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Ashok Mangal

विधानसभा चुनाव पीसीएमसी 2024

पानी के महंगे टैंकर रोज़ रोज़ !
बन रहे घर बजट पे बड़ा बोझ !!

अनसुलझी समस्या 'ए' रेड ज़ोन !
नदियां प्रदुषित साफ़ करे कौन !!

नशेड़ी तरुणाई हर मोहल्ले में !
सकुचात ना जान तक ले लेने में !!

बढ़ते अपराधों के आंकड़े डरा रहे !
चुनाव में इनपे कोई न बतिया रहे !!

पदपथ अतिक्रमित हफ्तों के हवाले !
सड़कों पर चलने को मजबूर शहर वाले !!

पार्किंग की जगह ही उपलब्ध नहीं !
गाड़ी सिवा कोई काम सम्भव नहीं !!

रहवासी सड़कों पर गाड़ियां खड़ी है !
मानों सड़कें पार्किग के लिए ही बनी है !!

यातायात जाम आये दिन होता है !
ट्रैफिक वाला वसूली कर नींद में सोता है !!

हर चौक टपरियों से भरे पड़े हैं !
इसीलिये ट्रैफिक जाम हो रहे हैं !!

सूची बड़ी है पर पाठक ज्यादा न पढ़ना चाहेंगे !
इसलिये हम सूची को कल आगे बढ़ायेंगे !!

©Ashok Mangal #AaveshVaani #JanMannKiBaat

Ashok Mangal

चुनाव 2024

चुनाव जारी है, जुए के विज्ञापन भी जेब पर भारी है !
ये जीते या वो जीते, जुआ लत से दुर्गति रहनी जारी है !!

नशे के कारोबार में भी नेताओं की मिलीभगत है !
लड़कियां गुम हो ही रही है, ये शर्मनाक हक़ीक़त है !!

रोज़गार का रोडमैप चर्चा में ही नहीं लाया जा रहा !
युवाओं को अपराध ही रोज़गार मुहैया कराया जा रहा !!

महिलाओं को दो तीन हजार बाँटने की घोषणाएं है !
अपार कर्ज़ में डूबी सरकारों के लिये ये निंदनीय है !!

किसान को एमएसपी के कानून पर सबकी चुप्पी है !
सही दाम मिले उपज का तो कर्ज़ ज़रूरत ही नहीं है !!

किसान अन्नदाता है हमपे उपकार कर पोषण करता है !
अफ़सोस नेता बिचौलियों से मिल उसका शोषण करता है !!

मिलावटी खाद्यान्नों की भरमार है बाजारों में !
गंभीर बीमारियां बढ़ रही जमापूंजी स्वाहा अस्पतालों में !!

स्कूल बंद किये जा रहे, शराब की दुकाने खोली जा रही !
देश के दर्दनाक हालतों से आज़ादी आहत होती जा रही !!

नेताओं से अनुरोध है इन मुद्दों का ले भाषणों में संज्ञान !
अन्यथा स्पष्ट है, आप में जन की फ़िक्र ही नहीं विधमान !!

- आवेश हिंदुस्तानी 8.11.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani #JanMannKiBaat

Ashok Mangal

जिंदगियों में ज़हर घोल रहा हैं आज का ज़माना !
शान में शुमार कैंसर कारक प्रवृतियां अपनाना !!

प्लास्टिक की जल बोतलें हो या काग़ज़ के कप !
इनका अधिकाधिक उपयोग कर रहें हैं हम सब !!

आटे-चावल सहित जानें कहां कहां घुसा प्लास्टिक !
बीमारियां आमंत्रित करता और निसर्ग करता दूषित !!

राजनेताओं ने इन दशकों में शर्म लाज बेच खाई है !
बोली लगाके आबरू लीज पे देने की ख़बर आई है !!

खुलेआम बलात्कारियों के सत्कार के इनके कुसंस्कार !
तीन से अस्सी साल तक की उम्र पे हो रहे हैं बलात्कार !!

