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ANIL BARMAN
विचार क्या सच में हमें ऐसे संगठनों की आवश्यकता है?? जो हमें जाति , वर्गो ,और धर्मो, में विभाजित करते है ©ANIL BARMAN #विभाजन
स्वप्निल राऊत
क्या यह वही रास्ता है, जहा घमंड हर चोहराये पर पाया जाता था ,वह आज दीवारों के भितार कैद हो चुका है और चौराहो पे पाये जाणे वाला वो मजबूर चहरा आज खुले आसमा के तले घूम रहा हैं.... आज महामारीने ही सही घमंड को उसकी दयारो का अहसास कराया है और उन बेसहारा परिंदो को खुदा ने अपना फरिस्तो की तरहा संभाला है.. कटू सत्य त्या समाजातील घटकांच...
कटू सत्य त्या समाजातील घटकांच... #Life_experience
read moreMukesh Meet
समझलो अब कदाचित हो गया हूं। देख लो मैं विभाजित हो गया हूं।। ©Mukesh Meet #विभाजन#बिखराव
Deepanjali Patel (DAMS)
कि ये पसीने की बूँदें मेरी थकान या टूटे, हारे हुए मेरे मनोबल को नहीं बता रही है। बल्कि, ये मेरे जज्बे और परिश्रम को साबित करने, इन मोती रूप में माथे पर निखर आई है।। ©dpDAMS #श्रम
Kavita jayesh Panot
श्रम जाग जा ए मानव अपनी शक्ति को पहचान, आलस्य और बुराइयों को त्याग, कर तु अपने जीवन का नवनिर्माण। श्रम कर तु मानव, अपनी शक्ति को पहचान, श्रम से ही संभव है दुनिया के सारे काम। श्रम ही है तेरी हर समस्या का समाधान, श्रम से ही मिलती मंजिल, श्रम से ही शांति, श्रम के बिना दुनिया मे , तिनका भी पाना मुश्किल। श्रम नही करेगा तो बोझ दिल का बढ़ जायेगा, कामनाएं बढ़ जाएगा , तु दीन दुःखी हो जाएगा, श्रम के बिना जीवन मे तु, कुछ नही पायेगा। श्रम से ही किसानों ने अन्न उपजाया, श्रम से ही राम ने सीता को पाया। श्रम से ही पाई हमने आजादी, श्रम से ही काबिल जिंदगी। श्रम से ही मिलती जीवन की हर खुशी। श्रम ही हमारा भगवान है, श्रम के बिना ना सम्भव कोई काम है, श्रम से ही जीवन का निर्माण है। श्रम कर तु मानव अपनी शक्ति को पहचान, आलस्य और बुराईयों को त्याग, कर तु अपने जीवन का नवनिर्माण।। #श्रम
HP
बहुत दिनों तक इस हाथो ने तुझे फूल दिया है चल इश्क के समन्दर में डूब कर पानी की गहराई मापते हैं चुप हो जाओ श्रम आ रही है मुझे...! श्रम
श्रम
read moreSatish Giri
श्रम,,,,, जागो उठो लगो काम पर,,तब आगे बढ पाओंगे,,,,तब क्या पाओंगे जीवन मे,, जो सोते रह जाओंगे,,,,,,समय यही है,, समय वही है ना बदला कुछ आयाम से,,,, कर ले श्रम का काम रे बंदे,,, दिन कट जाये आराम से,,,,, ना करनी पडे गुलामी,,ना भीक किसीसे मांगे हम,, सब मीलकर कुछ करेंगे ऐसा,, श्रम मशाल जलाए हम,,,,श्रम से सारे बन जाऐंगे,,, बीगडे हुए काम रे,,,, रे मन कैसे समझाउ,,, तेरा कर्म है कितना महान रे,,,,,, ,, श्रम
श्रम
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