओं @deepajoshidhawan @rahulrahi_ और @akash_tiwari97 के आर्टिकल स्थाई कॉलम के तहत प्रकाशित हैं । इस श्रृंखला में @mushaaiir के साथ एक और साथी की रचना को स्थाई कॉलम के रूप में अगले अंक से प्रकाशित किया जाएगा । पञ्चदूत परिवार इन सभी कलमकारों को सलाम करता हैं । यह अंक कल से हमारी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं । अगर इस की हार्ड कॉपी आप के नजदीकी मैगज़ीन स्टॉल पर उपलब्ध नहीं है तो उस मैगज़ीन स्टोर का पता ईमे
कल से उपलब्ध होगा, आपकी अपनी मैगज़ीन का इस माह का यह अंक !! इस बार के अंक में 3 लेखक/ लेखिकाओं @deepajoshidhawan @rahulrahi_ और @akash_tiwari97 के आर्टिकल स्थाई कॉलम के तहत प्रकाशित हैं । इस श्रृंखला में @mushaaiir के साथ एक और साथी की रचना को स्थाई कॉलम के रूप में अगले अंक से प्रकाशित किया जाएगा । पञ्चदूत परिवार इन सभी कलमकारों को सलाम करता हैं । यह अंक कल से हमारी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं । अगर इस की हार्ड कॉपी आप के नजदीकी मैगज़ीन स्टॉल पर उपलब्ध नहीं है तो उस मैगज़ीन स्टोर का पता ईमे
read moreRavikant Raut
सृजन शादी तो हो जायेगी , पर उसके बाद हम उम्रभर लड़ते रहेंगे , हम दोनों ही अपनी-अपनी धुन के पक्के हैं इसलिये शायद ही कभी एक दूसरे को सहन कर पायेंगे साथ रहेंगे तो , ज़ाहिर है ऊबेंगे भी , एक दूसरे से तब हो सकता है तुम किसी और की तरफ और
सृजन शादी तो हो जायेगी , पर उसके बाद हम उम्रभर लड़ते रहेंगे , हम दोनों ही अपनी-अपनी धुन के पक्के हैं इसलिये शायद ही कभी एक दूसरे को सहन कर पायेंगे साथ रहेंगे तो , ज़ाहिर है ऊबेंगे भी , एक दूसरे से तब हो सकता है तुम किसी और की तरफ और
read moreVipendra Singh
वैसे तो शायद की आप सभी जानते ही होंगे पर फिर भी आप सभी को एक बार और बता देना चाहता हुँ, अन्य कार्यकर्मी सिर्फ आज का निर्माण करते हैं, पर एक कवि आज के साथ साथ कल और अनंत का निर्माण करता है, जिस प्रकार भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रेमचंद, तुलसीदास, कबीरदास आदि कवियों को गुजरे जमाने गुजर गए, पर वे आज भी प्रेरणा और याद के रूप में जिंदा हैं। आज भी लोग उनकी रची रचनाओं से प्रेरणा और ज्ञान लेते हैं। ठीक इसी प्रकार आप की रचनाएं भी दूसरों पर प्रभाव डालती हैं। अतः हो सके तो बेहतर रचनाओं का ही प्रयोग करें जिस से समाज अच्छी दिशा में बड़े। आप सभी आने वाला कल हैं, अभी से शुरुआत कीजिये, आपकी रचनाएँ किसी को जीवन दे सकती हैं, किसी की राह संभाल सकती हैं, भटके हुओं को राह पर ला सकती हैं, अंधेरों में उजाला कर सकती हैं। अपने अंदर के बेहतर इंसान और कवि लेखक को जगाइए और आओ मिलकर कुछ बेहतर करते हैं। आपका अपना विपेंद्र सिंह कुछ दिल से आप सभी से छोटी सी बात! #Nojotohindi #Vipendra #pyar #kalakaksh #TST #Nojotocomedy #Nojotosongs #Nojoto #truelove
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