बाबाओं के रूप में अपराधियों की बढ़ रही तादाद !
सामदाम दण्ड़ भेद से भोलेभालों को करते बरबाद !!

पढ़ाई मंहगी इतनी कि बूते से होने लगी बाहर !
पढ़ लिख लें तो भी न मिलता ढ़ंग का रोज़गार !!

युवाओं को जुए नशे परोसे जा रहे प्रचार प्रसार कर !
चंगुल में फंस युवा बोझ बनते जा रहे घर संसार पर !!

अंधविश्वास स्वार्थ कुसंस्कार कूट कूट के भरे जा रहे !
समय पे पाणिग्रहण के समाचार कभी कभार आ रहे !!

युवाओं की न संतान में रुचि       न माँ बाप सेवा का मन !
शैतानियों भरे जीवन गुजारने        के दौर से गुज़र रहे हम !!

हे राम, हे कृष्ण...  स्वप्न में भी    नहीं दिखता जनहित जश्न...

- आवेश हिंदुस्तानी 28.10.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

जब तक रहेगी, जन जन में, जनहित प्रति बेरुखी !
नेता मौज मनाते रहेंगे, जनता रहेगी दुखी की दुखी !!

लाखों बच्चों को चुराया जा रहा, अस्मत लूटी जा रही !
न बच्चें खोज रहे, न दुष्कर्मियों को फाँसी दी जा रही !!

कमाया तो देना आयकर, खर्च किया तो देना जीएसटी !
फुटपाथ चलने को नहीं मिलती, हफ्तों पे है अतिक्रमित !!

निजी स्कूलों में लूट है, चिकित्सा में भी लूट की छूट !
मेडिकल शिक्षा के लिये तो करोड़ों तक लिये जाते लूट !!

खबरों में राजनीति चलती, जनप्रश्नों का ज़िक्र नहीं !
ऐसा हो रहा क्यूंकि, जन को भी इनकी फ़िक्र नहीं !!

क्लिष्ट 'कर' कानून और आये दिन के बदलाव !
सरकार चाहती ही नहीं कम हो इनका तनाव !!

न्याय-पुलिस तंत्र में कई ज़रूरी सुधारों पर अमल नहीं !
बग़ैर इन सुधारों के, इनसे उम्मीदें प्रतिफल नहीं !!

घरानों की उँगलियों पे थिरक, इतर रही राजनीति !
बाजारू पत्रकारिता इनके अंगने थिरकने मचलती !!

यू ट्यूब भी लालच तहत वीडियो लंबा करते जाते !
ख़ालिस झूठे शीर्षकों से गुमराही से बाज न आते !!

जनता जागे बिना ये हालत नहीं बदलेंगे !
दिन ब दिन ये हालत बद से बदतर बनेंगे !!

आवेश हिंदुस्तानी 13.10.2024

©Ashok Mangal #GoodMorning 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

White  इस दशहरे की यही है शुभेच्छा,
घर का खाना सबसे अच्छा !
बाहरी खाने से स्वास्थ्य बिगड़ता,
ज्यादा आने-जाने में तनाव बढ़ता !!

प्लास्टिक से बनाओ यथा सम्भव दूरी,
उपयोग कर जब हो निहायत जरूरी !
घर के बर्तनों में लाओ नमकीन मिठाई,
यहां प्लास्टिक नहीं अपनी मजबूरी !!

कैंसर के पसरते पांव घर घर में देखते,
फिर भी कैंसर से दूरी बनाना क्यूं न सीखते !
जब कैंसर का नाग डस लेता किसी को,
सारी पूंजी लगा भी अंतत: रह जात चीखते !!

शुभेच्छा लेने देने की रीत है,
पर जिसको आपसे असली प्रीत है !
वो झूठी शुभेच्छा देके खानापूर्ति नहीं करेगा,
उसकी नजर में सेहत सुधार ही सुगम संगीत है !!

