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सतीश तिवारी 'सरस'
आज का संदेश लोगों को संतुष्ट करते-करते तुम्हारी ज़िन्दगी बीत जायेगी, किन्तु तुम उन्हें कभी संतुष्ट नहीं कर पाओगे। इसलिए अपने लिये, अपनी ख़ुशियों के लिये जीना शुरु करो। ©सतीश तिवारी 'सरस' #संकलित
सतीश तिवारी 'सरस'
#एक_सच्चाई एक चुटकुलेबाज़ ने एक कवि से पूछा- ''जितनी वाहवाही हम चुटकुलेबाज़ी से पाते हैं उतनी तो तुम गीतों से भी नहीं पाते, फिर क्यों व्यर्थ मेहनत करते हो, आखिर फर्क क्या पड़ता है कि कोई कविता पढ़े या चुटकले?'' कवि ने ज़वाब दिया- ''आपका कहना सही हो सकता है, किन्तु फर्क यह पड़ता है कि दूसरे दिन अख़बार में आपकी फोटो छपती है और मेरी पंक्तियाँ'' ©सतीश तिवारी 'सरस' #संकलित
Parasram Arora
Ego और तोंद के बींच मे कोई न आये तो दौ आदमी गले मिल सकते है ©Parasram Arora ego ( संकलित )
ego ( संकलित ) #विचार
read moreVivek Dixit swatantra
संकलित "उम्मीद जब बोझ लगती है ll जिंदगी अफसोस करती है ll आदमी नशे में चूर रहता है, सफलता मदहोश करती है ll अपना पता मेहनत रखिये मंजिल हमें खोज सकती है ll सब्र कछुए की चाल चल रहा, जल्दबाजी खरगोश लगती है ll आपकी खुशी में मेरी खुशी है, खुशी इसी में संतोष करती है ll" ©Vivek Dixit swatantra संकलित ग़ज़ल
संकलित ग़ज़ल #शायरी
read moresuraj gupta
मैं वहीं था... बात ये थोडा अजीब था... वक्त बीत गया था... मै ये जान गया था... वो नहीं मिली.. ये मेरा नसीब था.. साथ छुट गया था.. ये मै जान गया था.. पर क्या करु... वो रिस्ता हि मेरे दिल के.. थोड़ा करीब था... ये मैं जान गया था.. अब वो नहीं लोटेगी.. ये बात सही था.. मैं वही था.. बात ये थोडा अजीब था.. मेरी सोच से संकलित...
मेरी सोच से संकलित...
read moreChetan kumar
(मेरी कलम से.............. ) " ऐ-यायावर तू थोड़े समय के लिए , अपनी पहचान छोड़ दें! सच कहता हूं तू अपने लिए, स्वयं से अपना नाता जोड़ दें! कहता हूं बहुत कड़वा अपनो को, अपने ही रास्तों पर अपने को मोड़ दे! समय नहीं रूकेगा अपना पराया, तू बस अपनी आरजू को विराम दे! तुझे तेरी मनचाही मंजिल मिलेगी, बस माता-पिता का आशीर्वाद ले ले! सपनों के पीछे इतना मत भाग, है उसी को आगे बढ़ाने पर जोर दे! बहुत कोशिश के बाद मुकंदर नहीं मिले, रही है कमियां वह अपने से निछोड़ दे! समय तो लगेगा बहुत कुछ होगा, बस परिणाम आने में देरी लगने दे! " !!....ऐ-यायावर तू थोड़े समय के लिए अपनी पहचान छोड़ दे ............. !! (✍चेतन कुमार मेघवाल) मेरी डायरी से संकलित😍
मेरी डायरी से संकलित😍
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