Find the Latest Status about स्वदेशे विद्वान पूज्यते। * from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, स्वदेशे विद्वान पूज्यते। *.
Pradyumn awsthi
स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान सर्वत्र पूज्यते। ©"pradyuman awasthi" #विद्वान
Nitya pandit
जो विद्वान होते है वो हितैषी नही होते जो हितैषी होते है वो विद्वान नही होते है ये उसी प्रकार दुर्लभ है जिस प्रकार औषधि गुणकारी भी हो और स्वादिष्ट भी । ©Nitya Mishra #विद्वान
Abhishek Mishra
अपने अपने शास्त्रों के ज्ञान में मर्मज्ञ है, ये दोनों, एक शंकराचार्य तो एक मंडन मिश्र बने है, ये दोनों। इन दोनों विद्वानों में शास्त्र के प्रश्नों का वार छिड़ा है, इन नन्हें रुद्र तिवारी और अज्ञात में शास्त्रार्थ छिड़ा है।। "अभिषेक मिश्र" दो विद्वान
दो विद्वान
read moreडॉ जेपीएस चौहान
स्वतन्त्रता और गणतंत्र दिवस पर कैदी भी लड्डू पाते हैं, बमुश्किल जो मिलते थे ,इसके, मानदेय कट जाते हैं। भूखे पेट जो गाता है मेरा भारत देश महान, पूछो कौन है वो इंसान?महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान। अतिथि विद्वान
अतिथि विद्वान
read moreडॉ जेपीएस चौहान
जो तन मन से हिंदुस्तान का है क्या हिंदुस्तान न उसका है ? जो संविधान की शिक्षा देता वह संविधान न उसका है? समान काम समान वेतन का जिस पर लागू नहीं विधान पूछो कौन है वह इंसान ?????? महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान अतिथि विद्वान
अतिथि विद्वान
read moreडॉ जेपीएस चौहान
साहब ने कहा ' अतिथि विद्वान बोझ के रूप में मुझे पिछली सरकार से मिले थे ' भगवान न करे, सबसे बड़ा बोझ तो होता है 'कमल' के कंधे पर 'नकुल' की लाश विश्वास न हो तो काव्यांश के अतिथि विद्वान पिता राजकुमार से पूछ लो,जिन्हें आपने इतना बड़ा बोझ उठाने पर मजबूर कर दिया 😢कफन जितना छोटा होता है जनाज़ा उतना ही भारी होता है😢 अतिथि विद्वान
अतिथि विद्वान
read morePradyumn awsthi
स्वच्छता पर बोलने के लिए उन्होंने अपने मुंह से गुटका थूका और मंच पर चढ़ गए ©Pradyumn awsthi #विद्वान नेता जी
S K Sachin उर्फ sachit
पत्थर से पत्थर टकराया आग निकला तलवार से तलवार टकराया आग निकला ! विद्वान से विद्वान नहीं , मुर्ख टकराया बेचारा विद्वान टकराया नहीं भाग निकला !! ©S K Sachin #विद्वान #मुर्ख #fourlinepoetry
#विद्वान #मुर्ख #fourlinepoetry #शायरी
read moreवेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। यजा॑ नो मि॒त्रावरु॑णा॒ यजा॑ दे॒वाँ२ऽऋ॒तं बृ॒हत्। अग्ने॒ यक्षि॒ स्वं दम॑म् ॥ पद पाठ यज॑। नः॒। मि॒त्रावरु॑णा। यज॑। दे॒वान्। ऋ॒तम्। बृ॒हत् ॥ अग्ने॑। यक्षि॑। स्वम्। दम॑म् ॥ हे (अग्ने) विद्वन् ! आप (नः) हमारे (मित्रावरुणा) मित्र और श्रेष्ठ जनों तथा (देवान्) विद्वानों का (यज) सत्कार कीजिये, (बृहत्) बड़े (ऋतम्) सत्य का (यज) उपदेश कीजिये, जिससे (स्वम्) अपने (दमम्) घर को (यक्षि) संगत कीजिये ॥ Hey (fire) You (nah) welcome our (friend-loving) friends and (Yadav) friends of the best and the (Devan) scholars, preach the (Yaja) of the (great) great (Ritam) truth, so that (Swam) your (Damam) home ( Yaksha) correspond ( यजुर्वेद ३३.३ ) #यजुर्वेद #वेद #अग्नि #विद्वान
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। दिवश्चिदा ते रुचयन्त रोका उषो विभातीरनु भासि पूर्वीः। अपो यदग्न उशधग्वनेषु होतुर्मन्द्रस्य पनयन्त देवाः॥ पद पाठ दि॒वः। चि॒त्। आ। ते॒। रु॒च॒य॒न्त॒। रो॒काः। उ॒षः। वि॒ऽभा॒तीः। अनु॑। भा॒सि॒। पू॒र्वीः। अ॒पः। यत्। अ॒ग्ने॒। उ॒शध॑क्। वने॑षु। होतुः॑। म॒न्द्रस्य॑। प॒नय॑न्त। दे॒वाः॥ जो मनुष्य सूर्य के समान प्रकाश कराने, दुष्टों को जलाने और श्रेष्ठों की स्तुति प्रशंसा करनेवाले होते हैं, वे बिजुली के समान कार्य के सिद्ध करनेवाले होते हैं ॥ Those who are able to light like the sun, to burn the wicked and to praise the superlative, are the ones who prove the work like the Bijuli. ( ऋग्वेद ३.६.७ ) #ऋग्वेद #वेद #विद्वान #प्रसंशा