Nojoto: Largest Storytelling Platform

New रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या है Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या है.

Stories related to रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या है

    LatestPopularVideo

Shubham Kumar Singh

# क्या ख़ाक व्यवस्था पूरी है??

read more
हाथ में झोला,सिर पे बोरी,पैदल घर जाने की कैसी ये मज़बूरी है?
कुछ ने रास्ते में ही लेली अंतिम सांस ,कुछ के लिए लंबी ये दूरी है।
रोते बिलखते चेहरे सरक पर हुकूमत से हैं सवाल पूछते, कि क्या ख़ाक व्यवस्था पूरी है?
हर प्रश्न का मिलता एक ही उत्तर, lockdown जरूरी है।
@ singh shubham... # क्या ख़ाक व्यवस्था पूरी है??

Ravendra

बादल विद्युत व्यवस्था है साहब #वीडियो

read more

shubh Mohan suman

हिन्दू समाज की सबसे अव्यवस्थित व्यवस्था "वर्ण व्यवस्था" है. -शुभ मोहन सुमन.

read more
हिन्दू समाज की सबसे 
अव्यवस्थित व्यवस्था
"वर्ण व्यवस्था" है.

©shubh Mohan suman हिन्दू समाज की सबसे 
अव्यवस्थित व्यवस्था
"वर्ण व्यवस्था" है.

-शुभ मोहन सुमन.

सतीश तिवारी 'सरस'

Brajesh Kumar Bebak

शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल कर दिया लोगों ने #विचार

read more

Author Harsh Ranjan

व्यवस्था

read more
दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

Author Harsh Ranjan

व्यवस्था

read more
दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

somnath gawade

प्रचलित व्यवस्थेविषयी
'व्यवस्थित' बोलले नाहीतर
 'व्यवस्था' आपल्याला
व्यवस्थित जागी पोहचविते.
      🤣😂 #व्यवस्था

Praveen Jain "पल्लव"

#election_2024 चुनावी व्यवस्था खतरे में है #nojotohindi #कविता

read more

Pawan

जनता करने वाली है अब नई व्यवस्था #कविता

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile