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Bhupendra Rawat
इतिहास साक्षी है कि शांति स्थापित करने के लिए लड़े गए युद्ध के गर्भ मे कभी भी नही छिपी होती शांति बल्कि युद्ध के गर्भ से जन्म होता है, एक और युद्ध का युद्ध कहानी नही विकास की यह तो शुरुआत है विनाश की इंसानियत के रक़्तपात की अंतः युद्ध का परिणाम सदैव ही होता है घातक कलिंग युद्ध की हृदय विदारक हिंसा एवं नरसंहार परिणाम ने अशोक को युद्धों से सीखा दिया था, घृणा करना बुद्ध ने कदापि नही लड़ा कोई युद्ध और ना ही शांति स्थापित करने हेतु कहा युद्ध शरण गच्छामि बल्कि शांति स्थापित करने के लिए दर बदर घूम कर दिया था उपदेश शांति का बुद्ध शरण गच्छामि Bhupendra Rawat 4/01/2024 ©Bhupendra Rawat #uskebina इतिहास साक्षी है कि शांति स्थापित करने के लिए लड़े गए युद्ध के गर्भ मे कभी भी नही छिपी होती शांति बल्कि युद्ध के गर्भ से जन्म
OMG INDIA WORLD
कोनार्क सूर्य मंदिर ,ओडिशा ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD भारतीय कला एवं संस्कृति कोणार्क मंदिर कोणार्क सूर्य मंदिर पूर्वी ओडिशा के पवित्र शहर पुरी के पास स्थित है। • इसका निर्माण
#OMGINDIAWORLD भारतीय कला एवं संस्कृति कोणार्क मंदिर कोणार्क सूर्य मंदिर पूर्वी ओडिशा के पवित्र शहर पुरी के पास स्थित है। • इसका निर्माण #समाज
read moreVikas Sharma Shivaaya'
सूर्य शाबर मंत्र:- ll ओम गुरूजी दीत दीत महादीत.दूत सिमरू दसो द्वार.घट मे राखे घेघट पार तो गुरू पावूं दीतवार.दीतवार कश्यप गोत्र,रक्त वर्ण जाप सात हजार कलिंग देश मध्य स्थान वर्तुलाकार मंडल १२ अंगुल सिंह राशि के गुरू को नमस्कार.सत फिरे तो वाचा फिरे,पीन फूल वासना सिंहासन धरे, तो इतरो काम दीतवार जी महाराज करेओम फट् स्वाहा भैरव शाबर मन्त्र “ॐ रिं रिक्तिमा भैरो दर्शय स्वाहा । ॐ क्रं क्रं-काल प्रकटय प्रकटय स्वाहा । रिं रिक्तिमा भैरऊ रक्त जहां दर्शे । वर्षे रक्त घटा आदि शक्ति । सत मन्त्र-मन्त्र-तंत्र सिद्धि परायणा रह-रह । रूद्र, रह-रह, विष्णु रह-रह, ब्रह्म रह-रह । बेताल रह-रह, कंकाल रह-रह, रं रण-रण रिक्तिमा सब भक्षण हुँ, फुरो मन्त्र । महेश वाचा की आज्ञा फट कंकाल माई को आज्ञा । ॐ हुं चौहरिया वीर-पाह्ये, शत्रु ताह्ये भक्ष्य मैदि आतू चुरि फारि तो क्रोधाश भैरव फारि तोरि डारे । फुरो मन्त्र, कंकाल चण्डी का आज्ञा । रिं रिक्तिमा संहार कर्म कर्ता महा संहार पुत्र । ‘अमुंक’ गृहण-गृहण, मक्ष-भक्ष हूं । मोहिनी-मोहिनी बोलसि, माई मोहिनी । मेरे चउआन के डारनु माई । मोहुँ सगरों गाउ । राजा मोहु, प्रजा मोहु, मोहु मन्द गहिरा । मोहिनी चाहिनी चाहि, माथ नवइ । पाहि सिद्ध गुरु के वन्द पाइ जस दे कालि का माई ॥” विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 188 से 198 नाम 188 गोविदां-पतिः गौ (वाणी) पति 189 मरीचिः तेजस्वियों के परम तेज 190 दमनः राक्षसों का दमन करने वाले 191 हंसः संसार भय को नष्ट करने वाले 192 सुपर्णः धर्म और अधर्मरूप सुन्दर पंखों वाले 193 भुजगोत्तमः भुजाओं से चलने वालों में उत्तम 194 हिरण्यनाभः हिरण्य (स्वर्ण) के समान नाभि वाले 195 सुतपाः सुन्दर तप करने वाले 196 पद्मनाभः पद्म के समान सुन्दर नाभि वाले 197 प्रजापतिः प्रजाओं के पिता 198 अमृत्युः जिसकी मृत्यु न हो 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य शाबर मंत्र:- ll ओम गुरूजी दीत दीत महादीत.दूत सिमरू दसो द्वार.घट मे राखे घेघट पार तो गुरू पावूं दीतवार.दीतवार कश्यप गोत्र,रक्त वर्ण जाप
सूर्य शाबर मंत्र:- ll ओम गुरूजी दीत दीत महादीत.दूत सिमरू दसो द्वार.घट मे राखे घेघट पार तो गुरू पावूं दीतवार.दीतवार कश्यप गोत्र,रक्त वर्ण जाप #समाज
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KP GK SAGAR GK questions in Hindi ©KP STORY CREATOR #KP GK SAGAR GK #questions in #Hindi प्रश्न 1- किस मौर्य राजा ने दक्कन पर विजय प्राप्त की थी। उत्तर - कुणाल ने। प्रश्न 2- मेगास्थी
#kp GK SAGAR GK #Questions in #Hindi प्रश्न 1- किस मौर्य राजा ने दक्कन पर विजय प्राप्त की थी। उत्तर - कुणाल ने। प्रश्न 2- मेगास्थी #अशोक #न्यूज़ #राजनीतिक #सर्वप्रथम
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माथे का पल्लू पार्ट - 2 #mathhe ka pllau #माथे का पल्लू पार्ट - 2 बारिश की शाम,ठंडी और तेज तूफानी हवा चल रही थी,मैं दौड़ती हुई कॉलेज से बाहर टुनटुन टपड़ी वाले क
#mathhe ka pllau #माथे का पल्लू पार्ट - 2 बारिश की शाम,ठंडी और तेज तूफानी हवा चल रही थी,मैं दौड़ती हुई कॉलेज से बाहर टुनटुन टपड़ी वाले क #nojotohindi #nojotoLove #nojotoenglish
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KP NEWS for the same for me to get ©कंवरपाल प्रजापति टेलर सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है. इस साल 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी है. इस दिन शेषनाग, वासुकी नाग, तक्षक नाग,
सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है. इस साल 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी है. इस दिन शेषनाग, वासुकी नाग, तक्षक नाग, #न्यूज़
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{Bolo Ji Radhey Radhey} मौसी माँ मंदिर :- 💮 रामेश्वर देउला ओडिशा के भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। मंदिर भगवान शिव के सम्मान में बनाया गया था। मंदिर को मौसी मां के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पूजनीय मंदिर है और इसलिए विभिन्न स्थानों से भक्त देवता की पूजा करने आते हैं। मंदिर को रामेश्वर नाम मिला क्योंकि इसे भगवान राम ने भगवान शिव के लिए स्थापित किया था। मंदिर इतिहास और मंदिर किंवदंती :- 💮 मंदिर का इतिहास 9वीं शताब्दी का है। किंवदंती के अनुसार, जब भगवान राम लंका के राजा रावण को हराकर अयोध्या लौट रहे थे, तो देवी सीता ने भगवान राम से एक शिव लिंग स्थापित करने के लिए कहा क्योंकि वह भगवान शिव की पूजा और धन्यवाद करना चाहती थीं। इसलिए, भगवान राम ने एक शिव लिंगम का निर्माण किया। मंदिर को रामेश्वर