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simar bhulla rai
मुझे वी अपने जैसा बना लो ना पथल दिल अब हमारे रोने पर कोई तरह नी कर रहा सिमर लिखत सिमर
लिखत सिमर #शायरी
read moreDeath_Lover
"ग़ालिब" तेरे शहर में तो अब नज़्में भी वुज़ू होने लगीं है, आख़िर "हिमांश" लिखत में लिखे भी तो क्या लिखे॥ क्योंकि हमारी पढ़त तो ऐसी हुई है, जैसे गीता के श्लोक रहें हो॥ ©Himanshu Tomar #लिखत #वुज़ू #गीता #श्लोक #पढ़त #और_मैं #AWritersStory
Miss.. Unknown
पर नाही शयार थे कभी ओर नाही होपारहे है... बस चन शब्दोमे दिल क हाल बतलारह है... और शायरी लिखत-लिखते हम शायर होते जा रहे हैं! #yqbaba #yqdidi #love #shayari #poetry #poem #YourQuoteAndMine Collaborating with Aridam Anu
और शायरी लिखत-लिखते हम शायर होते जा रहे हैं! #yqbaba #yqdidi love shayari poetry #poem #YourQuoteAndMine Collaborating with Aridam Anu #ms
read morePoet Maddy
रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की, इतनी अच्छी नहीं होती लत मेरी जान मोहब्बत की........ गर किसी के नाराज़ होने से तुम्हें भी फर्क पड़ता है, बस यही तो होती है इस जहां मे पहचान मोहब्बत की...... ©Poet Maddy रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की, इतनी अच्छी नहीं होती लत मेरी जान मोहब्बत की........ #Write#Erase#Story#Love#Addiction#Dear#Sad#Re
रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की, इतनी अच्छी नहीं होती लत मेरी जान मोहब्बत की........ #write#erase#storyLove#addiction#Dear#SADRe #world #recognition
read moreJashan fatta
होंठों पर तेरा नाम अब नहीं आता, दिल में तेरी तस्वीर भी अब नज़र नहीं आती। दिल के करीब था तू कभी बिछड़ा हुआ सा रिश्ता हुआ अभी। आंखों में आसूं भी सूख गए सभी शण भर कि पयास बुझ गई अभी। लिखत: जसन सिंह ©Jashan fatta होंठों पर तेरा नाम अब नहीं आता, दिल में तेरी तस्वीर भी अब नज़र नहीं आती। दिल के करीब था तू कभी बिछड़ा हुआ सा रिश्ता हुआ अभी। आंखों में आसूं
होंठों पर तेरा नाम अब नहीं आता, दिल में तेरी तस्वीर भी अब नज़र नहीं आती। दिल के करीब था तू कभी बिछड़ा हुआ सा रिश्ता हुआ अभी। आंखों में आसूं
read moreNatural person
मैं बस लिखत हूँ क्योंकि जिन्दगी पे इतवार नहीं करता । बहुत मैल है मेरे दिल में इसलिए लिख देता हूँ सब कुछ दिल को भारी भारी नहींं रखता । •°~राधे राधे~°• ,,,,,,,,अक्षय कुमार शास्त्री मैं बस लिखत हूँ क्योंकि जिन्दगी पे इतवार नहीं करता हूं। बहुत मैल है मेरे दिल में इसलिए लिख देता हूँ सब कुछ दिल को भारी भारी नहींं रखता
vinay vishwasi
सगरो गम भुल जानी। तुहि तऽ हउ सुनऽ, हमरी दिल के रानी। जब लगे रहेलू तू तऽ, भूल जानी खाना-पानी। YourQuote Babuaa की ओर से अपने लोगिन के शुभ रातरी। हमनी के नइखे मालूम की हमनी के रचना केहू दूसरा पे कवने रूप में असर करेला। पर ई खुद अपना ऊप
YourQuote Babuaa की ओर से अपने लोगिन के शुभ रातरी। हमनी के नइखे मालूम की हमनी के रचना केहू दूसरा पे कवने रूप में असर करेला। पर ई खुद अपना ऊप #Collab #YourQuoteAndMine #yqbabuaa #आपनभोजपुरी #तोहरासाथरहलासे
read moreJashan fatta
गुजर गई है सुबह आ गई है रात, जो आया नहीं वो है तेरा एहसास, रहता है तू मेरे पास, लेकिन है फिर भी मुझसे दूर।। तेरे ख्यालों मैं जिंदा हूं मैं, लेकिन तुझ से हूं बहुत दूर।। कोशिश करते तो मिल जाते, पर क्या है कसूर दिल का, कुछ नहीं कर सकते, ये तो बेगाना है हुजूर लिखत: जसन सिंह ©Jashan fatta गुजर गई है सुबह आ गई है रात, जो आया नहीं वो है तेरा एहसास, रहता है तू मेरे पास, लेकिन है फिर भी मुझसे दूर।। तेरे ख्यालों मैं जिंदा हूं म
गुजर गई है सुबह आ गई है रात, जो आया नहीं वो है तेरा एहसास, रहता है तू मेरे पास, लेकिन है फिर भी मुझसे दूर।। तेरे ख्यालों मैं जिंदा हूं म
read moreAshutosh Mishra
--बिटिया-- कभी हंसाती कभी हंसाती,बन बेटी आंगन महकाती। मां का गौरव पिता की शान,फिर बेटी है क्यों पराया धन। किस अमिट स्याही से लिखा दी,लिखने वाले ने तकदीर,,,,, दो-दो घर होते हुए भी, बेटी बनी फकीर,,,,,,,,। हो जाए गर गलती बेटी से ससुराल में, गुस्से से कहती सासू मां,,,, क्या यही सिखाकर भेजा है मां-बाप ने, बुलाओ इसके बाप को ले जाएं इसे यहां से। है कैसी ये विडंबना और कैसा ये अत्याचार, क्या बेटे की गलती पर देते हैं घर से निकाला। जो कहते हैं बेटी बहू में अंतर कया,,,,क्या है उनका जवाब। कुछ दिन मायके में बीता,सारा जीवन ससुराल को दिया, ना मायका स्थाई घर रहा ना ससुराल दिल से अपना हुआ। जीवन संघर्षों से भरा हुआ, मिला ना सका पूर्ण नहीं सम्मान, अपना सब कुछ देकर भी, मिल ना सका सपनों का संसार। आंखों में थे अश्रु जब विदा मायके से हो आई, तब से छुपा पलकों में,सबकी ख़ुशी के लिए मुस्कुराई। कभी-कभी एकांत में कुछ बोझ पलकों के हल्के कर लेती है। मायके वाले कुछ ना कहें ससुराल को चुपचाप सब सह लेती है। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #बिटिया कभी हंसाती कभी हंसती, बन बेटी आंगन महकती। मां का गौरव पिता की शान, क्यों है बेटी पराया धन। कि अमिट स्याही से लिखत दी, लिखने वाले ने
#बिटिया कभी हंसाती कभी हंसती, बन बेटी आंगन महकती। मां का गौरव पिता की शान, क्यों है बेटी पराया धन। कि अमिट स्याही से लिखत दी, लिखने वाले ने #nojotopoetry #nojotothoughts #NojotoTrending
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