- आवेश हिंदुस्तानी 12.10.2024

©Ashok Mangal #Dussehra 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

ना जनता सुधरती है ना नेता सुधरते हैं,
इसीलिये आज़ादी में गुलामी से दिन दिखते हैं !
जनता वोट बेच के राजी है नेता वोट खरीद के,
यानि दोनों मिलकर आज़ादी की अस्मत से खेलते है !!

जान निछावर कर गये जो, मुल्क आज़ाद कराने को,
सोच रहे होंगे, दी कुर्बानियां, क्या आज़ादी बेच खाने को ?
हम निर्लज्जता ओढ़ बिछा फिरंगियों के चंगुल में हैं,
बेहूदा पोशाक, दिन रात मोबाइल, सब है हमें बरगलाने को !!

फार्मा ने अपना जाल बिछा हमारे घरेलू इलाज से दूर किया,
कई गुना मुनाफ़े वाली दवाइयों के सेवन को मजबूर किया !
कैंसर जैसे रोग घर घर में पहुंचाने बिछाया प्लास्टिक का जाल,
हज़ारों के इंजेक्शन का दाम करोड़ों में वसूल किया !!

शेयर बाजार हो या हो हमारी फ़िल्में,
पाश्चात्य अनुकरण से कोई अछूता नहीं इनमें !
युवाओं की नैतिकता पर भी दिन रात प्रहार,
आज़ादी के प्रहरी बनने कोई तैयार नहीं इनमें !!

नेता लूटे, शिक्षा लूटे, लूटे धर्मगुरु और अस्पताल,
घर घर के बजट का बिगड़ता जा रहा सुर ताल !
अदालतों को भी किया आम पहुँच से बाहर,
अपराधियों की है नेताओं संग कदमताल !!

हे राम...

- आवेश हिंदुस्तानी 6.10.2024

©Ashok Mangal #navratri 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

लगातार बढ़ रहे हैं देशभर में बलात्कार !
पांच से पचासी साल तक हो रहे इसके शिकार !!

संसार से बिदा हो गये सारे संस्कार !
पाश्चात्य अनुकरण से उजड़ रहे घर परिवार !!

हर बुरी आदतों में देश को धकेला जा रहा !
जुए के विज्ञापनों में हर नामचीन नजर आ रहा !!

दारू गुटका छोड़, ड्रग्स प्रचलन पांव पसार रहा !
सीधे जुए से बचे हुओं को क्रिकेट सट्टे में लाया जा रहा !!

एटीएम लूटे जा रहे, वाहन तोड़े जा रहे !
बेरोजगारी के परिणाम उभर के आ रहे !!

खून कच्ची उमर वालों से करा रहे !
तरुणाई के सहारे 3 साल जुवेनाइल में गुजरवा रहे !!

छुड़ाने के बाद अपराध जगत में पैर जमा रहे !
काले कारनामों से जल्द से सफ़ेद पोश नेता बन जा रहे !! 

इसी चक्रव्यूह में फंस आज़ादी कसमसा रही !
जनता गुलामी से बदतर जीवन को मजबूर नजर आ रही !!

युवाओं से उम्मीदों पर मोबाइल पानी फ़ेर रहा !
सड़कों पर भी युवा मोबाइल ही देख रहा !!

आगे पीछे देखने भर को नहीं राजी !
रूह तक लहू-लुहान बलिदानी जिन्होंने अनमोल जान लगादी !!

आवेश हिंदुस्तानी 29.09.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani #JanMannKiBaat

Ashok Mangal

सासुओं ने बहुओं पे सालों साल ज़ुल्म ढ़ाया,
सास ने ख़ुद सहे जुल्मों के बदले बहू को सताया !
अशिक्षित को गुलाम व अर्द्धशिक्षित को नौकरानी,
कामकाजी पे भी बचे समय में घर काम का बोझा ढ़ाया !!

परिणामस्वरूप बहुओं ने बाज़ी पलट दी अब,
उच्चशिक्षा ग्रहण करने की कोशिशें कर रही सब !
पुरुषों से आगे निकलने की लगी है होड़,
जड़ मूल से मिटा रही जुल्मों सितम का सबब !!