के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर वास्तुकला :- 💮 रामेश्वर मंदिर की वास्तुकला प्राचीन कलिंग शैली से संबंधित है और इसे रेखा क्रम के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें ओडिसी कला और परंपरा की कई विशेषताएं भी हैं। मंदिर एक बलुआ पत्थर की संरचना है। अन्य मंदिरों के विपरीत इसमें कई विभाजनों का अभाव है। मंदिर में एक अतिरिक्त पीठा संरचना है जो स्वतंत्र रूप से खड़ी है। रामेश्वर मंदिर का मुख पूर्व की ओर है और इसलिए सूर्य की पहली किरण मंदिर पर पड़ती है। 💮 मंदिर एक एकल हॉल से युक्त है जिसमें एक लंबा पिरामिड शिखर है। इसमें कई तह हैं और आकर्षक डिजाइनों के साथ इसे उकेरा गया है। एकल हॉल में मुख्य देवता हैं। शिव लिंगम काले पत्थर से बना है। 0.35 मीटर लंबा शिव लिंग एक योनि पीठ पर रखा गया है और यह क्लोराइट से बना है। देवी दुर्गा की एक छवि भी देखी जाती है। त्यौहार और समारोह :- 💮 मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहार महा शिवरात्रि, मकर संक्रांति, कार्तिकी पूर्णिमा और दिवाली है। परंपरागत रूप से, भगवान लिंगराज एक बड़े रथ पर रामेश्वर देउला मंदिर में आते हैं, जिसे रुकुना रथ के नाम से भी जाना जाता है और अशोकष्टमी के दौरान चार दिनों तक रहता है, जो चैत्र महीने में राम नवमी से एक दिन पहले पड़ता है। कैसे पहुंचा जाये :- ट्रेन द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन भुवनेश्वर है। ©N S Yadav GoldMine #MothersDay {Bolo Ji Radhey Radhey} मौसी माँ मंदिर :- 💮 रामेश्वर देउला ओडिशा के भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। मं
#MothersDay {Bolo Ji Radhey Radhey} मौसी माँ मंदिर :- 💮 रामेश्वर देउला ओडिशा के भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। मं #समाज
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गान्धारी बोलीं- माधव जो काबुल के बने हुए मुलायम बिछौनों पर सोने के योग्य हैं पढ़िए महाभारत !! 📝📝 महाभारत: स्त्री पर्व पन्चर्विंष अध्याय: श्लोक 1-17 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📜 गान्धारी बोलीं- माधव। जो काबुल के बने हुए मुलायम बिछौनों पर सोने के योग्य हैं, वह बैल के समान हष्ट-पुष्ट कन्धों वाला दुर्जय वीर काम्बोज राज सुदक्षिण मरकर धूल में पड़ा हुआ है। उसकी चंदन चर्चित भुजाओं को रक्त में सनी हुई देख उसकी पत्नि अत्यन्त दुखी हो करुणा जनक विलाप कर रही है। 📜 वह कहती है- प्राणनाथ। सुन्दर हथेली और अंगुलियों से युक्त तथा परिघ के समान मोटी ये वे ही दोनो भुजाऐं हैं, जिनके भीतर आप मुझे अंग में भर लेते थे और उस अवस्था में मुझे जो प्रसन्नता होती थी, उसने पहले कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा था। जनेष्वर। अब आपके बिना मेरी क्या गति होगी। श्रीकृष्ण। अपने जीवन बन्धु के मारे जाने से अनाथ हुई यह रानी कांपती हुई मधुर स्वर से विलाप कर रही है। 