Nojoto: Largest Storytelling Platform

विरह के इस मौसम में, तुम्हारी याद में, एक स्मृतियो

विरह के इस मौसम में,
तुम्हारी याद में,
एक स्मृतियों की खिड़की खोलूंगा,
जिसमे आती जाती रहोगी तुम,
आती रहोगी तुम हर बार,
विरह के इस मौसम में,
तुम्हारी यादों में,
कविता लिखता रहूंगा,
जिसमें जिक्र तुम्हारा होगा,
जब-जब यादों में आती रहोगी तुम,
विरह के इस मौसम में,
तुम्हारे साथ गुजारे लम्हो को,
यूँही सजाता रहूँगा,
अपने शब्दों में,
विरह के इस मौसम में..
विरह के इस मौसम में..

©शैलेन्द्र यादव
  #विरह का मौसम
#मेरी पत्नी
#वियोग