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तब वसुधा पुलकित हो उठी- प्रचण्ड अन्तर्दाह से एक विराट् पिंड खण्ड-खण्ड होकर आकाश से टूट पड़ा और क्षितिज में घूमने लगा। एक खण्ड विधाता के सम्मुख भी जा गिरा। उन्होंने सोचा इससे क्रीड़ा की जाए। किन्तु ओह! यह तो अंगार की तरह गर्म था। विधाता ने उसे जल में विहार करने के लिए छोड़ दिया। जब निकाला तो पता चला कि उसमें स्पन्दन है। विधाता ने पूछा क्या तुम में जीवन है? ‘हाँ’ का उत्तर पाकर विधाता ने फिर पूछा तुम्हारा नाम क्या है? अनामा पिण्ड ने उत्तर दिया—मेरा नाम कुछ भी नहीं है! विनोदी विधाता ने उसका नाम ‘वसुधा’ रखकर कहा लो तुम्हारा नाम रख दिया। अब प्रसन्न होकर हँसो खेलों और मंगल मनाओ। वसुधा ने एक गर्म उच्छास छोड़ कर कहा—निर्माता! मेरे अन्तर में अनन्त दाह भरा है, मैं किस प्रकार हँस सकती हूँ। विधाता ने उसे हरी-भरी वनस्पति से भर दिया और कहा अबतो हँसोगी? वसुधा ने फिर एक उच्छास छोड़ा वह भी गर्म था। अब विधाता ने उसे एक शिशु प्राणी प्रदान करके कहा—ले यह मानव शरीर तेरी प्रसन्नता का हेतु बनेगा। मनुष्य वसुधा की गोद में बड़ा हुआ और उसने अपने परिश्रम से माँ वसुधा को सजा दिया। वसुधा का श्रंगार देख कर विधाता ने एक दिन फिर पूछा—वसुधे, अबतो तुम्हारी प्रसन्नता का वारापार न होगा। वसुधा ने पुनः उच्छास छोड़ा। वह भी गर्म था। विधाता ने झुँझला कर कहा—तू कभी सुखी नहीं हो सकती और वे नाराज होकर चले गये। एक दिन एक मधुर संगीत से विधाता की नींद टूटी। उन्होंने उठकर देखा वसुन्धरा गा रही थी। विधाता ने उसकी प्रसन्नता हेतु पूछा। हँसते हुये वसुधा ने बतलाया—सृष्टा, जब हमारे पुत्र मनुष्य निःस्वार्थ भाव से एक दूसरे पर प्रेम करते हैं और मिलजुल कर मेरी सम्पत्ति का आनंद उठाते हैं तो पुत्रों के इस प्रेम-भाव से मेरा रोम-रोम पुलकित हो जाता है। तब वसुधा पुलकित हो उठी
तब वसुधा पुलकित हो उठी
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी अफसाने कितने कैद है सबक किया हमने सीखा है नजारे कैद तो बहुत है हमारे डिवाइस में मगर इनसे नाता कब हमने मन मस्तिष्क से जोड़ा है खिल खिला उठे तन मन स्पंद रोम करने लगे अहसास नजारों का बंद आँखों के बाद भी पुलकित हमको करता रहे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #yaadein पुलकित हमको करता रहे #nojotohindi
#yaadein पुलकित हमको करता रहे #nojotohindi #कविता
read moreKM Jaya
"मेघदूत ने बरसाया है अमृत का पावन कलश , शिवरात्रि के पूर्व किया है पूरी धरा को पावन , पुलकित है मन ,पुलकित है तन, पुलकित जगह सहारा है "
"मेघदूत ने बरसाया है अमृत का पावन कलश , शिवरात्रि के पूर्व किया है पूरी धरा को पावन , पुलकित है मन ,पुलकित है तन, पुलकित जगह सहारा है "
read moreKM Jaya
"मेघदूत ने बरसाया है अमृत का पावन कलश , शिवरात्रि के पूर्व किया है पूरी धरा को पावन , पुलकित है मन ,पुलकित है तन, पुलकित जगह सहारा है "
"मेघदूत ने बरसाया है अमृत का पावन कलश , शिवरात्रि के पूर्व किया है पूरी धरा को पावन , पुलकित है मन ,पुलकित है तन, पुलकित जगह सहारा है "
read morePulkit Rajoriya
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कटनी पुलकित राजोरिया पुल्ली भैया
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कटनी पुलकित राजोरिया पुल्ली भैया #विचार
read moreSourabh Goswami
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार नन्हें-नन्हें क़दमों से माँ आए आपके द्वार इस नवरात्रि यही हैं माँ से पुकार। ©Sourabh Goswami लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार #Nojotoshortvideo
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार shortvideo #Shayari #nojotoshortvideo
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
तुम 'कौस्तुभ' जैसा ही चमकोगे, प्रिय! जॉय सदा एन्जॉय करो। दे रहे दुआ, ख़ुश रहो सदा, मन पुलकित और हर्षाय रहो। ©HINDI SAHITYA SAGAR तुम 'कौस्तुभ' जैसा ही चमकोगे, प्रिय! जॉय सदा एन्जॉय करो। दे रहे दुआ, ख़ुश रहो सदा, मन पुलकित और हर्षाय रहो। #hindisahityasagar
तुम 'कौस्तुभ' जैसा ही चमकोगे, प्रिय! जॉय सदा एन्जॉय करो। दे रहे दुआ, ख़ुश रहो सदा, मन पुलकित और हर्षाय रहो। #hindisahityasagar #कविता
read moreDil galti kr baitha h
"देखो नूतन वर्ष हैं आया, धरा पुलकित हुई गगन मुस्काया। किंचित चिंताओं में डूबा कल ढूँढ़ ही लेगा नया वर्ष कोई हल.. " ©Dil galti kr baitha h "देखो नूतन वर्ष हैं आया, धरा पुलकित हुई गगन मुस्काया। किंचित चिंताओं में डूबा कल ढूँढ़ ही लेगा नया वर्ष कोई हल.. "
"देखो नूतन वर्ष हैं आया, धरा पुलकित हुई गगन मुस्काया। किंचित चिंताओं में डूबा कल ढूँढ़ ही लेगा नया वर्ष कोई हल.. " #suspense
read moreTanha shayar Yash
दीपक में रौशनी, रौशनी में प्रकाश, पुलकित है धरती, जगमग है आकाश, पटाखों का शोर, दीयों की कतार, विराजे मां लक्ष्मी आपके द्वार
दीपक में रौशनी, रौशनी में प्रकाश, पुलकित है धरती, जगमग है आकाश, पटाखों का शोर, दीयों की कतार, विराजे मां लक्ष्मी आपके द्वार
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