📜 घाम से मुर्झाती हुई नाना प्रकार की पुष्प मालाओं के समान यह राज रानियां धूप से तप गयी हैं, तो भी इनके शरीरों को सौन्दर्य श्री छोड़ नहीं रही हैं । मधुसूदन। देखो, पास ही वह शूरवीर कलिंगराज सो रहा है, जिसकी दोनों विशाल भुजाओं में चमकीले अंगद (बाजूबन्द) बंधे हुए हैं। जनार्दन। 📜 उधर मगध राज जयत्सेन पड़ा है, जिसे चारों ओर से घेरकर उसकी पत्नियां अत्यन्त व्याकुल हो फूट-फूट कर रो ही हैं। श्रीकृष्ण। मधुर स्वर वाली इन विशाल लोचना रानियों का मन और कानों को माह लेने वाला आर्तनाद मेरे मन को मूर्छित सा किये देता है। इनके वस्त्र और आभूषण अस्त व्यस्त हो रहे हैं। 📜 सुन्दन विछौनों से युक्त शैयाओं पर सयन करने के योग्य ये मगध देष की रानियां शोक से व्याकुल हो रोती हुई भूमि पर लोट रही हैं। अपने पति कौषल नरेष राजकुमार बृहदल को भी चारों ओर से घेरकर उनकी रानियां अलग-अलग रो रही हैं। अभिमन्यु के बाहुबल से प्रेरित होकर कौषल नरेष के अंगों में धंसे हुए बाणों को ये रानियां अत्यन्त दुखी होकर निकालती हैं और बार-बार मूर्छित हो जाती हैं। 📜 माधव। इन सर्वांग सुन्दरी राज महिलाओं के सुन्दर मुख धूप और परिश्रम के कारण मुर्झाये हुए कमलों के समान प्रतीत होते हैं। ये द्रोर्णाचार्य के मारे हुए धृष्टद्युम्न के सभी छोटे-छोटे शूरवीर बालक सो रहे हैं। इनकी भुजाओं में सुन्दर अंगद और गले में सोने के हार शोभा पाते हैं। 📜 द्रोणार्चाय प्रज्वलित अग्नि के समान थे, उनका रथ ही अग्निषाला था, धनुष ही उस अग्नि की लपट था, बाण, शक्ति और गधाऐं समिधा का काम दे रही थीं, धृष्टद्युम्न के पुत्र पतंगों के समान उस द्रोण रूपी अग्नि में जलकर भष्म हो गये। इसी प्रकार सुन्दर अंगदों से विभूषित पांचो शूरवीर भाई कैकय राजकुमार समरांगन में सम्मुख होकर जूझ रहे थे। 📜 वे सब के सब आचार्य द्रोण के हाथ से मारे जाकर सो रहे हैं। इन सबके कवच तपाये हुए स्वर्ण के बने हुए हैं और इनके रथ समूहों ताल चिन्हित ध्वाजाओं से सुशोभित हैं। ये राजकुमार अपनी प्रभा से प्रज्वलित अग्नि के समान भू-तल को प्रकाषित कर रहे हैं। N S Yadav 📜 माधव। देखो, युद्धस्थल में द्रोणाचार्य ने जिन्हें मार गिराया था वे राजा द्रुपद सो रहे हैं, मानो किसी वन में विशाल सिंह के द्वारा कोई महान् गजराज मारा गया हो। ©N S Yadav GoldMine #walkalone गान्धारी बोलीं- माधव जो काबुल के बने हुए मुलायम बिछौनों पर सोने के योग्य हैं पढ़िए महाभारत !! 📝📝 महाभारत: स्त्री पर्व पन्चर्विं
#walkalone गान्धारी बोलीं- माधव जो काबुल के बने हुए मुलायम बिछौनों पर सोने के योग्य हैं पढ़िए महाभारत !! 📝📝 महाभारत: स्त्री पर्व पन्चर्विं #पौराणिककथा
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माथे का पल्लू... पार्ट - 1 #माथे का पल्लू पार्ट 1 मंदिर के पीछे वाले तालाब में पैर डाले,एक दूसरे के हथेलियों को पकड़े हुए,उसने मेरी आँखों में देखते हुए कहा कि "रिया" म
#माथे का पल्लू पार्ट 1 मंदिर के पीछे वाले तालाब में पैर डाले,एक दूसरे के हथेलियों को पकड़े हुए,उसने मेरी आँखों में देखते हुए कहा कि "रिया" म #nojotohindi #nojotoLove #nojotoenglish #nojotonews
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