Find the Latest Status about बरखा रानी जमके बरसो from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बरखा रानी जमके बरसो.
Rajni Ramdev
विधा--तांका मेघ महल दिखती हलचल दामिनि छल श्वेत श्याम बादल देखो रहे टहल प्यासी धरती अन्तस् दरकती बंजर होती ओ मेघा बरसो रे क्यूँ कल परसों रे रजनी रामदेव न्यू दिल्ली बरखा बरसो रे
बरखा बरसो रे
read moreA@
आई बूंदों की रानी बरखा सुहानी आओ कि आँगन में खेलेंगे हम। झूले भी होंगे पोखर भी होगा सुंदर उपवन गाँव में होगा। पानी की छपछप,कागज की कश्ती मेंढक भी अपनी बैठा नाव में होगा। छत पर मिलेंगे,भीगेगा तन मन हमारा आँचल भी गीला गीला होगा। टपटप सी छत कुछ कच्चे घरों की भीनी सी खुशबू से आँगन नहाया होगा। ©V. Aaraadhyaa #बरखा रानी
Rajni Ramdev
बरखा रानी ,बड़ी सयानी समझाती मत कर नादानी पढ़े लिखे, दिल्ली वालों सुन बहुत कीमती है ये पानी पहले भंडारण बनवाओ फिर आऊँ मैं नाच दिवानी पक्की गलियाँ, पक्की सड़कें नाले बने मेरी जिन्द'गानी अनपढ़ से क्या आस लगाऊँ पढ़े लिखों ने जब न मानी रजनी रामदेव न्यू दिल्ली नाराज़ बरखा रानी
नाराज़ बरखा रानी
read morePushpendra Pankaj
मस्त मस्त बहार है, बरखा की फुहार है, प्राकृतिक सुख-सार है, मूल्यवान उपहार है। बरखा बङी सुहानी है कहो ना केवल पानी है एक जटिल प्रक्रिया है पूरी एक कहानी है । बरखा नभ का उपकार है पृथ्वी का श्रृंगार है , कहने को जलधार है, जीवन का आधार है ।। पुष्पेन्द्र पंकज ©Pushpendra Pankaj #flowers बरखा रानी
Mamta Singh
ओ बरखा रानी जरा थम के बरसो वो आ जाएं घर में फिर जम के बरसो 😍 बरखासावनमौसमचायबारिशहमतुम #लव
read moreshashi kumar saha
बरखा रे बरखा बरखा रे बरखा तपती है मिट्टी प्यासी है धरती बादल सज कर गरज गरज कर मत इतना तरसा बरखा रे बरखा बरस बरस गये गीत सरस गये आंखों में अब तक वही कहानी ज्यों चातक ढूंढें हर शाख पानी और न प्यासे दिल को तड़पा बरखा रे बरखा बरखा रे बरखा #NojotoQuote बरखा रे बरखा
बरखा रे बरखा
read moreADARSH SAHU
बरसो बरसो मेघा बरसो बरसे नहीं हो आज तक। एक बूंद तेरी मेरी प्यास थी जो मिली नहीं है आज तक।। देखो कितना क्रूर है सूरज जो धरती को झुलसा ये। तुम नहीं समझे सोचो अपनी पीड़ा किसको बताये।। पिता तुल्य हो दया करो अब कलियां झुलसी जाये। रोए किसान देखे जो ऐसे अपनी फसलों के हाल तक। बरसो बरसो मेघा बरसो बरसे नहीं हो आज तक।। नदी और तालाब बगीचे खेत और खलिहान हैं सूखे। देखो बच्चे खाते कैसे? हैं किसान के रूखे सूखे॥ देखो अब इन बच्चों के तुम वह बड़े भाई सरीखे। देखो तेरे बिन रवि कैसे ले गया धरती का श्रृंगार तक॥ बरसो बरसो मेघा बरसो बरसे नहीं हो आज तक।। पानी में अठखेलियां भूले दुबके बैठे घरों में। पशु-पक्षी तक है बेहाल जान नहीं है पैरों में॥ सबको है विश्वास तुम ही में आएंगे देवराज अब। जल्दी आओ जल्दी आओ हम थाल सजाए आज तक।। बरसो बरसो मेघा बरसो बरसे नहीं हो आज तक। बरसो बरसो मेघा बरसो
बरसो बरसो मेघा बरसो
read moreराघव रमण
झहरैत पैनक एक अछार डुमि गेल खेत आ खरिहान पोखैर इनार सबतरि भरलै हवा बसातक करू गुणगान ©Raghav Raman #बरखा