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Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat खामोशी लिखूं। या बर्बादी लिखूं। गुमशुदा ख़ुद से या। गुमनामी लिखूं। परछाई लिखूं। या आत्मा में पनपता। परोपकार लिखूं। हालात लिखूं। या बलात्कार लिखूं। किस्से लिखूं या। कहानियां लिखूं। गलत फेमियां लिखूं। या फैसलों से फासले लिखूं। उजाला लिखूं या। अंधेरा लिखूं। भाहिश्कर लिखूं। या कीर्तिमान लिखूं। कारण लिखूं या। कर्म लिखूं। प्यार लिखूं या। स्नेह लिखूं। कुछ सीखतीं। या सिखातीं। अब बस आशीर्वाद ले लूं अब बस मां लिखूं। अब बस मां लिखूं। #women #respect #relationship #yqdidi #yqbaba #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat खामोशी लिखूं। या बर्बादी लिखूं। गुमशुदा ख़ुद से
Nitish Mishra, what's aap,7238952541
सवाल लिखूं।या जवाब लिखूं, अरमान लिखूं या जज़्बात लिखूं, सिहर जाता हूं।सोच कर कि कैसे बदले हुए हालात लिखूं, ,,, ✍️नितीश कुमार मिश्र सवाल लिखूं या जज़्बात लिखूं,,,,,,,
सवाल लिखूं या जज़्बात लिखूं,,,,,,,
read moreWriter Abhishek Anand 96
मैं वेद लिखूं या पुराण लिखूं, या कोई मस्जिद का कुरान की बात लिखूं..! जो बीत गया वो बात लिखूं या बीत रहे जो हालात है वो जज्बात लिखूं.. खुशियों बिन कैसे जीता हूं, मैं जिंदगी अपनी वो औकात लिखूं..! जो छोड़ गये उनकी वो याद लिखूं या जो आऐंगे कभी खुद को उनसे दुर लिखूं होके नभ से दुर किसी चमकते हुए तारे का मैं दर्द लिखूं जिनके यादों के सहारे रो रो कर गुजारें है कई रात उन यादों की बारात लिखूं..! दिल ने जो खोया या पाया, मैं जीत उसे या मात लिखूं..! जो खुशी मिली है अपनों से, मैं आज वही सौगात लिखूं..! अब इस मन में जो सुख दुख है, मै उसका ही अनुपात लिखूं..!! मैं तुमको coffee और खुद को चाय लिखूं ❣️ ©wríêr ãbhïßhêk æñæñd वेद लिखूं या पुराण लिखूं........ #Winter
Ashish Ke Alfaaz
क्या लिखूँ बचपन की यादें लिखूं या चढ़ती जवानी लिखूं थोड़ी-थोड़ी शरारतें लिखूं या मन की हसरतें लिखूं माँ की ममता लिखूं या पिता का प्यार लिखूं बहते पानी की कल-कल लिखूं या जिन्दगी के खूबसूरत पल लिखूं , क्या लिखूं ? शिल्पकार की बनावट लिखूं या चिड़िया की चहचहाहट लिखूं लिखूं बारिश की बूंदें या पहाड़ों में गूँजती आवाज़ लिखूं नदियों का बहना लिखूं या नारी का गहना लिखूं बादल की गड़गड़ाहट लिखूं या भीगे बदन की घबराहट लिखूं , क्या लिखूं ? नई कलियों का खिलना लिखूं या किसान का धूप में जलना लिखूं लिखूं प्रेम का संगीत कोई या वीर का अभिमान लिखूं पूरब की हरियाली लिखूं या पश्चिम की उड़ती धूल लिखूं उत्तर का हिमालय लिखूं या दक्षिण का सागर लिखूं , क्या लिखूं? दिल में बसा कोई सपना लिखूं या प्यारा कोई अपना लिखूं मन की मायूसी लिखूं या आलस की उबासी लिखूं लिखूं हौंसले की उड़ान कोई या परिंदे की पहचान लिखूं क्या लिखूं ? क्या लिखूं ? ©Ashish Pratap Singh #क्या_लिखूँ #phonecall 🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸 क्या लिखूँ बचपन की यादें लिखूं
#क्या_लिखूँ #phonecall 🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸 क्या लिखूँ बचपन की यादें लिखूं
read moreअशेष_शून्य
सिर्फ़ एक शब्द में ........."जीवन" लिख दूं -Anjali Rai (अनुशीर्षक में .......) सोचा कि आज तुम्हें लिखूं पर क्या लिखूं "भोले" लिखूं या "रूद्र" लिखूं आदि या अंत लिखूं या सिर्फ़ एक शब्द में कोई ....... प्रारंभ लिख दूं। अ
सोचा कि आज तुम्हें लिखूं पर क्या लिखूं "भोले" लिखूं या "रूद्र" लिखूं आदि या अंत लिखूं या सिर्फ़ एक शब्द में कोई ....... प्रारंभ लिख दूं। अ #hindiquotes #yqbaba #yourquotedidi #yqsahitya #शिवत्व #अशेष_शून्य #yqashtheticsthoughts
read morepooja roy
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना #nojotophoto
read morepooja roy
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना #Krishna #poem #writing #nojota #nojotophoto
read morePankaj Kumar_008_musafir
थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज्बात लिखूं या हालात लिखूं.. तेरे इश्क़ को अपने साथ लिखूं, या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं.. तुझे देखूं फिर तेरी बात लिखूं, तारीफ लिखूं या फ़रियाद लिखूं.. तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं, या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं.. तुझे दिन या खुद को रात लिखूं, बता आज कौनसी बात लिखूं.. राइटर_Pankaj_Kumar_✍️ ©kavi Pankaj Kumar थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज्बात लिखूं या हालात लिखूं.. तेरे इश्क़ को अपने साथ लिखूं, या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं.. तुझे देखूं फ
थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज्बात लिखूं या हालात लिखूं.. तेरे इश्क़ को अपने साथ लिखूं, या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं.. तुझे देखूं फ
read moreमुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
बातें तो बहुत है, एक लिखूं या अनगिनत लिखूं , समझ नहीं आता बस हिसाब लिखूं या एक किताब लिखूं II " ©Ankur Mishra बातें तो बहुत है, एक लिखूं या अनगिनत लिखूं , समझ नहीं आता बस हिसाब लिखूं या एक किताब लिखूं II "
बातें तो बहुत है, एक लिखूं या अनगिनत लिखूं , समझ नहीं आता बस हिसाब लिखूं या एक किताब लिखूं II " #Quotes
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