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पूर्वार्थ
मानता हूं उसके तपस इतनी है ओरे की उसके जायज है उसके चाहने वालो की तादात का होना ©purvarth #औरा
HARSHIT369
मै और मेरी परछाई अक्सर ये बाते करते है हम लोग दो नही,हम एक है एक जान एक पहचान दो दिखने वाले पर एक इन्सान.. क्या मुझमे बुरा क्या तुझमे अच्छा तू ही तो है मुझसे बात करने वाला मेरी तेरी तन्हाई, मै और मेरी परछाई..!! ©Shreehari Adhikari369 #मै औरा मेरी परछाई
HARSHIT369
दर्द...जितना मनुस्य को होता है, उतना हि जीवो को भी होता है वो लोग भी कराहते है,चिल्लाते है, उन्हे भी प्यारा चाहिये आपसे दुत्तकार नही फिर क्यू हम इन्हे प्यार से नही देखते, बकरे,मुर्गि मुर्गे,खरगोश, अन्य जीव कि बली देते है, जीवो से प्यार करो,इनकी भावनाओ कि कद्र करो ये भी अपना कर्तव्य निभाते है,तो क्यू ना हम भी निभाये आओ प्यार करे..इन जीवो से ©Shreehari Adhikari369 #दर्द...जीवो का #सीखना औरा सीखाना
Sukirti Bhatnagar
चांदनी लेखिका: सुकीर्ति भटनागर स्वर: चंद्रशेखर भटनागर प्रकाशन जानकारी: "चेतना के स्वर", प.६३ #hindipoetry #Hindi #Moonshine #Moon hindiwri #writing #writers #hindiwriters
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लेखिका: सुकीर्ति भटनागर स्वर: चंद्रशेखर भटनागर प्रकाशन जानकारी: "अनुगूंज", अयन प्रकाशन, नई दिल्ली, 2010, प. 130-131 #Hindi #hindipoetry wi #Poetry #Winter #poem #writing #writers #hindiwriters
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मैं और मेरा प्रियतम दूर कहीं अम्बर के नीचे, गहरा बिखरा झुटपुट हो। वहीं सलोनी नदिया-झरना झिलमिल जल का सम्पुट हो। नीरव का स्पंदन हो केवल
Sumit Pandey
एक रोज़ का इंतज़ार है, खुशी के नगमे मैं लिखूं । गम गर साथ भी हो, खुशी से उसे पार करूँ । मुस्कुराहट का मुखोटा उतार, दिल से मैं हँस सकूँ । गम भी मुँह अपना छुपा ले, ऐसा औरा मैं रखूं । किसी के लिए खास बनूं, खास हूं ऐसी झूठी आस न रहे । साथ रहने की कसम न हो, जीवन भर पर साथ रहे । आने वाले जाते रहें, पर इस जहां में अपना नाम रहे । मैं रहूँ या ना रहूँ, मेरे कर्मो का गुणगान रहे । एक रोज़ का इंतज़ार है, खुशी के गीत में रंग जाऊं । दुनिया छोड़ू उससे पहले, प्रेम प्रसंग मैं गाउँ ओर मुस्कुराऊँ । हस्ते चेहरे से आखिरी अलविदा कह जाऊँ ।। एक रोज़ का इंतज़ार है, खुशी के नगमे मैं लिखूं । गम गर साथ भी हो, खुशी से उसे पार करूँ । मुस्कुराहट का मुखोटा उतार, दिल से मैं हँस सकूँ । गम भ
Harshita Dawar
दांगी ना हूं पर बागी नहीं हूं मां हूं पर भरपाई नहीं हुं कसूरवार कैसे पर रुसवाई नहीं हुं उम्मीद ख़ुद पर मुहताज़ी नहीं हूं हकदार हूं पर हिरासत नहीं हूं इंसानियत हूं पर गुरूर नही हूं नज़र ऊंची पर सवाल नही हूं सर झुका पर गिरावट नहीं हूं क़िरदार मेरे कई स्वाभिमानी भी हूं हैरत से ना देखो नज़रो से गिरे तुम भी यहीं हो देर नही लगती इंसानियत की इज़्ज़त गिरने में कर्मं मेरे खुद के शर्मसार मैं नहीं हूं मां हूं पर ख़ुदग़र्ज़ नही हुं औरा मेरा नेक इंसान पहले हूं ©️। जज़्बात ए हर्षिता #respect #women #life #zindagi. #yqbaba #yqdidi दांगी ना हूं पर बागी नहीं हूं मां हूं पर भरपाई नहीं हुं कसूरवार कैसे पर रुसवाई नहीं हुं उम
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
Heart मेरे मन कि उल्झने मुझे से पुछना चाहती है मै कहा हु? जो मिला वह चाहिए नहीं क्या चाहिए यह पता नहीं जो चाहा वह किया नहीं जो किया वह चाहा नहीं काश औरा आस में उलझा रहा जीवन सब कर रहे हैं इंतजार पर इंतजार किसका यह पता नहीं हर कोई असमंजस में जी रहा है सुलझा हुआ सा समझते तो है मुझे जबकि उलझा हुआ सा कोई मुझमे है भीड़ बनना चाहता नहीं कोई फिर भी भीड़ में ही सुकून पा रहा है कोई नौका में है कोई भंवर में है कोई सरिता में है कोई लहर में है सब फंसे हैं मझधार में किनारा किसी को मिलता नहीं मैं पाप में हूं या पुण्य में हूंँ मैं अनंत में हूं या शून्य में हूंँ कोई मुझे यह बतला दे मैं किस धरातल पर हूंँ अंतस है तम से बोझिल जीवन में है आपा धापी एकाकार हैं शून्य से तब मानो सृष्टि ने एक राह सुझाई है कविता अंकुर ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) मेरे मन कि उल्झने मुझे से पुछना चाहती है मै कहा हु? जो मिला वह चाहिए नहीं क्या चाहिए यह पता नहीं जो चाहा वह किया नहीं जो किया वह चाहा
मेरे मन कि उल्झने मुझे से पुछना चाहती है मै कहा हु? जो मिला वह चाहिए नहीं क्या चाहिए यह पता नहीं जो चाहा वह किया नहीं जो किया वह चाहा #Life_experience #Heart_tolk
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