जिन सासुओं परिस्थितियों से किया नहीं समझौता,
पुत्र का तलाक़ हुआ या खुद हुई वृद्धाश्रम को बिदा !
शादियाँ भी खानापूर्ति बन कर रह गई,
युवतियां शादी के नाम से ही होती घरवालों से ख़फ़ा !!

शादी सभ्य स्वस्थ सुदृढ़ समाज की है नींव,
शादी से ही सम्भव है धरती पर इंसानी जीव !
लालन-पालन से संस्कारों का संचार होता,
आज का विकृत समाज इस मुद्दे पे नहीं संजीद !!

समाज़ के सभ्य संपन्न निस्वार्थी वर्ग ने एकजुट होना है,
इस परिस्थिति से बाहर निकलने का पर्याय खोजना है !
तभी सिर्फ़ तभी हमें संस्कारी समाज के दर्शन सम्भव, 
जब तक न सुधरे परिस्थितियां, चैन से नहीं बैठना है !!

- आवेश हिंदुस्तानी 29.09.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

White नदियों में गंदे नाले छोड़कर कर रहे प्रदुषित !
सफाई के नाम, जनकोष उड़ाने में सारा ध्यान है लक्षित !!

सड़क सतह लगातार बढ़ा, घरों दुकानों में मैला पानी घुसा रहे !
सड़कों की गुणवत्ता कमजोर रख, खड्ड़े बढ़ाते जा रहे !!

घूसखोरी और राजनीति से अवैध निर्माण बढ़ा रहे !
जब फिर लगी भूख, तो कानून आड़ ले फिर से धन उगाह रहे !! 

नेताओं में अक्ल और जनहित नीयत की है कमी !
जो भी अक्ल है उसमें उगाही की सोच ही सर्वोपरी !!

अधिकारियों में अक्ल की नहीं है कमी !
बदली हो जाने के डर से उन्हें करनी पड़ती इनकी गुलामी !!

परिणामत: जनकोष जनहित बजाय स्वहित में हो रहा स्वाहा !
नेताओं की बिनबात पत्तलकारों द्वारा जारी रहती वाह वाह !!

- आवेश हिंदुस्तानी  27.09.2024

©Ashok Mangal #Hope 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

White  कारों पर कार कंपनी से कई गुना ज्यादा सरकार कमाती है !
इसीलिए फुटपाथों पे धड़ल्ले से कारें पार्क की जाती हैं !! 

फुटपाथों पे टपरियां छुटभैये नेताओं की मौज कराती है !
जनता को सुरक्षित चल सकने की जगह ही न मिल पाती है !!

देश की युवा पीढ़ी जुए सट्टे नशे पत्ते में धकेली जा रही !
धन जुटाने के लिये अपराध की ओर बढ़ती नजर आ रही !!

नेताओं से साठगांठ इनके हौ हौंसले चौगुने बढ़ा रही है !
संस्कारी सुशिक्षित युवाओं को बेरोजगारी सता रही है !!

क्रिकेट और मोबाइल की लत समय खा रही है !
अनचाहे फोनों की आफ़त कार्य समय पे जुल्म ढ़ा रही है !!

सरकारों को जनहित से सरोकार नहीं !
पत्रकार भी अब जनहित के पैरोकार नहीं !!

महंगी न्यायपालिका आम बूते से बाहर है !
न्याय प्रक्रिया अब सजे बाजार सा कारोबार है !!

समय पर चुनावों का न करा पाना शर्मनाक है !
आज़ादी नाम की, गुलामी से बदतर हालात है !!

बुद्धिजीवियों को सलाखों में डाल डरा रक्खा है !
आज़ादी में अग्रजों ने अंग्रेजों से ज्यादा उधम मचा रक्खा है !!

एकजुटता से खड़ी हो पाये गर सारी युवा पीढ़ी !
तभी सम्भव है चढ़ पाना आज़ादी की मंजिल की सीढ़ी !!

-आवेश हिंदुस्तानी 24.09.2024

©Ashok Mangal #sad_quotes 
#AaveshVaani 
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