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Saheb
सोचते हैं आज कह दे तुमसे जो कभी कहा नहीं तुमसे इश्क है और इश्क कोई गुनाह नहीं❤️ ✍️Kalyani Shahdeo"Saheb" ©Saheb33 #hindikavita #hindikavitahindikavita #ljvepoetry #poem #shayri #bestfrnds
Kavya Rang
अंधा है वो देश जहा आदित्य नही है मुर्दा है वो देश कहा साहित्य नही है join us for hindi poetry ©Kavya Rang #kavyarang #हिंदी #hindipoetry #hindikavita #hindikavitayen #kavita #SuperBloodMoon
jatin joshi
एक दिन बैठा मैं छत पर अपनी,देख दूर एक पेड़ खड़ा था। भूरे पत्तों को लहराता,अभिमानी वो वहाँ खड़ा था। अपनी भाषा में बोल रहा कुछ,समझ सका न, बूझ सका मैं। कहने को थी दो आँखें मेरी,देख सका न जान सका मैं। अगले दिन उठकर गया वहाँ पर,निर्मम हालत, विश्वास नहीं। सूखे थे पत्ते, सूखी डालें,बचने की अब कोई आस नहीं। बोला मेरा अब अंत ही बचा,एक काम मेरा जो, मुझे बताना। ये लकड़ी, पत्ते, शाखें मेरी,काट इन्हें तू आग लगाना। होगी फिर जो कुछ राख़ इधर पर, जो मरने वाले उन्हें लगाना।। जो मरने वाले उन्हें लगाना।। #NojotoQuote राख़। hindikavitakoshblog.blogspot.com
राख़। hindikavitakoshblog.blogspot.com
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जाने किस बात की नाराजगी रही वो कुछ कहते तो सही वो कुछ सुनते तो सही,,,, ✍️कल्याणी शाहदेव"साहेब" ©Saheb33 #shayari #gajal #hindikavitaye #hindikavita #hindimekavita #hindikikavita #hindi #hindipoem #shortkavira #lovepoetry
shriram Mishra
बारिश का मौसम आया, रिमझिम रिमझिम पानी लाया। झर झर नीचे पानी आया, सब का मन हरसाया। बादल गरजे गर- गर, फूल मुस्कुराएं सबके घर-घर। बिजली रानी चमक रही है, पेड़-पौधों झूम रहे। इतना अच्छा दृश्य आया, सबका मन लुभाया। - श्रीराम मिश्रा #rainfall #kavita #barrish #hindikavitayen #hindikavita #kavishala #shriram #brahman
SHIVAM AGRAHARI
Mulakaat 👫 #Poetry #mulakaat #Hindi #hindipoems #poetrycommunity #hindikavita #hindikavitaye #kavita #lovepoetry
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मैंने चेहरों को परत दर परत पलटते देखा है मैंने लोगो को बदलते देखा है ओर जो कहते थे विराट बस तुम्ही हो मैंने उन जिस्मो को बिस्तरों के साथ बदलते देखा है #poetrycommunity#kanpuriyaviralalfaaz#hindikavitas#socialhouse
jatin joshi
सपने मेरे सब टूट गए, जब जाना कितना गहरा पानी। न तैरना मुझको आता था, न पास थी कोई नाव मेरे। लकड़ी को एक विश्वास बना, फिर लहरें सारी साथ मेरे। एक दूर किनारा दिखा मुझे, पत्थर की थी चट्टान बड़ी। चढ़ते-चढ़ते ऊपर जिसपर, साँसे जो मेरी हुई खड़ी। मंजिल थी मेरी पूरब में, उस लाल दिशा को जाना था। सपनों के डर से नींद नहीं, फिर से वापस न जाना था। अब चारों ओर उजाला था, टूटे सपने से जीत गया। था मुझको अब विश्वास बड़ा, जीवन जीना मैं सीख गया। #NojotoQuote टूटे सपने। # hindikavitakoshblog. blogspot.com
टूटे सपने। # hindikavitakoshblog. blogspot.com
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गिरने से डरता है क्यों तू? उड़ने से क्यों है घबराता? मर-मर के जीने से अच्छा, चंद्रहास पर धार चढ़ाता। ये भी-वो भी, सब बोलेंगे, बस काम है इनका बोलना, इन भारी-भारी शब्दों को , गज हिम्मत से तू तोलना। सावन में आते जो भौरे, पतझड़ में वो खो जाते है, आने जाने का ये रंग भी, शायद हमसे ही लाते हैं। सब रिश्ते यहाँ मीठाई के, डब्बों के अंदर बिकते हैं, ईद, दीवाली, होली में ही, चखने को ये मिलते हैं। जैसे जीता तू आया है, जीने वैसे अब छोड़ दे, जो, जंजीरें बाँधे तुझको, बन आग उन्हें तू तोड़ दे। #NojotoQuote बदलना होगा। hindikavitakoshblog.blogspot.com
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